सरकार ने कहा कि हिन्दी को विश्वभर में लोकप्रिय बनाने और उसे संयुक्त राष्ट्र की एक आधिकारिक भाषा के तौर पर स्वीकार करने की दिशा में प्रयास जारी है और इस बारे में महत्वपूर्ण उपलब्धि संयुक्त राष्ट्र रेडियो वेबसाइट पर हिन्दी भाषा में कार्यक्रमों का प्रसारण है.
लोकसभा में रमा देवी के पूरक प्रश्न के उत्तर में विदेश राज्य मंत्री वी के सिंह ने कहा, ‘‘सरकार ने हिन्दी को संयुत राष्ट्र की आधिकारिक भाषा के तौर पर स्वीकार किये जाने के लिए प्रयास जारी रखा है. इस संबंध में एक अहम उपलब्धि संयुक्त राष्ट्र द्वारा अपने कार्यक्रमों को यूएन रेडियो वेबसाइट पर हिन्दी भाषा में प्रसारित किया जाना है.’’
इस प्रश्न के लिखित उत्तर में विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने कहा कि हिन्दी को संयुक्त राष्ट्र की आधिकारिक भाषा के तौर पर स्वीकार किये जाने के प्रयासों के संदर्भ में 13 जुलाई 2007 को न्यूयार्क में 8वें विश्व हिन्दी सम्मेलन का आयोजन किया गया और इसका उद्घाटन सत्र संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में आयोजित किया गया था, जिसमें संयुक्त राष्ट्र के तत्कालीन महासचिव ने भी हिस्सा लिया था.
उन्होंने कहा कि 10 से 12 सितंबर 2015 तक भोपाल में आयोजित 10वें हिन्दी सम्मेलन के एक सत्र को ‘विदेश नीति में हिन्दी’ शीषर्क को समर्पित किया गया था. इसमें इस संस्तुति को दोहराया गया था कि हिन्दी को संयुक्त राष्ट्र की भाषा बनाया जाना चाहिए.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
लोकसभा में रमा देवी के पूरक प्रश्न के उत्तर में विदेश राज्य मंत्री वी के सिंह ने कहा, ‘‘सरकार ने हिन्दी को संयुत राष्ट्र की आधिकारिक भाषा के तौर पर स्वीकार किये जाने के लिए प्रयास जारी रखा है. इस संबंध में एक अहम उपलब्धि संयुक्त राष्ट्र द्वारा अपने कार्यक्रमों को यूएन रेडियो वेबसाइट पर हिन्दी भाषा में प्रसारित किया जाना है.’’
इस प्रश्न के लिखित उत्तर में विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने कहा कि हिन्दी को संयुक्त राष्ट्र की आधिकारिक भाषा के तौर पर स्वीकार किये जाने के प्रयासों के संदर्भ में 13 जुलाई 2007 को न्यूयार्क में 8वें विश्व हिन्दी सम्मेलन का आयोजन किया गया और इसका उद्घाटन सत्र संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में आयोजित किया गया था, जिसमें संयुक्त राष्ट्र के तत्कालीन महासचिव ने भी हिस्सा लिया था.
उन्होंने कहा कि 10 से 12 सितंबर 2015 तक भोपाल में आयोजित 10वें हिन्दी सम्मेलन के एक सत्र को ‘विदेश नीति में हिन्दी’ शीषर्क को समर्पित किया गया था. इसमें इस संस्तुति को दोहराया गया था कि हिन्दी को संयुक्त राष्ट्र की भाषा बनाया जाना चाहिए.
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