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This Article is From Oct 20, 2016

आतंकवाद पर असम साहित्य सभा के अध्यक्ष की पहली अंग्रेजी किताब...

आतंकवाद पर असम साहित्य सभा के अध्यक्ष की पहली अंग्रेजी किताब...
प्रतीकात्‍मक चित्र
असम साहित्य सभा के अध्यक्ष डॉ. ध्रुवज्योति बोरा ने अपनी पहली अंग्रेजी किताब में आतंकियों के एक समूह की कठिन आजादी और अनिश्चित भविष्य की यात्रा का नक्शा खींचा है. ‘दी स्लीपवॉकर्स ड्रीम: ए नॉवेल’ उपन्यास जून, रॉन अैर कई अन्य विरोधियों की कहानी है, जो सैन्य हमले के बाद अपने जख्मी और बेहोश नेता को लेकर भूटान में अपने गढ़ से भाग निकलते हैं. इस अनिश्चय के साथ कि असम की सीमा तक की यात्रा तक नेता जीवित भी रह पाएगा या नहीं.

सर्दियों के मौसम में उन्हें अस्थायी आश्रय की सख्त जरूरत होती है और चमत्करिक रूप से उनका नेता कोमा से बाहर आ जाता है. वह उन्हें उस गुफा तक का रास्ता बताता है, जहां भोजन और अन्य जरूरी वस्तुएं मौजूद हैं. इस समूह में अकेली महिला जून को इस दौरान अपनी बचपन की यादें ताजा हो जाती हैं.

इस किताब का प्रकाशन दिल्ली के स्पीकिंग टाइगर ने किया है. लेखक ने बताया कि उग्रवादी हम लोगों में से ही निकल कर आते हैं. उनके जीवन में भी उसी तरह के डर, दुख और अनिश्चितताएं होती हैं जैसी कि हमारे जीवन में होती हैं. अंतर सिर्फ इतना है कि उनके सोचने और काम करने का तरीका हमसे अलग होता है.

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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