नई दिल्ली:
अमीश त्रिपाठी का मानना है कि सीता कोई सिर झुकाकर आदेश पालन करने वाली पत्नी नहीं थी जैसा कि टीवी धारावाहिकों और लोकप्रिय साहित्यों में उन्हें अक्सर चित्रित किया गया है बल्कि वह एक योद्धा थीं. ‘शिव रचना त्रय’ के लेखक त्रिपाठी इसके बजाय सीता को एक योद्धा राजकुमारी के तौर पर देखते हैं जो गोद ली हुई एक बेटी के दर्जे से एक योद्धा राजकुमारी और आखिरकार देवी बनने तक कई चुनौतियों का सामना करती हैं.
उन्होंने एक साक्षात्कार में बताया कि रामचंद्र श्रृंखला में उनकी दूसरी पुस्तक में भगवान राम महज एक सहायक की भूमिका में होंगे और यह उनकी पत्नी सीता पर पूरी तरह से केंद्रित होगी. उन्होंने कहा कि सीता का जो रूप आज हमारे सामने है वह 1980 के दशक की टीवी धारावाहिकों पर आधारित है जो बहुत हद तक तुलसीदास के ‘रामचरित मानस’ पर आधारित हैं.
‘सीता: वारियर ऑफ मिथिला’ शीषर्क वाली यह पुस्तक इस साल विमोचित होगी. यह पुस्तक सीता के जन्म से लेकर रावण द्वारा उनका हरण किए जाने तक की अवधि का चित्रण करेगा. इस पुस्तक में राम सिर्फ इसके आखिरी एक तिहाई हिस्से में नजर आएंगे.
त्रिपाठी ने बताया कि यह पुस्तक वाल्मीकि की ‘अद्भुत रामायण’ से प्रेरित है. वाल्मीकि ने जिस सीता का चित्रण किया है वह असाधारण मजबूती से कई बाधाओं को पार करती हैं और वीरांगना एवं देवी के रूप में उभरती है.
उन्होंने कहा कि रामायण शब्द का अर्थ राम की यात्रा है. यह भगवान राम की कहानी है और सीता देवी उसमें एक किरदार हैं. ‘‘..लेकिन मेरी पुस्तक असल में सीता देवी की कहानी है जहां राम महज एक किरदार हैं जो पुस्तक के आखिरी एक तिहाई हिस्से में नजर आते हैं.’’ त्रिपाठी ने बताया कि ‘अदभुत रामायण’ में सीता ने रावण का वध किया है.
उन्होंने बताया कि दो रावण थे बड़े रावण का सीता देवी ने वध किया था जब मां काली का वास्तविक रूप धारण करती हैं . उनकी बेस्टसेलिंग पुस्तक ‘साइअन ऑफ इच्छवाकु’ के आने के दो साल बाद ‘सीता : वारियर ऑफ मिथिला’ आ रही है. रामचंद्र श्रृंखला में बाद में तीन और पुस्तकें आएंगी.
उनकी यह पुस्तक मई के आखिर में जून के शुरूआत में किताबों की दुकानों पर उपलब्ध होगी.
न्यूज एजेंसी भाषा से इनपुट
उन्होंने एक साक्षात्कार में बताया कि रामचंद्र श्रृंखला में उनकी दूसरी पुस्तक में भगवान राम महज एक सहायक की भूमिका में होंगे और यह उनकी पत्नी सीता पर पूरी तरह से केंद्रित होगी. उन्होंने कहा कि सीता का जो रूप आज हमारे सामने है वह 1980 के दशक की टीवी धारावाहिकों पर आधारित है जो बहुत हद तक तुलसीदास के ‘रामचरित मानस’ पर आधारित हैं.
‘सीता: वारियर ऑफ मिथिला’ शीषर्क वाली यह पुस्तक इस साल विमोचित होगी. यह पुस्तक सीता के जन्म से लेकर रावण द्वारा उनका हरण किए जाने तक की अवधि का चित्रण करेगा. इस पुस्तक में राम सिर्फ इसके आखिरी एक तिहाई हिस्से में नजर आएंगे.
त्रिपाठी ने बताया कि यह पुस्तक वाल्मीकि की ‘अद्भुत रामायण’ से प्रेरित है. वाल्मीकि ने जिस सीता का चित्रण किया है वह असाधारण मजबूती से कई बाधाओं को पार करती हैं और वीरांगना एवं देवी के रूप में उभरती है.
उन्होंने कहा कि रामायण शब्द का अर्थ राम की यात्रा है. यह भगवान राम की कहानी है और सीता देवी उसमें एक किरदार हैं. ‘‘..लेकिन मेरी पुस्तक असल में सीता देवी की कहानी है जहां राम महज एक किरदार हैं जो पुस्तक के आखिरी एक तिहाई हिस्से में नजर आते हैं.’’ त्रिपाठी ने बताया कि ‘अदभुत रामायण’ में सीता ने रावण का वध किया है.
उन्होंने बताया कि दो रावण थे बड़े रावण का सीता देवी ने वध किया था जब मां काली का वास्तविक रूप धारण करती हैं . उनकी बेस्टसेलिंग पुस्तक ‘साइअन ऑफ इच्छवाकु’ के आने के दो साल बाद ‘सीता : वारियर ऑफ मिथिला’ आ रही है. रामचंद्र श्रृंखला में बाद में तीन और पुस्तकें आएंगी.
उनकी यह पुस्तक मई के आखिर में जून के शुरूआत में किताबों की दुकानों पर उपलब्ध होगी.
न्यूज एजेंसी भाषा से इनपुट
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