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This Article is From Jul 20, 2018

लासा बुखार बना जान का दुश्मन, बचने के उपायों के साथ जानें इस Virus के फैलने का कारण

लासा संक्रमण वाले लोगों में लक्षण शुरू होने से पहले उन्हें संक्रामक नहीं माना जाता है. इस बुखार की इनक्यूबेशन अवधि लगभग 10 दिन (6-21 दिन की रेंज) है. शुरू में इसके लक्षण हल्के होते हैं.

लासा बुखार बना जान का दुश्मन, बचने के उपायों के साथ जानें इस Virus के फैलने का कारण
'लासा बुखार' से जा रही हैं जानें, जानें इससे बचने के तरीके
नई दिल्ली:

हाल ही में एक वायरल संक्रमण 'लासा बुखार' (Lassa Fever) ने समूचे नाइजीरिया को अपनी गिरफ्त में ले लिया था. बहुत से लोगों को इस संक्रमण से जान गंवानी पड़ी थी. चूहों के मल-मूत्र से फैलने वाला यह संक्रमण नाइजीरिया के अलावा, लासा वायरस बेनिन, घाना, गिनी, लाइबेरिया, माली, सिएरा लियोन और पश्चिम अफ्रीका के अन्य देशों में फैला हुआ है. लासा बुखार एक गंभीर वायरल हीमोरेजिक बीमारी है, जो लासा वायरस से फैलता है. यह एरेनावाइरस परिवार का सदस्य है. यह जानवरों के जरिये होने वाली जूनोटिक बीमारी है.

कैसे फैलता है लासा बुखार?

हार्ट केयर फाउंडेशन (एचसीएफआई) के अध्यक्ष डॉ. के.के. अग्रवाल ने कहा, "मनुष्यों में यह वायरस संक्रमित चूहों के मल या मूत्र के संपर्क में आने से फैलता है. चूहों के मल वाली एरोसोलाज्ड हवा में सांस लेने और संक्रमित चूहों को भोजन के रूप में खाने से यह बीमारी हो सकती है. व्यक्तिगत रूप से संक्रामक तरल पदार्थ (उदाहरण के लिए, रक्त, मूत्र, फेरेंजील स्राव, उल्टी या शरीर के अन्य स्राव) के साथ सीधे संपर्क में आने से यह रोग सकता है."

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लासा बुखार के लक्षण

उन्होंने कहा, "लासा संक्रमण वाले लोगों में लक्षण शुरू होने से पहले उन्हें संक्रामक नहीं माना जाता है. इस बुखार की इनक्यूबेशन अवधि लगभग 10 दिन (6-21 दिन की रेंज) है. शुरू में इसके लक्षण हल्के होते हैं और इनमें लो ग्रेड का बुखार, सामान्य कमजोरी एवं मालाइज शामिल होता है. इसके बाद सिरदर्द, गले में दर्द, मांसपेशियों में दर्द, सीने में दर्द, मतली, उल्टी, दस्त, खांसी और पेट दर्द होता है. गंभीर बीमारी में, चेहरे की सूजन, फेफड़ों में पानी भरना, और मुंह, नाक, योनि व आंतों से खून आना, और कम रक्तचाप की शिकायत हो सकती है. बाद के चरण में, सदमा, दौरे, कंपकंपी, कंपकंपाहट और कोमा की दशा हो सकती है."

लासा बुखार से बचने का कोई टीका?

डॉ. अग्रवाल ने बताया, "इस दशा का निदान आमतौर पर सूचक संकेतों और लक्षणों के साथ होता है. बार बार होने और लक्षणों के उपचार के साथ प्रारंभिक सहायक देखभाल के जरिये जीवित रहने की दर में सुधार करना संभव है. हालांकि, इस कंडीशन के लिए वर्तमान में कोई टीका उपलब्ध नहीं है."

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लासा बुखार से कैसे बचें?

डॉ. अग्रवाल ने कुछ सुझाव देते हुए कहा, "चूहों से बच कर रहें. सभी मरीजों को संक्रामक मानें, भले ही संकेत और लक्षण हल्के हों. सभी मानक, संपर्क और बूंदों के साथ सावधानी बरतें. उचित व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरणों के सही उपयोग नियमों का सख्ती से पालन किया जाना चाहिए. लासा बुखार संक्रमण वाले संदिग्ध मरीजों के रक्त व शारीरिक तरल पदार्थों के नमूने अत्यधिक संक्रामक माने जाने चाहिए."

उन्होंने कहा, "ऐसी सामग्री की सार-संभाल के दौरान सावधानी बरतनी चाहिए. संदिग्ध लासा बुखार संक्रमण वाले संपर्को के लिए मौखिक रिबाविरिन के साथ पोस्ट एक्सपोजर प्रोफेलेक्सिस, ट्रांसमिशन के लिए खतरनाक सुई, चोट, झिल्ली के संपर्क या रक्त या शरीर के तरल पदार्थ में टूटी हुई त्वचा और शारीरिक तरल पदार्थ के संपर्क में आने से बचें." 

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