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This Article is From Aug 30, 2018

Breast Cancer: जानिए घर पर कैसे करें ब्रेस्‍ट कैंसर की जांच?

घर पर ब्रेस्‍ट कैंसर की जांच के लिए पीरियड्स शुरू होने के 10 दिन बाद का समय सबसे सही रहता है.

Breast Cancer: जानिए घर पर कैसे करें ब्रेस्‍ट कैंसर की जांच?
ब्रेस्‍ट कैंसर से बचने के लिए हर महीने घर पर ब्रेस्‍ट की खुद से जांच करना बेहद जरूरी है
नई दिल्‍ली:

भारत में बीते एक दशक में ब्रेस्‍ट कैंसर के मामले कई गुना बढ़ गए हैं. ब्रेस्‍ट कैंसर पश्चिमी देशों की तुलना में भारतीय महिलाओं को कम उम्र में भी शिकार बना रहा है. भारतीय औरतों में ब्रेस्‍ट कैंसर होने की औसत उम्र लगभग 47 साल है, जो कि पश्चिमी देशों के मुकाबले 10 साल कम है. सही जानकारी, जागरुकता, थोड़ी सी सावधानी और समय पर इसके लक्षणों की पहचान और इलाज से इस समस्या को हराया जा सकता है.

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दिल्ली के इंद्रप्रस्थ अपोलो अस्पताल के सीनियर कंस्लटेंट सर्जिकल ओंकोलॉजी, डॉक्टर सिद्धार्थ साहनी के मुताबिक ब्रेस्‍ट कैंसर का कोई एक खास कारण नहीं है. यह फेफड़े के कैंसर की तरह नहीं है, जिसमें अगर आप सिगरेट या तम्बाकू बंद कर दें तो इसे रोका जा सकता है लेकिन ब्रेस्‍ट कैंसर कई चीजों के कारण होता है. साहनी के मुताबिक ब्रेस्‍ट कैंसर लाइलाज नहीं है लेकिन इसके लिए इसका सही समय पर पता लगना जरूरी होता है.

साहनी के मुताबिक, 'यह एक ऐसी बीमारी है, जिसका पता लगाकर जड़ से खत्म किया जा सकता है. इसके लिए शुरुआती जागरुकता बहुत जरूरी है. हर औरत को अपने आप अपने स्तनों की जांच करनी चाहिए और किसी भी तरह की असामान्य स्थिति में इसकी डॉक्टरी जांच करानी चाहिए. महिलाओं को महीने में एक बार ब्रेस्‍ट की जांच करनी चाहिए. यह नियमित तौर पर होना चाहिए. इसके लिए खुद को यह समझाना जरूरी है कि यह मेरे लिए सामान्य है.'

ब्रेस्‍ट की खुद से जांच करने के दौरान किस तरह की दिक्कतों को गम्भीरता से लिया जाना चाहिए? इसे लेकर डॉक्टर साहनी ने कहा, 'एक महिला अपने ब्रेस्‍ट को अच्छी तरह जानती है. मसलन, उसका आकार क्या है, वगैरह. अगर जांच के दौरान किसी भी प्रकार की असामान्य बात नजर आती है तो उसकी जांच होनी चाहिए. समस्या टालने से बढ़ जाएगी और इसके बाद एक महिला को उसी के लिए लंबा इलाज कराना होगा.'

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खुद से जांच करने का सबसे अच्छा समय क्या होता है? डॉक्टर साहनी ने कहा, 'जिन महिलाओं को पीरियड्स होते हैं, उन्‍हें पीरियड्स शुरू होने के 10 दिन बाद और जिनके पीरियड्स बंद हो गए हैं, वे महीने में एक दिन तय करें लें और जांच करें. दाहिने हाथ से बायां स्तन और बाएं हाथ से दाहिन स्तन गोल-गोल घुमाकर देखें और अगर कोई भी असामान्य बात नजर आती है, मसलन किसी भी प्रकार का दर्द या फिर निपल्स से किसी भी प्रकार सा स्राव होता है तो इसकी तुरंत डॉक्टर से जांच कराएं.'

डॉक्टर साहनी के मुताबिक जो महिलाएं 40 साल पार कर गई हैं, उन्हें साल मे एक बार मैमोग्राफी करानी चाहिए. साहनी ने कहा, 'इस जांच से इस बीमारी का उस समय पता चलता है, जब आपको किसी भी प्रकार की समस्या का अहसास नहीं हो रहा होता है. अगर आपने किसी भी प्रकार की गांठ को नजरअंदाज किया तो वह कैंसर का रूप ले सकता है. बेशक यह जांच थोड़ी महंगी है लेकिन इसी से बचने के लिए जागरुकता और खुद से जांच करना बहुत जरूरी है. इस तरह जांच करने से बिना किसी मेडिकल टेस्‍ट के इस बीमारी का पता लगाया जा सकता है और समय रहते इलाज हो सकता है. मैमोग्राफी के दौरान किसी भी व्यक्ति को रेडिएशन से कोई खतरा नहीं होता.'

ब्रेस्‍ट कैंसर कैसे होता है? इसे लेकर डॉक्टर साहनी ने कहा, 'यह एक पॉलीसाइक्लिक एरोमैटिक हाइड्रोकार्बन नाम का एक कम्पाउंड है. ये खाने के पदार्थो में पाए जाते हैं. मेकअप के सामानों में पाए जाते हैं. पॉलिश में पाए जाए जाते हैं. कास्मेटिक्स में पाए जाते हैं. इनका ब्रेस्‍ट कैंसर से सीधा सम्बंध है. ये जितने भी उद्योग हैं, वे पॉलीसाइक्लिक एरोमैटिक हाइड्रोकार्बन का उपयोग इसलिए करते हैं क्योंकि इससे उनका उत्पादन खर्च कम होता है. इसे पैरागन फ्री बनाने के लिए खर्च बढ़ जाता है. इसलिए कंपनियां इससे बचती हैं. यह दुनिया भर में होता है. ब्रेस्‍ट कैंसर का दूसरा कारण है फास्ट फूड का बढ़ता चलन. इसमें प्रोसेस्ड फूड और शुगर का बहुत ज्‍यादा इस्‍तेमाल शामिल है. जितना आप शुगर का इस्‍तेमाल करेंगे, आप मोटे होंगे और मोटापा कई बीमारियों का घर होता है.'

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तो क्या ब्रेस्‍ट कैंसर से बचने के लिए खुद जांच बहुत जरूरी है? डॉक्टर साहनी करते हैं, 'इसके बिना आप मैमोग्राफी के लिए जा ही नहीं सकते. खुद से जांच करने के दौरान तीन बातों का खासतौर पर ध्यान रखा जाना चाहिए. आपको किसी भी तरह का बदलाव नजर आए तो सावधान हो जाइए. कोई भी बात असामान्य दिखे तो सावधान हो जाइए. ब्रेस्‍ट की स्किन के ऊपर कुछ भी असामान्य नजर आए तो सावधान हो जाइए. सबसे जरूरी बात, अगर निपल से बिना छुए कोई तरल पदार्थ निकल रहा है तो उसे गंभीरता से लीजिए. इसी कभी नजरअंदाज मत कीजिए.'

इनपुट: आईएएनएस

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