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This Article is From Aug 08, 2018

40 के बाद भी मां बनना है संभव, ART तकनीक से जन्म ले रहे हैं बच्चे

करियर में सफलता और बेहतर पार्टनर की तलाश के चलते आजकल लड़कियां देरी से शादी करती हैं. इस वजह से उन्हें मां बनने में कई दिक्कतों के सामना करना पड़ता है.

40 के बाद भी मां बनना है संभव, ART तकनीक से जन्म ले रहे हैं बच्चे
अस्टिेड रिप्रोडक्टिव टेक्निक सुविधा अनुसार मां बनने में मददगार
नई दिल्ली:

करियर में सफलता और बेहतर पार्टनर की तलाश के चलते आजकल लड़कियां देरी से शादी करती हैं. इस वजह से उन्हें मां बनने में कई दिक्कतों के सामना करना पड़ता है. क्योंकि 35 वर्ष की उम्र के बाद प्रजनन क्षमता कम होने लगती है और 40 के बाद तेजी से कम होती है. लेकिन इस परेशानी को एआरटी (Assisted Reproductive Technology) कम कर सकती है. जानिए क्या है ये एसिस्टेड रिप्रोडक्टिव टेक्नालॉजी और कैसे ये देरी से मां बनने वाली महिलाओं के लिए मददगार साबित हो सकती है. 

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एसिस्टेड रिप्रोडक्टिव टेक्नालॉजी

एसिस्टेड रिप्रोडक्टिव टेक्नालॉजी एक तरह से अंडों को फ्रीज करने का तरीका है. इस पर इंदिरा आईवीएफ हास्पिटल की आईवीएफ एक्सपर्ट चिकित्सक आरिफा आदिल का कहना है कि एग फ्रीजिंग और एग डोनेशन ने मातृत्व सुख प्राप्त करने की संभावनाओं को कई गुना बढ़ा दिया है. एक महिला जब जन्म लेती है, तब उसके शरीर में पूरे फीमेल एग यानी अंडे होते हैं. जन्म से भी पहले जब वह अपनी मां के गर्भ में रहती है, तभी यह निर्धारित हो जाता है कि उसके अंडाशय में कितने अंडों का संचय रहेगा. कौमार्य प्रारंभ होने पर जब हार्मोनल गतिविधियां प्रारंभ होती हैं तब तक ये अंडे निष्क्रिय स्थिति में पड़े रहते हैं. प्रतिमाह अंडों का एक गुच्छा अंडोत्सर्ग की ओर अपनी यात्रा प्रारंभ करता है. 

कई महिलाओं को प्राकृतिक रूप से अथवा अन्य कारणों से कम अंडे बनते हैं. अंडों का निर्माण बढ़ाने के लिए एक सप्ताह या अधिक समय तक फर्टिलिटी ड्रग दी जाती है. अंडों के निर्माण पर अल्ट्रासाउंड स्कैन के द्वारा नजर रखी जाती है. इसके बाद एनेस्थेसिया देकर अंडों को सर्जरी के द्वारा निकाला जाता है. फिर इन्हें 196 डिग्री पर तरल नाइट्रोजन में डुबा कर फ्रीज किया जाता है.  इस तरह से इन्हें सालों तक संभाला जा सकता है.

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कब कराएं एग फ्रिजिंग?

कई महिलाओं का मानना है कि एग को कभी भी फ्रीज कराया जा सकता है. इसलिए वे 40 साल की उम्र तक इंतजार करती हैं. इसके बाद अंडे फ्रीज कराना चाहती हैं. लेकिन, इस समय तक बहुत देर हो चुकी होती है. महिलाओं को 25 से 37 की उम्र के बीच एग को फ्रीज करना सबसे बेहतर रहता है. इस उम्र में अंडों की गुणवत्ता श्रेष्ठ होती है. 

डॉ. आरिफा आदिल के अनुसार जो महिलाएं एग फ्रीज करवाना चाहती हैं उन्हें देर नहीं करना चाहिए और 34 वर्ष से पहले किसी भी सूरत में अपने अंडों को फ्रीज करा लेना चाहिए.

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कितने एग को फ्रीज कराएं?

आईवीएफ एक्सपर्ट डॉ. पूजा सिंह के अनुसार यह निजी निर्णय हो सकता है. वैसे लगभग 10 एग फ्रीज कराने की सलाह दी जाती है. एक सिंगल फ्रोजन एग के द्वारा जीवित बच्चे को जन्म देने की संभावना लगभग 2.12 प्रतिशत तक होती है. लेकिन दो से अधिक अंडे फ्रीज किए हुए हों तो उनके भ्रूण बनने की संभावना बढ़ जाती है. 

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किन महिलाओं के लिए उपयोगी?

1. जो महिलाएं मां बनने से पहले अपने कुछ निश्चित लक्ष्य पूरे करना चाहती हैं.

2. जिन्हें अभी तक कोई उचित जीवनसाथी नहीं मिला है. 

3. जिन महिलाओं को कैंसर है, क्योंकि इसके उपचार के लिए की जाने वाली कीमोथेरेपी या रेडियोथेरेपी अंडों के लिए अत्यधिक घातक होती है. इसलिए युवा कैंसर के मरीज अपने एग्स को उपचार प्रारंभ होने के पहले फ्रीज करा सकते हैं. 

4. ऐसी महिलाएं जिनके परिवार में अर्ली मेनोपॉज का पारिवारिक इतिहास रहा है, क्योंकि ऐसे में एग्स कम उम्र में ही तेजी से समाप्त होने लगते हैं. 

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