केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने शनिवार को कहा कि सहायक प्रजनन प्रौद्योगिकी (एआरटी) में नयी तकनीक को शामिल करने से मरीजों को काफी फायदा हुआ है और बांझपन के कारण तथा उपचार के बारे में जागरूकता बढ़ी है.
वह मध्य प्रदेश के राज्यपाल मंगूभाई पटेल की उपस्थिति में भोपाल में आयोजित 27वें वार्षिक इंडियन सोसाइटी ऑफ असिस्टेड रिप्रोडक्शन (आईएसएआर) सम्मेलन को डिजिटल तरीके से संबोधित कर रहे थे. उन्होंने कहा कि सहायक प्रजनन प्रौद्योगिकी और सरोगेसी (विनियमन) विधेयक में रोगियों को बेहतर चिकित्सा देखभाल और सुरक्षा प्रदान करने की परिकल्पना की गई.
स्वास्थ्य मंत्रालय के एक बयान के मुताबिक मंत्री ने कहा कि गुणवत्तापूर्ण मातृत्व की सुविधा के लिए सरकार द्वारा शुरू की गई स्वास्थ्य पहल के लाभ मिले हैं और इसके परिणामस्वरूप मातृ मृत्यु दर (एमएमआर) कम हुई है.
उन्होंने यह विश्वास भी व्यक्त किया कि एआरटी में नए विकास को समाहित करने के लिए निरंतर प्रयासों से, भारत देश में दंपतियों के लिए प्रजनन क्षमता की सर्वोत्तम सुविधाएं तथा देखभाल सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण प्रगति करेगा.
मांडविया ने दंपतियों के बीच संतानहीनता में योगदान देने वाले एक महत्वपूर्ण प्रारंभिक कारक के रूप में मासिक धर्म के समय स्वच्छता की कमी का हवाला दिया. उन्होंने कहा कि मासिक धर्म के दौरान स्वच्छता की सुविधा के लिए जन औषधि केंद्र एक रुपये में सैनिटरी पैड उपलब्ध कराए जा रहे हैं. मांडविया ने दोहराया कि केंद्र सरकार स्वास्थ्य के प्रति समग्र दृष्टिकोण को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है.
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