
पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में वक्फ को लेकर भड़की हिंसा पर कलकत्ता हाईकोर्ट ने तीखी टिप्पणी करते हुए कहा कि वो अपनी आंखें बंद नहीं कर सकता. मुर्शिदाबाद हिंसा पर कोर्ट ने जिले में केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ) की तैनाती का आदेश दिया है. पश्चिम बंगाला का जिला मुर्शिदाबाद वक्फ (संशोधन) अधिनियम के खिलाफ प्रदर्शनों से कथित रूप से जुड़ी हिंसा से प्रभावित है. इसी मामले की सुनवाई में कोर्ट ने कहा कि क्षेत्र में शांति और व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए नागरिकों को पर्याप्त सुरक्षा प्रदान की जानी चाहिए.

हिंसा में 3 की मौत, 100 से ज्यादा गिरफ्तार
पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले में वक्फ (संशोधन) अधिनियम के खिलाफ जारी प्रदर्शन से जुड़ी हिंसक झड़पों में पिता-पुत्र समेत तीन लोगों की मौत हो गई. इस सिलसिले में 100 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया गया है. जज सौमेन सेन की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने सामान्य स्थिति बहाल करने में मदद करने के लिए मुर्शिदाबाद के प्रभावित क्षेत्रों में सीएपीएफ की तैनाती का आदेश दिया. केंद्रीय बल राज्य प्रशासन के साथ समन्वय में काम करेंगे. कोर्ट ने राज्य सरकार और केंद्र दोनों को स्थिति पर विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया.

बीजेपी नेता शुभेंदु अधिकारी की याचिका पर सुनवाई
मामले की अगली सुनवाई 17 अप्रैल को निर्धारित की गई है. पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी द्वारा दायर याचिका पर तत्काल सुनवाई के लिए मुख्य न्यायाधीश ने न्यायमूर्ति सौमेन सेन और न्यायमूर्ति राजा बसु चौधरी की विशेष पीठ का गठन किया था. याचिका में जिले में केंद्रीय बलों की तैनाती किये जाने का अनुरोध किया गया था. राज्य के वकील ने अदालत को बताया कि मुर्शिदाबाद के हिंसा प्रभावित सुती, धुलियान और शमशेरगंज इलाकों में सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) की सात कंपनियां तैनात की गई हैं.

अधिकारी के वकील ने हालांकि आरोप लगाया कि स्थिति को नियंत्रित करने के लिए बीएसएफ कर्मियों को उचित तरीके से तैनात नहीं किया जा रहा है. पीठ ने स्थिति की गंभीरता को देखते हुए शनिवार को अवकाश के दिन याचिका पर सुनवाई की.

राज्य के वकील ने अदालत को बताया कि मुर्शिदाबाद के हिंसा प्रभावित सुती, धुलियान और शमशेरगंज इलाकों में सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) की सात कंपनियां तैनात की गई हैं. अधिकारी के वकील ने हालांकि आरोप लगाया कि स्थिति को नियंत्रित करने के लिए बीएसएफ कर्मियों को उचित तरीके से तैनात नहीं किया जा रहा है. पीठ ने स्थिति की गंभीरता को देखते हुए शनिवार को अवकाश के दिन याचिका पर सुनवाई की. याचिकाकर्ता ने मुर्शिदाबाद में हिंसा और आगजनी की घटनाओं की राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) से जांच कराने का अनुरोध किया.

बंगाल सरकार के वकील ने क्या कुछ कहा
राज्य सरकार की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता कल्याण बनर्जी ने अदालत के समक्ष कहा कि स्थिति नियंत्रण में है और पुलिस इससे समुचित तरीके से निपट रही है. शुभेंदु अधिकारी के अनुरोध का विरोध करते हुए उन्होंने कहा कि प्रभावित क्षेत्रों में वरिष्ठ अधिकारी और बड़ी संख्या में पुलिसकर्मी तैनात किए गए हैं. बनर्जी ने कहा कि पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) भी मुर्शिदाबाद जा रहे हैं। उन्होंने दावा किया कि यह याचिका राजनीति से प्रेरित है क्योंकि इसे अधिकारी और विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से जुड़े एक अन्य व्यक्ति ने दायर किया है.
(भाषा इनपुट्स के साथ)
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