विज्ञापन

जिंदा हो जाएंगे मरे हुए इंसान? जानें क्यों शवों को संभालकर रख रहे हैं लोग

Dead Bodies Preservation: कई लोगों का मानना है कि उनके शरीर को अगर कई सालों तक सुरक्षित रखा जाता है तो मरने के बाद एक दिन वो वापस जिंदा हो सकते हैं.

जिंदा हो जाएंगे मरे हुए इंसान? जानें क्यों शवों को संभालकर रख रहे हैं लोग
मौत के बाद शवों को संभालकर रख रहे हैं लोग

Dead Bodies Preservation: आपने कई हॉलीवुड फिल्मों में देखा होगा कि अचानक मुर्दा लोग भी जिंदा हो जाते हैं, लोग सोचते हैं कि क्या ये वाकई में संभव है और अगर ऐसा हुआ तो फिर क्या होगा. कुछ लोग अब मरे हुए लोगों की बॉडी संभालकर रखने लगे हैं, करोड़ों रुपये खर्च करके इन शरीरों को सुरक्षित रखा जा रहा है. यही वजह है कि अमीरों में ये ट्रेंड लगातार बढ़ता जा रहा है, जिसे लेकर लोग भी हैरान हैं. सबसे खास बात ये है कि लोगों का मानना है कि ऐसा करने से वो लंबे समय तक डेड बॉडी को सुरक्षित रखेंगे और एक दिन ऐसा आएगा कि मुर्दा लोगों को भी जिंदा किया जा सकेगा. आइए जानते हैं कि ये पूरा मामला क्या है और ये वाकई कितना संभव है?

फिर से जिंदा लौटने की चाह

कैंसर से जूझ रही लंदन की एक 14 साल की लड़की ने यही इच्छा जाहिर की थी. उसने कहा था कि क्रायोजेनिक प्रिजर्वेशन के बारे में उसे इंटरनेट से पता चला था. इसीलिए वो अपने शरीर को मौत के बाद भी जिंदा रखना चाहती है, फिर चाहे इसे सैकड़ों साल तक क्यो न रखना पड़े, लेकिन एक दिन ऐसा आएगा, जब वो फिर से वापस लौट पाएगी. इसी तरह बाकी लोग भी ऐसी इच्छा जता चुके हैं और कई लोग अपनों की डेड बॉडी के साथ ऐसा कर भी चुके हैं. 

पाकिस्तान में कैसे मनाई जाती है दिवाली? इतनी है कुल हिंदू आबादी

क्या है क्रायोजेनिक प्रिजर्वेशन?

क्रायोजेनिक प्रिजर्वेशन एक ऐसी तकनीक है, जिससे किसी भी मृत शरीर को लंबे समय तक के लिए जिंदा रखा जा सकता है. अमेरिका की एक कंपनी एल्कर लाइफ एक्सटेंशन फाउंडेशन इस तरह का काम करती है. इस कंपनी ने अब तक कुल 233 लोगों के शरीर को फ्रीज करके सुरक्षित रखा है. यहां लोगों को -196 डिग्री सेल्सियस पर रखा जाता है. इस कंपनी का काम सिर्फ डेड बॉडीज को सुरक्षित रखना है. इन मृत लोगों के परिवार का भी मानना है कि सैकड़ों साल बाद जब इंसानों को जिंदा करने वाली तकनीक बन जाएगी तो उनके अपने फिर से जिंदा हो जाएंगे. 

कितना पैसा खर्च कर रहे हैं लोग?

बिजनेस टुडे की एक रिपोर्ट के मुताबिक क्रायोजेनिक प्रिजर्वेशन के लिए ज्यादातर अमीर लोग ही आवेदन कर रहे हैं. इसमें सालाना खर्च एक से दो करोड़ रुपये तक आ सकता है. हालांकि अब तक ऐसी किसी तकनीक को लेकर कोई भी पुष्टि नहीं हुई है कि इंसान को दोबारा जिंदा किया जा सकता है. क्रायोजेनिक प्रिजर्वेशन सिर्फ भविष्य की उम्मीदों पर किया जा रहा है, जिसका मकसद फिलहाल मृत शरीर को सही सलामत रखना है. 

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com