Section 163 New Year: अगले कुछ ही घंटों में नए साल का जश्न शुरू हो जाएगा और लोग पार्टी मोड में चले जाएंगे. भारत के तमाम बड़े शहरों में इस दिन जश्न का माहौल होता है और लोग जमकर पार्टी के साथ नाच गाना करते हैं. हालांकि इस शाम कानून की धज्जियां उड़ाने वालों की भी कोई कमी नहीं होती है, जिनके लिए पुलिस भी अपनी पूरी तैयारी करके रखती है. नोएडा में भी कुछ ऐसा ही इंतजाम किया गया है. खुद को पार्टी एनिमल्स समझकर जानवरों जैसी हरकतें करने वालों के लिए नोएडा में धारा 163 लगाई गई है, जो 1 जनवरी तक लागू रहेगी. ऐसे में आज हम आपको बताएंगे कि आखिर ये सेक्शन 163 क्या है और इसमें पुलिस को क्या अधिकार मिल जाते हैं.
क्या होती है धारा 163?
- आमतौर पर जब भी कानून व्यवस्था बिगड़ने का खतरा महसूस होता है तो भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 163 लगाई जाती है.
- इसे पहले आईपीसी की धारा 144 के नाम से जाना जाता था, जिसे बीएनएस में 163 कर दिया गया.
- इसमें बिना इजाजत जनसभा, जुलूस, रैली और धरना नहीं किया जा सकता है. पांच या उससे ज्यादा लोग एक जगह पर इकट्ठा नहीं हो सकते हैं.
- सार्वजनिक जगहों पर हथियार या फिर डंडे लेकर नहीं घूम सकते हैं.
- बिना इजाजत माइक या फिर लाउडस्पीकर का इस्तेमाल नहीं कर सकते हैं.
- इस दौरान पोस्टर या फिर बैनर भी सार्वजनिक स्थानों पर नहीं लगाए जा सकते हैं.
- सरकारी दफ्तरों के नजदीक ड्रोन नहीं उड़ाए जा सकते हैं, साथ ही सार्वजनिक तौर पर होने वाले धार्मिक आयोजनों पर भी प्रतिबंध रहता है.
इस्लाम में क्यों नहीं मनाया जाता है न्यू ईयर का जश्न? जानें क्या है इसके पीछे की वजह
कितने महीने तक लगाई जा सकती है धारा 163?
धारा 163 को अब दो महीने तक लागू रखा जा सकता है. वहीं अगर राज्य सरकार चाहे तो इसे विशेष परिस्थितियों में 6 महीने तक भी बढ़ाया जा सकता है. समाज में सुरक्षा और शांति बनाए रखने के लिए इस धारा को देश के अलग-अलग राज्यों में लागू किया जाता है.
पुलिस को क्या मिलते हैं अधिकार?
इस दौरान पुलिस को अधिकार होता है कि वो उल्लंघन करने वाले लोगों के खिलाफ कार्रवाई कर सकती है और उन्हें जेल भी भेजा जा सकता है. साथ ही जुर्माना भी लगाया जा सकता है. यानी शराब पीकर बवाल काटने वालों का नया साल हवालात में मन सकता है.
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं