झारखंड की राजधानी रांची में भारतीय जनता पार्टी की तरफ से सचिवालय मार्च और विरोध प्रदर्शन का आयोजन किया गया. प्रदर्शन में पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी और रघुवर दास सहित पार्टी के हजारों कार्यकर्ताओं ने हिस्सा लिया. उग्र बीजेपी कार्यकर्ताओं को रोकने के लिए पुलिस को कुछ समय के लिए लाठीचार्ज करना पड़ा. बीजेपी की तरफ से दावा किया गया है कि पुलिस की कार्रवाई में दर्जनों कार्यकर्ताओं को चोट लगी है.
रांची में #BJP का विरोध प्रदर्शन, पुलिस ने किया लाठीचार्ज; कई कार्यकर्ता घायल pic.twitter.com/ZwgCyrpF4t
— NDTV India (@ndtvindia) April 11, 2023
पुलिस लाठीचार्ज को लेकर बीजेपी नेता बाबूलाल मरांडी ने ट्वीट किया है कि सोरेन सरकार के लाठी डंडों से न बीजेपी के कार्यकर्ता डरेंगे न ही जनता के लिए हमारी आवाज दबेगी. डंडों के जोर से अपने भ्रष्टाचार पर पर्दा डालने की कोशिशें नाकाम नहीं होगी. इस भ्रष्टाचारी सरकार के खिलाफ हमारी लड़ाई सड़क से सदन तक जारी रहेगी.
सोरेन सरकार के लाठी डंडों से न @BJP4Jharkhand के कार्यकर्ता डरेंगे न ही जनता के लिए हमारी आवाज दबेगी।
— Babulal Marandi (@yourBabulal) April 11, 2023
डंडों के जोर से अपने भ्रष्टाचार पर पर्दा डालने की कोशिशें नाकाम नहीं होगी।
इस भ्रष्टाचारी सरकार के खिलाफ हमारी लड़ाई सड़क से सदन तक जारी रहेगी।#सचिवालय_घेराव pic.twitter.com/Oq7pQESzmk
गौरतलब है कि भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश ने सोमवार को कहा था कि पूरे राज्य से पार्टी के हजारों कार्यकर्ता रांची के प्रभात तारा मैदान में एकत्र होंगे और पूर्वाह्न 11 बजे राज्य सचिवालय की इमारत की ओर मार्च करेंगे. वहीं, सत्तारूढ़ झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) ने भाजपा के प्रस्तावित विरोध प्रदर्शन को ‘राजनीतिक हथकंडा' करार दिया था.एक अधिकारी ने बताया था कि रांची प्रशासन ने कानून व्यवस्था को बनाए रखने और वाहनों की आवाजाही को सुचारु रखने के लिए अतिरिक्त सुरक्षा बलों की तैनाती की है और रणनीतिक रूप से अहम स्थानों पर अवरोधक लगाए गए हैं.''
प्रकाश ने दावा किया था कि झामुमो, कांग्रेस और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) की गठबंधन सरकार ने चुनाव घोषणापत्र में हर साल पांच लाख नौकरी देने का वादा किया था लेकिन अबतक महज 537 नौकरियां दी गई हैं. उन्होंने कहा कि 3.27 लाख सरकारी पद खाली हैं लेकिन हेमंत सोरेन सरकार की मंशा इन रिक्तियों को भर राज्य के युवाओं को रोजगार देने का नहीं है जो रोजगार के लिए दूसरे राज्यों में पलायन करने को मजबूर हैं.वहीं, मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने आरोप लगाया था कि नियुक्तियों में विपक्ष द्वारा बाधा उत्पन्न करने से देरी हुई. उन्होंने कहा कि उनकी सरकार ने भर्ती प्रक्रिया शुरू की है.
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