डेमोक्रेटिक आजाद पार्टी (डीएपी) के प्रमुख गुलाम नबी आजाद ने शनिवार को मांग की कि अतिक्रमण रोधी अभियान में गरीबों को बख्शने के लिए राजभवन औपचारिक आदेश जारी करे. आजाद ने यहां सोनवार में पार्टी कार्यकर्ताओं से कहा, ‘‘मैंने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की और उनसे अनुरोध किया कि गरीब लोगों को उनके घरों या गरीब दुकानदारों को उनकी दुकानों से न निकाला जाए. जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल ने भी एक बयान दिया है कि गरीबों को बख्शा जाएगा. इसलिए हमने उनके आश्वासन पर अपना आंदोलन स्थगित करने का फैसला किया है.''
जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा के बयान का स्वागत करते हुए आजाद ने कहा कि किसी भी सरकार की अपने लोगों को बेघर करने की नीति नहीं हो सकती. कांग्रेस के पूर्व महासचिव आजाद ने कहा, ‘‘इनमें से ज्यादातर लोग गरीब हैं. 50-60 लाख घर हैं, जो हमारी आबादी के आधे हैं. किसी भी सरकार की लोगों को बेघर करने की नीति नहीं हो सकती.''
उन्होंने कहा कि जम्मू कश्मीर प्रशासन के विरोधाभासी बयानों से भ्रम पैदा हुआ है और इसलिए राजभावन को यह स्पष्ट करते हुए एक औपचारिक आदेश जारी करना चाहिए कि गरीब लोगों तथा छोटे दुकानदारों को नहीं हटाया जाएगा. आजाद ने कहा कि मुंबई और दिल्ली में हजारों लोग सरकारी जमीन पर अतिक्रमण कर लेते हैं और सरकार उन्हें बिजली एवं पानी जैसी सभी सुविधाएं उपलब्ध कराती है.
जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि राजनीतिक दलों और सरकारों द्वारा चुनावों के दौरान इन कच्ची कॉलोनियों को पक्का करने का वादा किया जाता है. इनमें से अनेक कॉलोनियों को पक्का भी किया गया है तो जम्मू कश्मीर में ऐसा क्यों नहीं हो सकता.
डीएपी अध्यक्ष ने कहा कि उनकी पार्टी अमीर तथा प्रभावशाली लोगों द्वारा सरकारी जमीन पर कब्जा किए जाने के पक्ष में नहीं है. इससे पहले, उनकी पार्टी के सदस्यों ने सोनवार में पार्टी कार्यालय से प्रदर्शन मार्च निकाला और सोनवार चौक के पास मुख्य सड़क को अवरुद्ध कर दिया.
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