(फाइल फोटो)
श्रीनगर:
मुस्लिम, हिंदू, सिख और इसाई समुदाय के प्रतिनिधि सांप्रदायिक सौहार्द की एक मिसाल पेश करते हुए श्रीनगर में 121 वर्ष पुराने एक कैथोलिक चर्च में ‘घंटी बजाने’ की परंपरा निभाने के लिए रविवार को एकजुट हुए. बीते 50 साल में ऐसा पहली बार हुआ है. चर्च के प्रवक्ता एसएम रथ ने संवाददाताओं को बताया कि वास्तविक घंटी सात जून 1967 को आग में क्षतिग्रस्त हो गई थी. ठीक 50 वर्ष बाद 105 किलो की नई घंटी रविवार को लगाई गई. इस समारोह में हर किसी को आमंत्रित किया गया था. उन्होंने बताया, ‘घंटी बजाने के लिए हमने सभी को आमंत्रित किया था. हम चाहते थे कि यहां के सभी प्रमुख समुदाय इसमें शामिल हों.’
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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