(प्रतीकात्मक तस्वीर)
जम्मू:
जम्मू कश्मीर के पुलिस महानिदेशक एस पी वैद्य ने कहा है कि मुठभेड़ स्थल पर आने वाले नागरिक अपनी मौत के लिए स्वयं जिम्मेदार होंगे क्योंकि बुलेट पत्थरबाजों और आतंकवादियों के बीच फर्क नहीं करता है. राज्य पुलिस प्रमुख ने युवाओं से मुठभेड़ स्थल से दूर रहने की अपील की और कहा कि ऐसे स्थान वैवाहिक समारोह स्थल नहीं होते. पुलिस अधिकारी ने जोर देकर कहा कि नागरिकों की मौत कोई नहीं चाहता और ऐसी घटना से सुरक्षा बलों को तकलीफ पहुंचती है. वैद्य ने ट्विटर पर एक प्रश्नोत्तर सत्र में कहा, ‘हम युवाओं से अपील कर चुके हैं कि वह मुठभेड़ स्थल से दूर रहें क्योंकि बुलेट पत्थरबाज और आतंकवादी में फर्क नहीं करता है.
वह अपनी मौत के लिए स्वयं जिम्मेदार होंगे. उन्हें मुठभेड़ स्थल पर नहीं आना चाहिए.’ उनसे मुठभेड़ के दौरान नागरिकों के मारे जाने की घटना के बारे में पूछा गया था. प्रदेश के कुलगाम जिले में मुठभेड़ में चार नागिरकों के मारे जाने की घटना के बाद शीर्ष पुलिस अधिकारी ने यह बात कही.
यह भी पढ़ें : जम्मू एवं कश्मीर : मुठभेड़ में जवान शहीद, नागरिक की भी मौत, 2-3 आतंकी कर रहे गोलीबारी
इस दौरान एक सैन्यकर्मी ने भी अपनी जान गंवा दी थी. उन्होंने कहा, ‘भारत का कोई भी नागरिक किसी नागिरक के मारे जाने को पसंद नहीं करेगा. हम लोग बार बार लोगों से अपील करते हैं कि मुठभेड़ स्थल के निकट नहीं आएं.’ उन्होंने कहा कि सेना, पुलिस या अर्द्धसैनिक बल या आतंकवादी जब गोली चलाते हैं तो उसका अपना रास्ता होता है. वह छलनी करने से पहले यह नहीं देखते कि यह किसी खास व्यक्ति का सीना है या नहीं. पुलिस महानिदेशक ने कहा, ‘गोली किसी को भी लग सकती है. इसलिए यह सलाह दी जाती है कि मुठभेड़ स्थल पर नहीं आयें.’ उन्होंने कहा, ‘जब एक नागरिक की मौत होती है तो इससे सुरक्षा बलों को तकलीफ होती है और मुझे भी दर्द होता है.’ उन्होंने कहा, ‘हमारा प्रयास होता है कि किसी भी नागरिक को चोट नहीं पहुंचे. वहां उनका कोई काम नहीं है. आतंकवादी का विवाह नहीं हो रहा है. ये लड़के आतंकवादी मुठभेड़ स्थल के निकट क्यों आते हैं.’
VIDEO : जम्मू-कश्मीर में सेना ने 13 आतंकियों को मार गिराया
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
वह अपनी मौत के लिए स्वयं जिम्मेदार होंगे. उन्हें मुठभेड़ स्थल पर नहीं आना चाहिए.’ उनसे मुठभेड़ के दौरान नागरिकों के मारे जाने की घटना के बारे में पूछा गया था. प्रदेश के कुलगाम जिले में मुठभेड़ में चार नागिरकों के मारे जाने की घटना के बाद शीर्ष पुलिस अधिकारी ने यह बात कही.
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इस दौरान एक सैन्यकर्मी ने भी अपनी जान गंवा दी थी. उन्होंने कहा, ‘भारत का कोई भी नागरिक किसी नागिरक के मारे जाने को पसंद नहीं करेगा. हम लोग बार बार लोगों से अपील करते हैं कि मुठभेड़ स्थल के निकट नहीं आएं.’ उन्होंने कहा कि सेना, पुलिस या अर्द्धसैनिक बल या आतंकवादी जब गोली चलाते हैं तो उसका अपना रास्ता होता है. वह छलनी करने से पहले यह नहीं देखते कि यह किसी खास व्यक्ति का सीना है या नहीं. पुलिस महानिदेशक ने कहा, ‘गोली किसी को भी लग सकती है. इसलिए यह सलाह दी जाती है कि मुठभेड़ स्थल पर नहीं आयें.’ उन्होंने कहा, ‘जब एक नागरिक की मौत होती है तो इससे सुरक्षा बलों को तकलीफ होती है और मुझे भी दर्द होता है.’ उन्होंने कहा, ‘हमारा प्रयास होता है कि किसी भी नागरिक को चोट नहीं पहुंचे. वहां उनका कोई काम नहीं है. आतंकवादी का विवाह नहीं हो रहा है. ये लड़के आतंकवादी मुठभेड़ स्थल के निकट क्यों आते हैं.’
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