जानिए कप्तान धोनी के साथ क्या होने जा रहा है जो पिछले आठ सालों में नहीं हुआ

जानिए कप्तान धोनी के साथ क्या होने जा रहा है जो पिछले आठ सालों में नहीं हुआ

महेंद्र सिंह धोनी और फ्लेमिंग (फाइल फोटो)

नई दिल्ली:

महेंद्र सिंह धोनी जब आईपीएल के इस संस्करण में पहली बार पुणे सुपरजाइंट्स की जर्सी पहन कर खेलने के लिए मैदान पर उतरे थे, उस वक्त भावुक होते हुए धोनी ने कहा था कि यह पहली बार हो रही है जब वह चेन्नई सुपर किंग्स की जर्सी छोड़कर किसी दूसरी टीम की जर्सी पहने हुए हैं।

महेंद्र सिंह धोनी ने आईपीएल के लगातार आठ संस्करण में चेन्नई सुपर किंग्स के तरफ से कप्तानी की है, लेकिन चेन्नई सुपर किंग्स के ऊपर दो साल का प्रतिबंध लग जाने के बाद धोनी नई टीम पुणे सुपरजाइंट्स के कप्तान बने हैं। मंगलवार को धोनी की टीम पुणे सुपरजाइंट्स एक महत्वपूर्ण मैच में सनरॉज़र्स हैदराबाद से हार गई। इस हार के साथ पुणे सुपरजाइंट्स का आईपीएल के इस सीजन में सफर लगभग ख़त्म हो गया है। अब पुणे के लिए बहुत कम मौका रह गया है कि वह अंकतालिका में पहले चार स्थान में अपनी जगह बना सके और नॉकआउट स्टेज तक पहुंचे।

नॉक आउट स्टेज तक पहुंचना क्यों मुश्किल है  
धोनी की कप्तानी में खेल रही पुणे सुपरजाइंट्स अबतक 11 मैच खेल चुकी है और सिर्फ तीन जीत और आठ हार के साथ अंकतालिका में सातवें स्थान पर है। अब यहां से पुणे को नॉकआउट स्टेज तक पहुंचना मुश्किल है। अगर पुणे अपने आखिरी तीन मैच जीत भी जाती है तब भी बहुत कम संभावना है कि पुणे अंकतालिका में पहले चार स्थान में अपनी जगह सुनिश्चित कर पाए।

सनरॉज़र्स हैदराबाद और गुजरात लायंस 14-14 अंक के साथ अंकतालिका में पहले और दूसरे स्थान पर हैं।

अगर इन दोनों के साथ तुलना की जाए तो पुणे इनके आगे नहीं जा सकती क्योंकि अगर पुणे अपने आखिरी तीन मैच जीत जाती है तब भी पुणे को कुल मिलाकर 12 अंक मिल पाएंगे। कोलकाता नाइट राइडर्स 12 अंकों के साथ अंकतालिका में तीसरे स्थान पर है और कोलकाता को अभी और चार मैच खेलना है। अगर कोलकाता इन चारों मैच में से एक मैच भी जीत जाती है तो फिर कोलकाता के भी 14 अंक हो जाएंगे।

दिल्ली डेयरडेविल्स, मुंबई इंडियन, ये दोनों टीमें अंकतालिका में काफी ऊपर हैं। ऐसे में यह मान लेना चाहिए कि पुणे आईपीएल के इस संस्करण से लगभग बहार हो चुकी है।

धोनी के साथ यह पहली बार होगा
अगर पुणे सुपरजाइंट्स अंकतालिका में पहले चार स्थान पर अपनी जगह नहीं बना पाती है तो यह पहली बार होगा जब धोनी की कप्तानी में खेल रही कोई टीम नॉकआउट स्टेज तक नहीं पहुंच पाएगी। 2008 से लेकर 2015 तक धोनी चेन्नई सुपरकिंग्स के कप्तान रहे और इस आठ संस्करण में हर बार चेन्नई सुपरकिंग्स शानदार प्रदर्शन किया था। 2008 के संस्करण में चेन्नई सुपरकिंग्स फाइनल तक पहुंची थी और फाइनल में राजस्थान रॉयल्स से हार गई थी। 2009 के संस्करण में चेन्नई सुपरकिंग्स सेमीफाइनल तक पहुंची थी और सेमीफाइनल में रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर से हार गई थी।

लगातार चार बार फाइनल में पहुंचने का रिकॉर्ड
2010 में चेन्नई सुपरकिंग्स ने फाइनल में मुंबई इंडियन को 22 से हराकर ट्रॉफी जीती थी। 2011 में भी चेन्नई सुपरकिंग्स फाइनल तक पहुंची थी और फाइनल में रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर को 58 रन मात देते हुए ट्रॉफी अपने नाम की। फिर 2012 में लगातार तीसरी बार चेन्नई सुपरकिंग्स फाइनल में पहुंची लेकिन फाइनल में कोलकाता नाइटराइडर्स से हार गई थी और लगातार तीसरी बार ट्रॉफी जीतने का सपना टूट गया था। 2013 में भी चेन्नई सुपरकिंग्स लगातार चौथी बार फाइनल में पहुंची थी और मुंबई इंडियंस से 23 रन से हार गई थी। 2014 में भी शानदार प्रदर्शन करते हुए चेन्नई सेमीफाइनल तक पहुंची और सेमीफाइनल में किंग्स इलेवन पंजाब से हार गई। फिर 2015 चेन्नई सुपरकिंग्स की टीम फाइनल तक पहुंची और मुंबई इंडियंस से 41 रन से हार गई।

इस प्रकार पिछले आठ संस्करण में धोनी के कप्तानी में चेन्नई सुपरकिंग्स ने शानदार खेल दिखाय। धोनी ने चेन्नई को छह बार फाइनल तक पहुंचाया और दो बार सेमीफाइनल तक भी। ऐसा शानदार प्रदर्शन अभीतक किसी और टीम का नहीं रहा है। इस बार यदि धोनी की टीम पुणे सुपरजाइंट्स नॉकआउट स्टेज तक नहीं पहुंच पाती है, तो आईपीएल में यह पहली बार होगा जब धोनी की कप्तानी में किसी टीम ने इतना ख़राब प्रदर्शन किया हो।


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