एमएस धोनी ने अम्पायर के फैसले का इंतजार नहीं किया और क्रीज छोड़कर चल दिए
युवा बल्लेबाज राहुल त्रिपाठी ने बुधवार को 93 रन की तूफानी पारी खेलते हुए राइजिंग पुणे सुपरजाइंट को कोलकाता नाइट राइडर्स के खिलाफ चार विकेट की बेहतरीन जीत दिला दी. इस जीत के सहारे पुणे टीम ने प्ले ऑफ की अपनी उम्मीदों को मजबूती प्रदान की. कल के मैच में पुणे टीम ने इसे मौके पर जीत हासिल की जब अजिंक्य रहाणे, स्टीवन स्मिथ, मनोज तिवारी, बेन स्टोक्स और महेंद्र सिंह धोनी जैसे सितारा खिलाड़ी बड़ा योगदान किए बिना ही पेवेलियन लौट गए थे. महेंद्र सिंह धोनी इस मैच में महज पांच रन बना सके. चाइनामैन कुलदीप यादव की गेंद पर वे चकमा खा गए और गेंद बल्ले का किनारा लेते हुए कोलकाता नाइटराइडर्स के विकेटकीपर शेल्टन जैक्सन के दस्तानों में कैद हो गई.
इस मैच में कोई योगदान नहीं देने के बावजूद धोनी चर्चा में रहे. इसका कारण यह था कि कुलदीप की इस गेंद पर चकमा खाने के बाद माही ने अम्पायर के फैसले का भी इंतजार नहीं किया और पेवेलियन लौट गए. धोनी के इस व्यवहार को खेल भावना की मिसाल माना गया. देखें वीडियो...
दरअसल यह धोनी की खासियत है कि जब उन्होंने इस बात का अहसास हो जाता है कि वे आउट हैं तो वे अम्पायर के फैसले का इंतजार नहीं करते. यही बातें उन्हें दूसरे क्रिकेटरों से अलग करती हैं. धोनी के खेल के प्रति इस जज्बे के कारण भी प्रशंसक उन्हें पसंद करते हैं. खेल को सही भावना से खेलना उनके स्वभाव में हैं. राइजिंग पुणे सुपरजाइंट और कोलकाता नाइटराइडर्स के बीच मुकाबला पूरी तरह से युवा क्रिकेटर राहुल त्रिपाठी के नाम रहा.
मैच में पुणे के आमंत्रण पर पहले बैटिंग करते हुए कोलकाता ने 20 ओवर्स में आठ विकेट खोकर 155 रन बनाए. मनीष पांडे ने 37, कॉलिन डि ग्रैंडहोम ने 36 और सूर्यकुमार यादव ने 30 रनों का योगदान दिया. जवाब में एक छोर से पुणे के विकेट गिरते रहे और दूसरे छोर से राहुल त्रिपाठी की जोरदार बल्लेबाजी जारी रही. कोलकाता के सभी गेंदबाजों के खिलाफ उन्होंने जमकर स्ट्रोक लगाए. राहुल पारी के 19वें ओवर में आउट हुए. इसके बाद डेनियल क्रिस्चियन ने 9 और वाशिंगटन सुंदर ने एक रन पर नाबाद रहते हुए टीम को जीत तक पहुंचा दिया.पुणे की पारी में राहुल का इस कदर वर्चस्व रहा कि बेन स्टोक्स (14रन ) टीम के दूसरे टॉप स्कोरर रहे.
इससे पहले धोनी टेस्ट क्रिकेट के दौरान भी खेलभावना का परिचय देते हुए इंग्लैंड के बल्लेबाज इयान बेल को विवादास्पद रनआउट के बाद दोबारा बैटिंग के लिए बुलाने का फैसला ले चुके हैं. ऑस्ट्रेलिया टीम के पूर्व कप्तान रिकी पोंटिंग ने भी धोनी के इस फैसले को क्रिकेट के लिए अच्छा संकेत करार दिया था. यह घटना वर्ष 2011 में ट्रेंटब्रिज टेस्ट के दौरान हुई थी जब बेल को रन आउट करार दिया गया था लेकिन लंच के बाद जब भारतीय टीम फील्डिंग के लिए लौटी तो भारतीय कप्तान ने बेल को फिर से बल्लेबाजी के लिए बुलाने का निर्णय लिया. दरअसल, बेल गलतफहली में रन आउट हुए थे. इंग्लैंड के इस बल्लेबाज ने जो शॉट लगाया था, उसे प्रवीण कुमार ने सीमा रेखा पर रोक लिया था लेकिन बेल को लगा था कि गेंद सीमा रेखा को छू चुकी है. प्रवीण के चौका बचाने की घटना से बेखबर बेल बिना क्रीज को छुए लंच के लिए पवेलियन की लौटने लगे तभी प्रवीण ने गेंद सीधे धोनी के हाथों में फेंकी, जिन्होंने बेल को रन आउट कर दिया था. धोनी ने जब बेल को वापस बैटिंग के लिए बुलाने का फैसला किया था जो स्टेडियम दर्शकों की तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा था.
इस मैच में कोई योगदान नहीं देने के बावजूद धोनी चर्चा में रहे. इसका कारण यह था कि कुलदीप की इस गेंद पर चकमा खाने के बाद माही ने अम्पायर के फैसले का भी इंतजार नहीं किया और पेवेलियन लौट गए. धोनी के इस व्यवहार को खेल भावना की मिसाल माना गया. देखें वीडियो...
https://t.co/vR5snor5ZO #VIVOIPL via @ipl
— aratrick mondal (@crlmaratrick) May 3, 2017
दरअसल यह धोनी की खासियत है कि जब उन्होंने इस बात का अहसास हो जाता है कि वे आउट हैं तो वे अम्पायर के फैसले का इंतजार नहीं करते. यही बातें उन्हें दूसरे क्रिकेटरों से अलग करती हैं. धोनी के खेल के प्रति इस जज्बे के कारण भी प्रशंसक उन्हें पसंद करते हैं. खेल को सही भावना से खेलना उनके स्वभाव में हैं. राइजिंग पुणे सुपरजाइंट और कोलकाता नाइटराइडर्स के बीच मुकाबला पूरी तरह से युवा क्रिकेटर राहुल त्रिपाठी के नाम रहा.
मैच में पुणे के आमंत्रण पर पहले बैटिंग करते हुए कोलकाता ने 20 ओवर्स में आठ विकेट खोकर 155 रन बनाए. मनीष पांडे ने 37, कॉलिन डि ग्रैंडहोम ने 36 और सूर्यकुमार यादव ने 30 रनों का योगदान दिया. जवाब में एक छोर से पुणे के विकेट गिरते रहे और दूसरे छोर से राहुल त्रिपाठी की जोरदार बल्लेबाजी जारी रही. कोलकाता के सभी गेंदबाजों के खिलाफ उन्होंने जमकर स्ट्रोक लगाए. राहुल पारी के 19वें ओवर में आउट हुए. इसके बाद डेनियल क्रिस्चियन ने 9 और वाशिंगटन सुंदर ने एक रन पर नाबाद रहते हुए टीम को जीत तक पहुंचा दिया.पुणे की पारी में राहुल का इस कदर वर्चस्व रहा कि बेन स्टोक्स (14रन ) टीम के दूसरे टॉप स्कोरर रहे.
इससे पहले धोनी टेस्ट क्रिकेट के दौरान भी खेलभावना का परिचय देते हुए इंग्लैंड के बल्लेबाज इयान बेल को विवादास्पद रनआउट के बाद दोबारा बैटिंग के लिए बुलाने का फैसला ले चुके हैं. ऑस्ट्रेलिया टीम के पूर्व कप्तान रिकी पोंटिंग ने भी धोनी के इस फैसले को क्रिकेट के लिए अच्छा संकेत करार दिया था. यह घटना वर्ष 2011 में ट्रेंटब्रिज टेस्ट के दौरान हुई थी जब बेल को रन आउट करार दिया गया था लेकिन लंच के बाद जब भारतीय टीम फील्डिंग के लिए लौटी तो भारतीय कप्तान ने बेल को फिर से बल्लेबाजी के लिए बुलाने का निर्णय लिया. दरअसल, बेल गलतफहली में रन आउट हुए थे. इंग्लैंड के इस बल्लेबाज ने जो शॉट लगाया था, उसे प्रवीण कुमार ने सीमा रेखा पर रोक लिया था लेकिन बेल को लगा था कि गेंद सीमा रेखा को छू चुकी है. प्रवीण के चौका बचाने की घटना से बेखबर बेल बिना क्रीज को छुए लंच के लिए पवेलियन की लौटने लगे तभी प्रवीण ने गेंद सीधे धोनी के हाथों में फेंकी, जिन्होंने बेल को रन आउट कर दिया था. धोनी ने जब बेल को वापस बैटिंग के लिए बुलाने का फैसला किया था जो स्टेडियम दर्शकों की तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा था.
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं