युवा कांग्रेस के अध्यक्ष श्रीनिवास बी वी ने उन पर कांग्रेस से निष्कासित एक नेता द्वारा लगाये गए उत्पीड़न और लैंगिक भेदभाव के आरोपों के संबंध में पूछताछ के लिए गुवाहाटी पुलिस से पेशी को लेकर मंगलवार को 10 दिनों का समय मांगा. एक पुलिस अधिकारी ने यह जानकारी दी. अधिकारी ने बताया कि श्रीनिवास का प्रतिनिधि मंगलवार को उन्हें तलब करने वाले दिसपुर पुलिस थाने गए और अतिरिक्त समय देने की अर्जी दी.
इस बीच,गौहाटी उच्च न्यायालय ने श्रीनिवास की उनके खिलाफ असम युवा कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष अंकिता दत्ता द्वारा दर्ज कराई गई प्राथमिकी को रद्द करने के अनुरोध वाली याचिका पर सुनवाई के लिए बृहस्पतिवार का दिन तय किया है. अदालत में जब मामला सुनवाई को आया तो दत्ता के वकील प्राण बोरा ने कहा कि उनके मुवक्किल को याचिका की प्रति नहीं मिली है और उन्हें अध्ययन के लिए समय की जरूरत है. इसके बाद उच्च न्यायालय ने मामले को चार मई को सूचीबद्ध करने का निर्देश दिया.
दत्ता ने 19 अप्रैल को दिसपुर पुलिस थाने में शिकायत दी थी, जिसमें आरोप लगाया गया था कि श्रीनिवास ‘‘उनका पिछले छह महीनों से मानसिक उत्पीड़न और उनके साथ लैंगिक आधार पर भेदभाव कर रहे हैं. साथ ही उन्हें पार्टी के वरिष्ठ पदाधिकारियों को शिकायत करना जारी रखने की स्थिति में गंभीर परिणाम की धमकी दे रहे हैं.'' दत्ता ने शिकायत में यह भी उल्लेख किया था कि रायपुर में पार्टी के हालिया पूर्ण सत्र के दौरान, आरोपी ने उनका हाथ पकड़ा, धक्का दिया और कहा कि अगर उन्होंने उनके खिलाफ शिकायत की, तो वह पार्टी में उनका करियर बर्बाद कर देंगे.
पुलिस ने महिलाओं के उत्पीड़न से संबंधित भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं और भारतीय प्रौद्योगिकी कानून के तहत प्राथमिकी दर्ज की है. गुवाहाटी पुलिस की पांच सदस्यीय टीम 23 अप्रैल को बेंगलुरु गई थी और उनके आवास पर एक नोटिस चस्पा करके उन्हें दो मई तक दिसपुर पुलिस थाने में पेश होने का निर्देश दिया था. श्रीनिवास ने ट्रांजिट अग्रिम जमानत के लिए 28 अप्रैल को बेंगलुरु की एक स्थानीय अदालत का दरवाजा खटखटाया था, लेकिन उनकी याचिका खारिज कर दी गई थी.
शिकायत दर्ज कराने से पहले, दत्ता ने 18 अप्रैल को माइक्रो-ब्लॉगिंग साइट ट्विटर पर कई ट्वीट करके श्रीनिवास के खिलाफ आरोप लगाए थे. कांग्रेस ने उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी किया था और बाद में पार्टी विरोधी गतिविधियों के लिए पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से छह साल के लिए निष्कासित कर दिया था. श्रीनिवास ने दत्ता को एक कानूनी नोटिस देकर माफी मांगने के लिए कहा था. राष्ट्रीय महिला आयोग ने दत्ता के ट्वीट पर स्वत: संज्ञान लेते हुए असम पुलिस को आवश्यक कार्रवाई करने का निर्देश दिया था.
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