लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा का जवाब देते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विपक्ष पर भी हमला बोला. पीएम मोदी ने कहा कि यहां कहा गया कि हमारी ऊंचाई को कोई कम नहीं कर सकता, ऐसी गलती हम नहीं करते. हम दूसरे की लकीर छोटी करने में विश्वास नहीं करते, हम अपनी लकीर लंबी करने के लिए जिंदगी खपा देते हैं. उन्होंने कहा कि आपकी ऊंचाई आपको मुबारक हो, क्योंकि आप इतने ऊंचे चले गए हैं कि आपको जमीन दिखना बंद हो गया है. आप इतने ऊंचे चले गए हैं कि आप जड़ों से उखड़ गए हैं. इसलिए आपका और ऊंचा होना मेरे लिए अत्यंत संतोषजनक है. उन्होंने कहा कि मेरी कामना है कि और आप ऊंचे बढ़ें.
पीएम मोदी ने कहा कि लोकसभा चुनाव के नतीजों ने दिखा दिया कि देश की जनता खुद की बजाए देश की भलाई के लिए सोचते हैं, यह सोच तारीफ के काबिल है. पीएम मोदी ने आपातकाल का जिक्र करते हुए फिर कांग्रेस पर निशाना साधा और कहा कि आज 25 जून है. 25 जून की तारीख के दिन देश की आत्मा को कुचल दिया गया था. आपातकाल किसने थोपा था. क्या हम उस दिन काले दिन को भूला सकते हैं.
राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा के दौरान बोले पीएम मोदी- जिसका कोई नहीं उसके लिए सिर्फ सरकार होती है
पीएम मोदी ने कहा कि भारत में लोकतंत्र संविधान के पन्नों से पैदा नहीं हुआ है, बल्कि भारत में लोकतंत्र सदियों से हमारी आत्मा है, उस आत्मा को कुचल दिया गया था. हमारा सपना ऊंचा होने का नहीं बल्कि जड़ों से जुड़ने का है, जड़ों की गहराई से जुड़ने का है. जड़ों से ही ताकत पाकर देश को और ऊंचाई देना, ये ही हमारा रास्ता है.
पीएम मोदी ने कहा कि मैं शायद पहला प्रधानमंत्री हूं जिसने लाल किले से कहा हो कि देश और राज्य में आजादी से अब तक जितनी भी सरकारे हुईं उन सभी का देश को आगे ले जाने में योगदान है. इस सदन में पहले भी ये बात मैं कह चुका हूं और आज भी इस बात को दोहरा रहा हूं. उन्होंने कहा कि मैं चुनौती देता हूं कि 2004 से 2014 तक शासन में बैठे हुए लोगों ने कभी अटल जी की सरकार की तारीफ की हो. उनकी छोड़ों नरसिम्हा राव जी की सरकार की तारीफ की हो. इस सदन में बैठे हुए इन लोगों ने तो एक बार भी मनमोहन सिंह जी की सरकार का जिक्र तक नहीं किया, अगर किया हो तो बताएं.
पीएम मोदी ने कहा कि हमें सुनाने का हक उन्हीं को है, जिन्होंने किसी को स्वीकार किया हो. वरना इनके कार्यकाल में नरसिम्हा राव जी को भारत रत्न मिलता, मनमोहन सिंह जी को भारत रत्न मिलता, लेकिन ये परिवार से बाहर किसी के बारे में सोच ही नहीं सकते.
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