दिल्ली स्थित तिहाड़ जेल में कश्मीर के अलगाव वादी नेता यासीन मलिक भूख हड़ताल कर रहे हैं, जिसके बाद आज उन्हें आरएमएल अस्पताल में भर्ती करवाया गया है. यासीन 22 जुलाई से भूख हड़ताल पर हैं. यासीन मलिक का कहना है जो उनका मामला विचाराधीन चल रहा है, उस पर सही से जांच नहीं की जा रही है, इसलिए वह भूख हड़ताल पर बैठे हैं. जेल के आलाअधिकारी भी यासीन मलिक से बात करने पहुंचे, लेकिन उन्होंने भूख हड़ताल छोड़ने से मना कर दिया. आज तबीयत खराब होने के बाद अस्पताल में भर्ती करवाया गया है.
इससे पहले खबर आई थी कि यासीन मलिक को ड्रिप (नलियों) के जरिए तरल पदार्थ दिए जा रहे हैं. एक अधिकारी ने मंगलवार को बताया था कि कड़ी सुरक्षा के बीच कारागार संख्या सात में एक अलग कोठरी में रखा गया मलिक शुक्रवार की सुबह से कुछ नहीं खा रहे. वे अब भी भूख हड़ताल पर है और चिकित्सक उसके स्वास्थ्य पर लगातार नजर रख रहे हैं. रविवार से ड्रिप के जरिए तरल पदार्थ दिए जा रहे हैं.''
तत्कालीन केंद्रीय गृह मंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद की बेटी रुबैया सईद के आठ दिसंबर, 1989 को हुए अपहरण से जुड़े मामले में मलिक आरोपी है. वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) के विशेष न्यायाधीश के सामने पेश हुए मलिक ने कहा था कि वह रुबैया सईद के अपहरण से जुड़े मामले में जम्मू की अदालत में व्यक्तिगत रूप से पेश होना चाहते हैं. मलिक ने कहा था कि 22 जुलाई तक अगर सरकार ने इस संबंध में अनुमति नहीं दी, तो वह भूख हड़ताल शुरू कर देंगे. मलिक को इस साल मई में दिल्ली की एक अदालत ने आतंकवाद का वित्तपोषण करने के मामले में दोषी ठहराया था. मलिक को विभिन्न अवधि की कारावास की सजा सुनाई गई थी और सभी सजाएं एक साथ चल रही हैं.
राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) द्वारा 2017 में दर्ज आतंकवाद के वित्तपोषण के मामले में मलिक को 2019 की शुरुआत में गिरफ्तार किया गया था. एनआईए की विशेष अदालत ने गत मई में उसे सजा सुनाई थी.रुबैया सईद का कथित तौर पर जेकेएलएफ के आतंकवादियों द्वारा अपहरण किया गया था. रुबैया को पांच दिन बाद 13 दिसंबर को अपहरणकर्ताओं के चंगुल से छुड़ाया गया, लेकिन इसके बदले भाजपा द्वारा समर्थित तत्कालीन वीपी सिंह सरकार को जेकेएलएफ के पांच आतंकवादियों को रिहा करना पड़ा था.
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