लखनऊ:
लखनऊ एनकाउंटर में मारे गए संदिग्ध आतंकी सैफुल्ला के पिता सरताज ने बेटे की लाश लेने से मना कर दिया है. पिता को बेटे की इस हरकत का काफी अफसोस हुआ है. सैफुल्ला की उसके भाई खालिद से एटीएस ने मुठभेड़ के दौरान आखिरी बार फ़ोन पर बात कराई थी कि वह सरेंडर कर दे, लेकिन भाई नहीं माना. सुरक्षा एजेंसियां सैफुल्ला को जिंदा पकड़ना चाहती थीं ताकि आतंकियों के मॉड्यूल की और जानकारी मिल सके. इसके लिए मिर्ची बम का इस्तेमाल भी किया गया. सैफुल्ला के शव के पास से आईएसआईएस का झंडा, रेलवे का टाइम टेबल और पिस्तौल और गोलियां बरामद हुई हैं.
परिवार के मुताबिक-सैफुल्ला सऊदी अरब का वीजा लेने के लिए मुम्बई गया हुआ था. करीब 2 या ढाई महीने से परिवार से कोई बात नहीं हुई थी. सैफुल्ला बी कॉम करने के बाद अकाउंटेंट का काम कर रहा था. सैफुल्ला के पिता सरताज जाजमऊ में Tannery में सुपरवाइजर हैं और जाजमऊ की एक कॉलोनी मनोहर नगर बस्ती में रहते हैं. सरताज के तीन बच्चे हैं. दो लड़के सैफुल्ला और खालिद और एक लड़की. सरताज के बड़े भाई मोहम्मद नसीम हैं. ये रिटायर्ड टीचर हैं. इनके दो बेटे फैसल और इमरान हैं. (लखनऊ एनकाउंटर : जब भाई ने संदिग्ध आतंकी को फोन किया तो जवाब मिला- मैं मरना पसंद करूंगा)
ANI से बातचीत में सैफुल्ला के रिश्तेदार ने बातचीत में कहा कि हर कोई स्तब्ध है कि वह ऐसा करेगा. वह पांच टाइम की नमाज पढ़ता था. किसी ने उससे यह उम्मीद नहीं की थी.
ANI से बातचीत में सैफुल्ला के पिता ने कहा कि यह देश के हित में नहीं है. मैं देशद्रोही का शव नहीं ले सकता. मैंने दो ढाई महीने पहले काम न करने को लेकर उसे मारा था. उसने पिछले सोमवार मुझे फोन किया कि वह सऊदी जा रहा है.
दरअसल, मध्य प्रदेश में तीन आतंकवादी पकड़े गए हैं जिनमें से दो कानपुर के हैं. उनसे जो पूछताछ हुई तो उन्होंने फैसल और इमरान का नाम लिया. फैसल और इमरान की निशानदेही पर सैफुल्ला को पकड़ा गया.
गौरतलब है कि जिस घर में सैफुल्ला छिपा था, उसके मालिक का नाम बादशाह है. बादशाह सऊदी अरब में रहता है और माना जा रहा है कि उसने छह महीने पहले चार लोगों को यह मकान किराए पर दिया था. पुलिस का कहना है कि सैफुल्ला का भोपाल-उज्जैन पैसेंजर ट्रेन ब्लास्ट में हाथ हो सकता है, जिसमें 9 लोग घायल हुए थे. सीसीटीवी फुटेज के आधार पर पुलिस ने संदिग्धों की पहचान भी की है. जिसमें से दो को कानपुर में और एक को इटावा में गिरफ्तार किया गया है. साथ ही तीन लोगों को मध्य प्रदेश में गिरफ्तार किया गया है.
परिवार के मुताबिक-सैफुल्ला सऊदी अरब का वीजा लेने के लिए मुम्बई गया हुआ था. करीब 2 या ढाई महीने से परिवार से कोई बात नहीं हुई थी. सैफुल्ला बी कॉम करने के बाद अकाउंटेंट का काम कर रहा था. सैफुल्ला के पिता सरताज जाजमऊ में Tannery में सुपरवाइजर हैं और जाजमऊ की एक कॉलोनी मनोहर नगर बस्ती में रहते हैं. सरताज के तीन बच्चे हैं. दो लड़के सैफुल्ला और खालिद और एक लड़की. सरताज के बड़े भाई मोहम्मद नसीम हैं. ये रिटायर्ड टीचर हैं. इनके दो बेटे फैसल और इमरान हैं. (लखनऊ एनकाउंटर : जब भाई ने संदिग्ध आतंकी को फोन किया तो जवाब मिला- मैं मरना पसंद करूंगा)
ANI से बातचीत में सैफुल्ला के रिश्तेदार ने बातचीत में कहा कि हर कोई स्तब्ध है कि वह ऐसा करेगा. वह पांच टाइम की नमाज पढ़ता था. किसी ने उससे यह उम्मीद नहीं की थी.
ANI से बातचीत में सैफुल्ला के पिता ने कहा कि यह देश के हित में नहीं है. मैं देशद्रोही का शव नहीं ले सकता. मैंने दो ढाई महीने पहले काम न करने को लेकर उसे मारा था. उसने पिछले सोमवार मुझे फोन किया कि वह सऊदी जा रहा है.
दरअसल, मध्य प्रदेश में तीन आतंकवादी पकड़े गए हैं जिनमें से दो कानपुर के हैं. उनसे जो पूछताछ हुई तो उन्होंने फैसल और इमरान का नाम लिया. फैसल और इमरान की निशानदेही पर सैफुल्ला को पकड़ा गया.
गौरतलब है कि जिस घर में सैफुल्ला छिपा था, उसके मालिक का नाम बादशाह है. बादशाह सऊदी अरब में रहता है और माना जा रहा है कि उसने छह महीने पहले चार लोगों को यह मकान किराए पर दिया था. पुलिस का कहना है कि सैफुल्ला का भोपाल-उज्जैन पैसेंजर ट्रेन ब्लास्ट में हाथ हो सकता है, जिसमें 9 लोग घायल हुए थे. सीसीटीवी फुटेज के आधार पर पुलिस ने संदिग्धों की पहचान भी की है. जिसमें से दो को कानपुर में और एक को इटावा में गिरफ्तार किया गया है. साथ ही तीन लोगों को मध्य प्रदेश में गिरफ्तार किया गया है.
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