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प्रियंका की चाय, सिगरेट, कुत्ता, बिल के अतरंगी नाम और रात भर धरना... ऐसे भी याद रहेगा ये शीतकालीन सत्र

संसद के इस शीतकालीन सत्र में पहली बार कुत्ते को लेकर विवाद हुआ. सिगरेट विवाद ने भी लोगों का ध्यान खींचा. इसके अलावा विधेयकों के अतरंगी नाम भी सुर्खियां बने.

प्रियंका की चाय, सिगरेट, कुत्ता, बिल के अतरंगी नाम और रात भर धरना... ऐसे भी याद रहेगा ये शीतकालीन सत्र
नई दिल्ली:

संसद का शीतकालीन सत्र सरकारी कामकाज, बिलों के पास होने, विपक्ष के हंगामे, देर रात तक लोकसभा और राज्यसभा के चलने के लिए तो याद किया ही जाएगा, मगर कई और भी विवाद हैं जिसके लिए शीतकालीन सत्र को ज्यादा याद किया जाएगा. इस सत्र में पहली बार कुत्ते को लेकर विवाद हुआ. सिगरेट विवाद ने भी लोगों का ध्यान खींचा. इसके अलावा इस सत्र में पारित हुए विधेयकों के अतरंगी नाम भी सुर्खियां बने. 

कुत्ता विवाद पर घिर गईं कांग्रेस सांसद

इस शीतकालीन सत्र में कुत्ते को लेकर विवाद काफी चर्चा में रहा. हुआ यह कि कांग्रेस की राज्यसभा सांसद रेणुका चौधरी एक दिन जब संसद आईं तो उनकी गाड़ी में एक कुत्ता था, जिसकी मीडिया के लोगों ने फोटो खींच ली. फिर ये घटना खबर बन गई. संसद परिसर में वैसे तो पालतू जानवर लाने पर कोई पाबंदी नहीं है, बशर्ते कि वो गाड़ी में ही रहे, मगर जब रेणुका चौधरी से इस बारे में सवाल पूछा गया तो उनका कहना था कि ये कुत्ता उनको आते वक्त सड़क पर मुसीबत में दिखा था, जिसे उन्होंने अपनी गाड़ी में बैठा लिया. मगर इसके साथ ही कुत्ता, संसद और सांसदों से जोड़ कर बयान दे दिया. उन्होंने कहा कि असली काटने वाले और डंसने वाले तो अंदर बैठे हैं और सरकार चला रहे हैं. इस पर विवाद हो गया. अब ये मामला विशेषाधिकार समिति को भेजा जा रहा है. रेणुका का कहना है कि जब ये मामला विशेषाधिकार समिति में आएगा, तो वह जवाब देंगी.

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सदन में और बाहर सिगरेट पीने का मामला

दूसरा चर्चित मामला सदन के अंदर और संसद परिसर में सिगरेट पीने का रहा. टीएमसी के एक सांसद पर बीजेपी के सांसद ने लोकसभा में ई-सिगरेट पीने का इल्ज़ाम लगाया और सदन की गरिमा का सवाल उठा दिया. टीएमसी सांसद सौगत रॉय पर संसद भवन परिसर में सिगरेट पीने का आरोप है. उन्हें दो केंद्रीय मंत्रियों ने सिगरेट पीते टोका भी था. मगर सदन के अंदर ई-सिगरेट पीने के मामले में बीजेपी के एक सांसद ने लिखित रूप में लोकसभा अध्यक्ष को चिट्ठी लिखी है. इस पर संसदीय कार्यमंत्री का कहना है कि मामले की फोरेंसिक जांच की जाएगी और मामला विशेषाधिकार समिति को भेजा जा रहा है. इस मामले की तरह 'जी राम जी' बिल पर विपक्षी सांसदों के सदन में टेबल पर चढ़ने का मामला भी विशेषाधिकार समिति को भेजा जा रहा है. इसमें विपक्ष के कुछ सांसदों के नाम हैं. उन्हें अगले सत्र में सदन से बाहर करने की मांग की गई है.

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विधेयकों के नामों को लेकर हुआ विवाद

ये शीतकालीन सत्र कई बिलों के हिंदी-अंग्रेज़ी मिलाकर नाम रखने और उनके छोटे नामों को लेकर भी बहस का विषय बना, जैसे कि सबका बीमा सबकी रक्षा. मगर सबसे ज़्यादा हंगामा हुआ विकसित भारत गारंटी फॉर रोजगार एंड आजीविका मिशन (ग्रामीण) बिल 2025 जिसे VB जी राम जी बिल कहा गया. इसी तरह एटमी क्षेत्र में निजी क्षेत्र की भागीदारी का बिल भी अपने नाम को लेकर विवादों में रहा. इसका नाम दरअसल The Sustainable Harnessing and Advancement Of Nuclear Energy For Tranforming India Bill 2025 है, जिसे SHANTI या शांति नाम से बुलाए जाने पर विवाद है. 

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प्रियंका की चाय और डिश डिप्लोमैसी

संसद का ये शीतकालीन सत्र प्रियंका गांधी की सक्रियता के लिए भी जाना जाएगा. एक तो वंदे मातरम पर उन्होंने जोरदार भाषण दिया. फिर नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी के संसद में मौजूद ना रहने पर 'जी राम जी' बिल पर विपक्षी सांसदों का महात्मा गांधी की प्रतिमा तक नेतृत्व करना भी उनके लिए विशेष पल रहा. इसके अलावा सदन के अंदर ही बड़ी मासूमियत से प्रश्नकाल के दौरान परिवहन मंत्री नितिन गडकरी से मिलने का समय मांगना और गडकरी का उन्हें प्रश्नकाल के तुरंत बाद बुलाना, फिर अपने हाथ की बनी डिश खिलाना सुर्खियों में रहा. इतना ही नहीं, प्रियंका का शीतकालीन सत्र के अंतिम दिन नेता प्रतिपक्ष की अनुपस्थिति में लोकसभा अध्यक्ष के यहां चाय पर जाना और प्रधानमंत्री के साथ बातचीत भी चर्चा का विषय बना हुआ है.

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रात भर धरने के लिए भी याद रहेगा ये सत्र

इसी सत्र में केंद्रीय सूचना आयुक्त, सूचना आयुक्त और सतर्कता आयुक्त की नियुक्तियों के लिए संसद भवन में हुई 88 मिनट की बैठक भी सुर्खियों में रही. इस बैठक में प्रधानमंत्री, केंद्रीय गृह मंत्री और नेता प्रतिपक्ष शामिल हुए. यह सत्र अपने अंतिम दिन राज्यसभा में 'जी राम जी' बिल पर देर रात तक चली बहस और तृणमूल सांसदों के 12 घंटे के धरने के लिए भी चर्चा में रहा. टीएमसी सांसदों का धरना रात के 12 बजे से अगले दिन दोपहर 12 बजे तक चला. तृणमूल कांग्रेस के सांसद रात भर संसद परिसर में डटे रहे. इस तरह देखा जाए तो यह शीतकालीन सत्र विधेयकों, बहसों के अलावा इन गैर संसदीय कामों के लिए ज्यादा चर्चा में रह सकता है. 

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