गो फर्स्ट के दिल्ली से गुवाहाटी जा रहे विमान की विंडशील्ड में बीच रास्ते में ही आई दरार आने की वजह से विमान को जयपुर डायवर्ट कर दिया गया. डीजीसीए के अधिकारियों ने बताया कि ए 320 नियो एयरक्राफ्ट की विंडशील्ड में हवा में ही दरार आ गई थी. पिछले दो दिनों में गो फर्स्ट विमान में तकनीकी खराबी की ये तीसरी घटना है. मंगलवार को गो फर्स्ट की मुंबई-लेह और श्रीनगर-दिल्ली की उड़ानों को इंजन में खराबी का सामना करना पड़ा और दोनों विमानों को नागरिक उड्डनयन महानिदेशालय ने उड़ान भरने से रोक दिया है. अधिकारियों के मुताबिक, इंजन संख्या दो में खराबी की सूचना के बाद गो फर्स्ट की मुंबई-लेह उड़ान को बीच रास्ते से दिल्ली की तरफ मोड़ दिया गया. उन्होंने बताया कि कंपनी की श्रीनगर-दिल्ली उड़ान के इंजन संख्या दो में भी बीच हवा में खराबी का पता चला, जिसके बाद उसे श्रीनगर लौटने का निर्देश दिया गया.
बीते एक महीने में भारतीय विमानन कंपनियों की उड़ानों में तकनीकी खराबी के कई मामले सामने आए हैं. पिछले तीन दिनों में नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने सुरक्षित हवाई यात्रा सुनिश्चित करने के मुद्दे पर विमानन कंपनियों, अपने मंत्रालय के अधिकारियों और डीजीसीए अधिकारियों के साथ कई बैठकें की हैं.
डीजीसीए ने सोमवार को बताया था कि उसके अधिकारियों ने मौके पर पहुंचकर जांच की और पाया कि उड़ान से पहले विभिन्न कंपनियों के विमानों को प्रमाणित करने वाले इंजीनियरों की संख्या अपर्याप्त है. प्रस्थान से पहले एक विमान रखरखाव इंजीनियर (एएमई) प्रत्येक विमान की जांच कर उसे उड़ान के लिए उपयुक्त होने का प्रमाणन देता है. अधिकारियों ने बताया था कि डीजीसीए ने प्रशिक्षित एएमई की नियुक्ति को लेकर सभी विमानन कंपनियों को दिशा-निर्देश जारी किए हैं और इन पर 28 जुलाई तक अमल करने का निर्देश दिया है.
डीजीसीए के मुताबिक, मौके पर की गई जांच में यह भी पाया गया कि विमानन कंपनियों की एएमई टीमें ‘खामियों की वजह' की गलत पहचान कर रही हैं. इससे पहले 17 जुलाई को इंडिगो की शारजाह-हैदराबाद उड़ान को उस समय ऐहतयाती तौर पर कराची की तरफ मोड़ दिया गया था, जब पायलट को विमान के एक इंजन में खराबी का पता चला था. वहीं 16 जुलाई की रात को उड़ान के दौरान केबिन में कुछ जलने की गंध आने के बाद एयर इंडिया एक्सप्रेस की कालीकट-दुबई उड़ान को मस्कट की तरफ मोड़ दिया गया था.
15 जुलाई को एयर इंडिया एक्सप्रेस की बहरीन-कोच्चि उड़ान के कॉकपिट में एक जिंदा पक्षी मिला था. उधर, स्पाइसजेट इस समय जांच के घेरे में है। 19 जून से छह जुलाई के बीच कंपनी के विमानों में तकनीकी खराबी की कम से कम आठ घटनाएं सामने के बाद डीजीसीए ने स्पाइसजेट को कारण बताओ नोटिस जारी किया था. डीजीसीए फिलहाल इन सभी घटनाओं की जांच कर रहा है.
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