असम कांग्रेस विधायक द्वारा राज्य में चार-चपोरी (द्वीप) क्षेत्रों में लोगों के लिए एक संग्रहालय की मांग पर विवाद और उससे इनकार करने के बाद अब असम के वित्त मंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा कि आने वाले चुनावों के बाद सत्ता में आने पर ऐसा प्रस्ताव देने वाले विधायक शरमन अली अहमद को सलाखों के पीछे डाल दिया जाएगा.
सरमा ने कहा कि अली ने कहा था कि लुंगी जो निचले असम में बंगाली मुसलमानों का पारंपरिक पहनावा है, उसे गुवाहाटी में श्रीमंत शंकरदेव कलाक्षेत्र में रखा जाएगा, जिस सांस्कृतिक परिसर का नाम असम के सामाजिक-धार्मिक सुधारक और विद्वान श्रीमंत शंकर देव के नाम पर रखा गया है.
"लुंगी अंडरगारमेंट की तरह है. कोई इतना नीचे कैसे गिर सकता है और कह सकता है कि लुंगी को कलाक्षेत्र जैसे प्रतिष्ठित स्थान पर रखा जा सकता है? अली ने जो कहा वह अपराध है. हम उसे अभी गिरफ्तार नहीं करेंगे क्योंकि चुनाव में उसे वोट मिलेंगे. एक बार सत्ता में वापस आने के बाद हम उन्हें गिरफ्तार करेंगे." सरमा ने कहा.
बीजेपी नेता ने कहा कि यह कांग्रेस है, जिसने राज्य में विधानसभा चुनाव से लगभग छह महीने पहले "ओछी राजनीति" की है.
सरमा ने कहा "कांग्रेस इस साल की शुरुआत में नागरिकता विरोधी (संशोधन) अधिनियम के विरोध के बाद से कलाक्षेत्र पर नज़र रखे हुए है. प्रदर्शनकारियों ने कलाक्षेत्र को नुकसान पहुंचाया था."
बता दें कि 18 अक्टूबर को लिखे गए निदेशक संग्रहालय के पत्र में, बागबोर निर्वाचन क्षेत्र के कांग्रेस विधायक शरमन अली अहमद ने कहा था कि ''चार-चापोरी'' नदी क्षेत्र में प्रस्तावित संग्रहालय तत्कालीन पूर्वी बंगाल के उन बंगाली मुसलमानों की परंपरा और संस्कृति को प्रदर्शित करेगा जो असम के नदी क्षेत्र में बसे हुए हैं. इस बयान के बाद असम में राजनीतिक बयानबाजी का दौर शुरू हो गया था.
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