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This Article is From Jun 27, 2022

"सभी 39 विधायकों और उनके परिजनों की सुरक्षा सुनिश्चित करेंगे", SC में बोली महाराष्ट्र सरकार

इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र सरकार से कहा था कि वो शिंदे और 15 अन्य विधायकों और उनके परिजनों को सुरक्षा मुहैया कराएं.

नई दिल्ली:

महाराष्ट्र में राजनीतिक खींचतान के बीच 39 बागी विधायकों और उनके परिजनों की सुरक्षा को लेकर उद्धव सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में अपनी बात रखी. सुनवाई के दौरान महाराष्ट्र सरकार की ओर से पेश हुए वकील ने कहा कि हम सभी 39 बागी विधायकों और उनके परिजनों की जान, स्वतंत्रता और संपत्ति की सुरक्षा को सुनिश्चित करेंगे. इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र सरकार से कहा था कि वो शिंदे और 15 अन्य विधायकों और उनके परिजनों को सुरक्षा मुहैया कराएं. इस पर शिंदे खेमे के वकील ने कोर्ट से कहा कि उन विधायकों को भी सुरक्षा मुहैया करवाई जाए, जिन्हें नोटिस नहीं मिला है. इस पर सुप्रीम कोर्ट में महाराष्ट्र सरकार ने कहा कि सभी 39 विधायकों और उनके परिवार की सुरक्षा सुनिश्चित की जाएगी.

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सुप्रीम कोर्ट में करीब दो घंटे तक चली सुनावई के दौरान उद्धव ठाकरे गुट के वकील कामत ने कोर्ट से कहा कि हमें इस बात का अंदेशा है कि बागी विधायक 11 जुलाई से पहले फ्लोर टेस्ट की मांग कर सकते हैं. लिहाजा इस पर रोक लगाई जाए. कामत ने कहा कि ऐसी स्थिति में कोर्ट में याचिका दाखिल करने का विकल्प खुला रखने दिया जाए. इसपर कोर्ट ने कहा कि अगर कुछ गलत होता है तो कोई भी नागरिक कोर्ट आ सकता है.  

इससे पहले कोर्ट जस्टिस सूर्यकांत ने शिंदे गुट से पूछा, आप हाईकोर्ट क्यों नहीं गए. कौल ने कहा कि हमारे पास 39 विधायक है. सरकार अल्पमत में है. हमें धमकी दी जा रही है. हमारी संपत्ति जलाई जा रही है. बॉम्बे कोर्ट में सुनवाई के लिए माहौल नहीं है. हमें नोटिस का जवाब देने के लिए पर्याप्त समय नहीं दिया गया. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आप कह रहे हैं कि आपको अपनी जान की चिंता है. दूसरा आप कह रहे हैं कि स्पीकर ने आपको पर्याप्त समय नहीं दिया है. 

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कौल ने कहा कि इस मामले में डिप्टी स्पीकर बेवजह जल्दबाजी में हैं. उन्होंने आज शाम पांच बजे तक का समय दिया है. ये प्राकृतिक न्याय के खिलाफ है. शिंदे गुट ने कहा कि नियम के मुताबिक 14 दिनों के नोटिस का समय होता है. 

बता दें, शिवसेना के बागी विधायकों के नेता एकनाथ शिंदे ने सुप्रीम कोर्ट में एक और अर्जी दाखिल की थी. अर्जी में बागी विधायकों की जान को खतरा बताया गया था. उन्होंने कहा था कि शिवसेना कैडर से उनका जीवन गंभीर खतरे में है. आरोप लगाया था कि संजय राउत की धमकी कि 'उनके शव गुवाहाटी से आएंगे' का मतलब है कि महाराष्ट्र में कानून और व्यवस्था महा विकास अघाड़ी (MVA) सरकार के नियंत्रण में नहीं है.

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