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This Article is From Jul 16, 2020

दो दिन पहले गहलोत सरकार पर 'बंधक' बनाने का आरोप लगाने वाले BTP विधायक ने अब बदले सुर, अब कहा...

सचिन पायलट ने वकील मुकुल रोहतगी और हरीश साल्वे की मदद से राजस्थान हाइकोर्ट में आज एक बड़ी जीत हासिल की. ऐसा माना जा रहा है कि सचिन पायलट के लिए वकीलों की व्यवस्था बीजेपी की तरफ से की गई थी.

दो दिन पहले गहलोत सरकार पर 'बंधक' बनाने का आरोप लगाने वाले BTP विधायक ने अब बदले सुर, अब कहा...
कांग्रेस नेता राहुल गांधी के साथ अशोक गहलोत और सचिन पायलट (फाइल फोटो).
नई दिल्ली:

सचिन पायलट ने वकील मुकुल रोहतगी और हरीश साल्वे की मदद से राजस्थान हाइकोर्ट में आज एक बड़ी जीत हासिल की. ऐसा माना जा रहा है कि सचिन पायलट के लिए वकीलों की व्यवस्था बीजेपी की तरफ से की गई थी. कल सचिन पायलट कांग्रेस से दूर जाने की कोशिश से कुछ हटते नजर आए थे. इससे पहले सचिन पायलट ने यह ऐलान कर दिया था कि वे मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के साथ काम नहीं कर सकते हैं. जिसके बाद कांग्रेस ने उन्हें उपमुख्यमंत्री और राजस्थान कांग्रेस अध्यक्ष पद से बर्खास्त कर दिया था. पायलट को चेतावनी दी गई थी कि पार्टी बैठकों में शामिल न होने के लिए उनकी विधानसभा सदस्यता को खत्म किया जा सकता है. इसके जवाब में सचिन पायलट ने पार्टी को अदालत में ले जाना का फैसला किया है .

सचिन पायलट ने रविवार को दावा किया कि उनके पास 30 विधायक हैं जो राजस्थान में सरकार से जरूरत पड़ने पर अपना समर्थन वापिस ले सकते हैं. वहीं अशोक गहलोत का कहना है कि उनके पास 109 विधायक हैं जो उनके साथ वफादार हैं. उन्हें मुख्यमंत्री बने रहने के लिए सिर्फ 101 के आंकड़े की जरूरत है. ऐसी स्थिति में हर विधायक मायने रखता है. पायलट खेमे ने आज गहलोत खेमे से दो विधायकों के उनके साथ आने का दावा किया. भारतीय ट्राइबल पार्टी के विधायक उनमें से एक हैं. बीटीपी विधायक राजकुमार ने एनडीटीवी को बताया कि वे पायलट खेमे का हिस्सा नहीं हैं और "कुछ मुद्दों पर चर्चा करने के लिए" कल गहलोत से मिलने की योजना है. 

दो दिन पहले, इन्हीं विधायकों ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो पोस्ट किया था, जो वायरल हो गया था, जिसमें आरोप लगाया गया कि उनकी इच्छा के खिलाफ उन्हें होटल में रोका गया है, जहां अशोक गहलोत ने कांग्रेस के विधायकों को ठहराया हुआ है. बता दें कि इससे पहले सचिन पायलट ने एनडीटीवी से कहा कि वह भाजपा में शामिल नहीं होंगे. हालांकि, वकीलों की उनकी पसंद, भाजपा के साथ पर्दे के पीछे बातचीत चलने की बात कहती है. गहलोत ने पायलट पर न केवल भाजपा के साथ मिलीभगत करने का आरोप लगाया है, बल्कि हॉर्सट्रेडिंग का आरोप भी लगाया है.  

एक वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने NDTV से कहा कि उन्हें कहा गया है कि जब तक कि सचिन पायलट के इरादों को उलट नहीं दिया जाता तब तक मामले में चुप्पी साधे रखें.हालांकि, साफ है कि पायलट की इस शर्त को कांग्रेस की तरफ से अभी पूरा नहीं किया जाएगा कि उन्हें मुख्यमंत्री बनाया जाए . आज की कार्रवाई को देखते हुए, किसी भी सुलह की संभावनाएं बहुत कम हो गई हैं.

हम सचिन पायलट खेमे के साथ नहीं हैं : भारतीय ट्राइबल पार्टी

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