मुंबई: शिवसेना (उद्धव बालासाहब ठाकरे) ने हिंदुत्व विचारक वी. डी. सावरकर को देश का सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘भारत रत्न' नहीं देने को लेकर बुधवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा)-नीत केंद्र सरकार पर निशाना साधा. शिवसेना (यूबीटी) नेता एवं राज्यसभा सदस्य संजय राउत ने बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर को मरणोपरांत ‘भारत रत्न' से सम्मानित करने के केंद्र के फैसले को एक राजनीतिक कदम बताया.
राउत ने यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा कि दिल्ली में (2014 में) नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार के सत्ता में आने के बाद से 11 लोगों को सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार (भारत रत्न) से सम्मानित किया गया है, लेकिन सावरकर को इस सूची में जगह नहीं मिली है.
बिहार में ओबीसी (अन्य पिछड़ा वर्ग) की राजनीति का सूत्रधार माने जाने वाले ठाकुर की जन्म शताब्दी वर्ष की पूर्व संध्या पर मंगलवार को उन्हें ‘भारत रत्न' के लिए नामित किया गया. ठाकुर का 1988 में निधन हो गया. वह पहले गैर-कांग्रेसी समाजवादी नेता थे जो दो बार मुख्यमंत्री बने. वह पहली बार दिसंबर 1970 में सात महीने के लिए और 1977 में दो साल के लिए मुख्यमंत्री बने थे.
राउत ने कहा, ‘‘हम इस बात पर कायम हैं कि वीर सावरकर को ‘भारत रत्न' दिया जाना चाहिए. कर्पूरी ठाकुर ओबीसी के नेता हैं और हमें खुशी है कि उन्हें ‘भारत रत्न' के लिए नामित किया गया है.'' राउत ने कहा कि यह चुनावी मौसम है और बिहार भाजपा के लिए महत्वपूर्ण है. बिहार से लोकसभा में 40 सांसद आते हैं और वर्तमान में वहां जनता दल (यूनाइटेड) और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) की गठबंधन सरकार है.
उन्होंने कहा, ‘‘भाजपा का हर कदम राजनीतिक स्वार्थ के लिए है. स्वतंत्रता संग्राम में भाग लेने वाले प्रमुख लोगों को सम्मानित किया जाता है, लेकिन सावरकर को भारत रत्न से सम्मानित क्यों नहीं किया जाता? भाजपा उन्हें भारत रत्न देने से क्यों भाग रही है?'' आलोचक सावरकर पर कट्टर हिंदुत्ववादी नेता होने का आरोप लगाते हैं.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं