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This Article is From May 03, 2015

मुंबई : जूनियर ने सीनियर पुलिस अफसर को क्यों मारी गोली? क्राइम ब्रांच करेगा जांच

मुंबई : जूनियर ने सीनियर पुलिस अफसर को क्यों मारी गोली? क्राइम ब्रांच करेगा जांच
मुंबई: ड्यूटी पर कथित रूप से गैरहाज़िरी विवाद के बाद हुई तनातनी में मुंबई पुलिस के दो परिवार उजड़ गए। मुंबई के वकोला पुलिस स्टेशन में एएसआई दिलीप शिरके ने पुलिस स्टेशन में ही सीनियर पुलिस इंस्पेक्टर विलास जोशी को गोली मारने के बाद अपने सर्विस रिवॉल्वर से खुदकुशी कर ली।

जोशी ने लीलावती अस्पताल में रविवार को दम तोड़ दिया, जबकि उनके ऑपरेटर बालासाहेब आहेर को पैर में गोली लगी है, उनकी हालत ख़तरे से बाहर है। सरकार का कहना है कि इस मामले की पूरी जांच की जाएगी, ताकि पता लगाया जा सके कि पुलिसकर्मी किस दबाव में हैं।

शनिवार रात चंद मिनटों के गुस्से और पांच राउंड तक चली गोलियों से दो पुलिसवालों का घर तबाह हो गया। रविवार को फॉरेंसिक टीम सबूत तलाशने में जुटी और सरकार उस सवाल के जवाब को ढूंढने में, जिसकी वजह से महज़ स्टेशन डायरी में नाम दर्ज होने से, एक असिस्टेंट सब इंस्पेक्टर ने पहले अपने सीनियर पुलिस इंस्पेक्टर, उसके अर्दली और बाद में खुद पर पिस्तौल तान दी।

रविवार को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस ने कहा 'हम घटना की जड़ तक पहुंचने की कोशिश में जुटे हैं, ताकि पुलिस की मदद कर उनके बीच तनाव को कम किया जा सके'।

मुंबई पुलिस में तकरीबन 48,000 पुलिसकर्मी तैनात हैं, लेकिन कभी वीआईपी ड्यूटी, कभी टेरर अलर्ट के नाम पर यह सच है कि उन पर काम का दबाव बढ़ता जा रहा है। मनोचिकित्सक अंजलि छाबरिया कहती हैं, 'ये दो वरिष्ठ लोग थे, ऐसा नहीं है कि इन्हें पता नहीं था कि हर दिन के तनाव को कैसे झेलना है। लेकिन कभी ऐसी स्थिति आती है कि सामने वाला चाहे कितना सीनियर हो, कितना भी अनुभवी हो वो दबाव सह नहीं पाता है।'

बहरहाल गैरहाज़िरी के बाद सीनियर इंस्पेक्टर विलास जोशी से हुई गरमा-गरमी की वजह से एपीआई दिलीप शिर्के ने जोशी और ऑपरेटर बालासाहेब आहेर पर गोली चलाई या कोई और वजह थी, इस बात की जांच का जिम्मा मुंबई क्राइम ब्रांच को सौंप दिया गया है।

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