राज ठाकरे के साथ सलमान और आमिर खान (फाइल फोटो)
मुंबई:
राज ठाकरे की पार्टी एमएनएस (महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना) का पाक कलाकारों को लेकर जारी विरोध का दोगलापन खुलकर सामने आया है. जबसे इस मुद्दे पर अभिनेता सलमान खान ने पाकिस्तानी कलाकारों को समर्थन दिया है तब से एमएनएस को मानो सांप सूंघ गया है. अब पार्टी अपने आक्रामक अंदाज में जवाब ही नहीं दे रही है.
इससे पहले, उरी में सेना के कैम्प को आतंकियों द्वारा निशाना बनाने का जिक्र करते हुए एमएनएस ने कहा था कि बॉलीवुड से पाकिस्तानी कलाकार वापस लौट जाएं. अपने मुद्दे को आगे बढ़ाते हुए एमएनएस ने फिल्म 'रईस' और 'ऐ दिल है मुश्किल' के प्रदर्शन रोकने का ऐलान भी किया था. साथ ही निर्माता-निर्देशक करण जोहर के दफ्तर के बाहर उग्र प्रदर्शन भी किया था. इस दौरान 'ऐ दिल है मुश्किल' के एक्टर और पाकिस्तानी कलाकार फवाद खान के स्वदेश लौट जाने से मामले को और तूल मिला.
पूरे घटनाक्रम में नया मोड़ तब आया जब इस मामले पर अभिनेता सलमान खान ने अपना रुख साफ किया. सलमान ने मुंबई में मीडिया के सवालों के जवाब देते हुए कहा कि पाकिस्तानी कलाकार आतंकी नहीं हैं. वे तो वीजा और वर्क परमिट पर इस देश में आते हैं.
सलमान के इस रवैये के बाद एमएनएस की सिने इकाई के अध्यक्ष अमेय खोपकर से जब उनकी प्रतिक्रिया मीडिया कर्मियों ने जाननी चाही तो वे तपाक से बोल गए कि क्यों आखिर हर बार एमएनएस ही इस मुद्दे पर बात करे? कोई और क्यों नहीं बोलता?
बताया जाता है कि एमएनएस की इस भूमिका में बदलाव के पीछे पार्टी सुप्रीमो राज ठाकरे और एक्टर सलमान खान की दोस्ती वजह है. राज ठाकरे सलमान के घर गणेश पूजन में हाजिरी लगाते हैं तो सलमान एमएनएस द्वारा आयोजित कार्यक्रमों में हिस्सा ले चुके हैं. ऐसे में पार्टी के दोयम दर्जे के नेता आक्रामक बयान देकर आला कमान की दोस्ती में खलल डालना नहीं चाहते. इसलिए एमएनएस ने सलमान के खिलाफ आंदोलन का कोई ऐलान नहीं किया है.
वैसे इस चुप्पी का मौका ताकते हुए शिवसेना ने सलमान को नसीहत दी है. शिवसेना मंत्री सुभाष देसाई ने कहा है कि सलमान अपने पिता से राष्ट्रभक्ति मामले में सलाह लें. सलीम खान इस मामले में बेहतर जानकारी रखते हैं.
इससे पहले, उरी में सेना के कैम्प को आतंकियों द्वारा निशाना बनाने का जिक्र करते हुए एमएनएस ने कहा था कि बॉलीवुड से पाकिस्तानी कलाकार वापस लौट जाएं. अपने मुद्दे को आगे बढ़ाते हुए एमएनएस ने फिल्म 'रईस' और 'ऐ दिल है मुश्किल' के प्रदर्शन रोकने का ऐलान भी किया था. साथ ही निर्माता-निर्देशक करण जोहर के दफ्तर के बाहर उग्र प्रदर्शन भी किया था. इस दौरान 'ऐ दिल है मुश्किल' के एक्टर और पाकिस्तानी कलाकार फवाद खान के स्वदेश लौट जाने से मामले को और तूल मिला.
पूरे घटनाक्रम में नया मोड़ तब आया जब इस मामले पर अभिनेता सलमान खान ने अपना रुख साफ किया. सलमान ने मुंबई में मीडिया के सवालों के जवाब देते हुए कहा कि पाकिस्तानी कलाकार आतंकी नहीं हैं. वे तो वीजा और वर्क परमिट पर इस देश में आते हैं.
सलमान के इस रवैये के बाद एमएनएस की सिने इकाई के अध्यक्ष अमेय खोपकर से जब उनकी प्रतिक्रिया मीडिया कर्मियों ने जाननी चाही तो वे तपाक से बोल गए कि क्यों आखिर हर बार एमएनएस ही इस मुद्दे पर बात करे? कोई और क्यों नहीं बोलता?
बताया जाता है कि एमएनएस की इस भूमिका में बदलाव के पीछे पार्टी सुप्रीमो राज ठाकरे और एक्टर सलमान खान की दोस्ती वजह है. राज ठाकरे सलमान के घर गणेश पूजन में हाजिरी लगाते हैं तो सलमान एमएनएस द्वारा आयोजित कार्यक्रमों में हिस्सा ले चुके हैं. ऐसे में पार्टी के दोयम दर्जे के नेता आक्रामक बयान देकर आला कमान की दोस्ती में खलल डालना नहीं चाहते. इसलिए एमएनएस ने सलमान के खिलाफ आंदोलन का कोई ऐलान नहीं किया है.
वैसे इस चुप्पी का मौका ताकते हुए शिवसेना ने सलमान को नसीहत दी है. शिवसेना मंत्री सुभाष देसाई ने कहा है कि सलमान अपने पिता से राष्ट्रभक्ति मामले में सलाह लें. सलीम खान इस मामले में बेहतर जानकारी रखते हैं.
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