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खून-पसीना बहाने वाले कर्मवीरों को सलाम! कश्मीर में क्यों करिश्मा है 'Z' मोड सुरंग, जरा समझिए

जेड मोड़ सुरंग जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के लिए राजनीतिक और आर्थिक पूर से काफी अहम है. इसके चालू होने से पर्यटक साल भर किसी भी मौसम में सोनमर्ग तक बगैर किसी पहुंच पाएंगे.

खून-पसीना बहाने वाले कर्मवीरों को सलाम! कश्मीर में क्यों करिश्मा है 'Z' मोड सुरंग, जरा समझिए
पीएम मोदी जेड मोड़ सुरंग का करेंगे उद्घाटन
नई दिल्ली:

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 13 जनवरी यानी सोमवार को जेड़ मोड़ सुरंग को राष्ट्र के नाम समर्पित करेंगे. आपको बता दें कि ये सुरंग कूटनीतिक तौर पर बेहद अहम है.पीएम मोदी के इस कार्यक्रम के लिए कार्यक्रम स्थल पर तैयारियों को आखिरी रूप दिया जा चुका है. बताया जा रहा है कि एसपीजी ने सभी जरूरी स्थानों को अपनी निगरानी में लेने के लिए एसपीपी की टीमें गुरुवार को ही श्रीनगर पहुंच चुकी थीं. 6.5 किलोमीटर लंबी यह सुरंग लद्दाख क्षेत्र में देश की रक्षा जरूरतों के लिहाज से सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण है. ये सुरंग लद्दाख को देश के दूसरे हिस्से से भी जोड़ती है.

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बेसब्री से कर रहा हूं इंतजार: पीएम मोदी 

पीएम मोदी ने जेड मोड़ सुरंग के उद्घाटन को लेकर शनिवार को एक सोशल मीडिया भी किया था. उन्होंने अपने पोस्ट में लिखा कि मैं इस सुरंग के उद्घाटन के लिए जम्मू-कश्मीर के सोनमर्ग की अपनी यात्रा का बेसब्री से इंतजार कर रहा हूं. आपने पर्यटन और स्थानीय अर्थव्यवस्था के लिए फ़ायदों के बारे में सही बताया है. इस सुरंग की तस्वीरें और वीडियो देखना बेहद खुशी देने वाला है. 

पीएम मोदी ने जेड मोड़ सुरंग को लेकर किया है ये पोस्ट 

2015 में शुरू हुआ था प्रोजेक्ट

आपको बता दें कि जोजिला सुरंग का काम पूरा होने के बाद श्रीनगर-लेह मार्ग साल भर खुला रहेगा. इस परियोजना का काम 2015 में मई में शुरू हुआ था. सुरंग तैयार होने का काम पिछले साल यानी 2024 में पूरा हुआ है.

12 किलोमीटर की यह दूरी अब महज 15 मिनट में पूरी होगी

इस सुरंग को जेड मोड़ सुरंग इसलिए कहा जा रहा है क्योंकि यह अंग्रेजी के अक्षर जेड के आकार की है. इस सुरंग के बनने के बाद अब 12 किलोमीटर की दूरी घटकर 6.5 किलोमीटर में सिमट गई है. और इस दूरी को पूरा करने में महज 15 मिनट का समय लगेगा.इस सुरंग के खुलने से सबसे ज्यादा फायदा ये होगा कि अब किसी को भी सर्दियों के मौसम में यहां से गुजरते समय हिमस्खलन की वजह घंटों हाइवे पर फंसे रहने का डर नहीं होगा.

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क्यों खास है ये सुरंग

ये सुरंग कई कारणों से खास है. बताया जा रहा है कि इस सुरंग के शुरू होने से इसमें से 80 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से गाड़ियां दौड़ेंगी. एक अनुमान के अनुसार इस सुरंग से हर घंटे 1000 वाहनों की आवाजाही की क्षमता है.यह सुरंग 10 मीटर चौड़ी है और इसके साथ ही साढ़े सात मीटर की एक एस्केप टनल बनाई गई है.

ऑनलाइन भी हो सकता है शुभारंभ

बताया जा रहा है कि 13 जनवरी को कार्यक्रम स्थल के आसपास मौसम खराब रह सकता है. मौसम विभाग ने बर्फबारी और बारिश की भविष्यवाणी भी की है. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार अगर ऐसा हुआ तो पीएम मोदी ने इस सुरंग का ऑनलाइन उद्घाटन कर सकते हैं. हालांकि उम्मीद ये जताई जा रही है पीएम मोदी कार्यक्रम स्थल पर पहुंचकर ही इस सुरंग का उद्घाटन करेंगे.

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जम्मू-कश्मीर के सीएम ने भी की तारीफ

जम्मू-कश्मीर के सीएम उमर अब्दुल्ला ने इस परियोजना का नाम लिए बगैर बीते दिनों एक सोशल मीडिया पोस्ट लिखा. उन्होंने उस पोस्ट में कहा कि आने वाले दिनों में उद्घाटन किया जाने वाला प्रोजेक्ट पर्यटन के विस्तार के लिए एक बड़ा बदलाव साबित होगा. उन्होंने आगे लिखा कि जम्मू-कश्मीर खास तौर पर मध्य कश्मीर आने वाले दिनों में इंफ्रास्ट्रक्चर के एक महत्वपूर्ण हिस्से उद्घाटन का इंतजार कर रहा है. इस प्रोजेक्ट के शुरू होने से शीतकालीन पर्यटन के विस्तार के लिए एक गेम चेंजर साबित होगा.

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बर्फबारी के कारण अब यातायात नहीं होगी  बाधित

जेड मोड़ सुरंग श्रीनगर-करगिल-लेह हाईवे के जिस हिस्से पर पड़ता है उस इलाके में अकसर जबरदस्त बर्फबारी होती है. अधिक बर्फबारी के कारण हाईवे का एक बड़ा हिस्सा कई महीनों के लिए बंद कर दिया जाता है. लेकिन अब ऐसा नहीं होगा अब इस परियोजना के तहत बने जेड मोड़ सुरंग और इसके साथ ही बनने वाले एक और सुरंग की वजह से आम लोगों के साथ-साथ भारतीय सेना भी इस हाईवे का पूरे साल भर बगैर किसी रुकावट के इस्तेमाल कर पाएंगे. इस परियोजना के तहत जो दो सुरंग बनाए जा रहे हैं उनमें से पहली है जेड मोड़ सुरंग जो गांदरबल जिले में गगनगीर व सोनमार्ग के बीच है. जबकि दूसरी सुरंग जिसकी लंबाई 14 किलोमीटर की है वो जोजि ला है और यह बालटाल से जोजिला पास के पार मिनीमार्ग याना द्रास तक जाएगी.

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क्या है इस सुरंग का मकसद

आपको बता दें कि 6.5 किलोमीटर लंबे इस सुरंग को तैयार करने में कुल 2400 करोड़ रुपये का खर्च आया है. इसे बनाने का मकसद श्रीनगर से सोनमर्ग और बाद में लद्दाख के बीच पहुंच को पहले से और बेहतर करने का है. यह सुरंग समुद्र तल से 8,500 फीट से अधिक की ऊंचाई पर स्थित है. सड़क का यह हिस्सा विशेष रूप से सर्दियों के मौसम के लिए काफी संवेदनशील रहा है. इस मार्ग पर जेड मोड़ सुरंग के बनने से ये चुनौतियां काफी हद तक खत्म हो जाएंगी.

देश के लिए क्यों है ये सुरंग इतनी जरूरी

अगर बात जेड मोड़ सुरंग की महत्ता की करें तो ये जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के लिए राजनीतिक और आर्थिक पूर से काफी अहम है. इसके शुरू होने से पर्यटक साल भर किसी भी मौसम में सोनमर्ग तक बगैर किसी दिक्कत के पहुंच पाएंगे. जिससे इलाके में पर्यटन को और बढ़ावा मिलेगा. इसके साथ ही ये लद्दाख को भी देश के बाकी हिस्सों से जोड़ने  में एक अहम भूमिका निभाने वाला है. इस सुरंग की मदद से हमारी सेना भी सीमावर्ती इलाकों तक पहले के मुकाबले और तेजी व आसानी से पहुंच पाएगी. आपको बता दें इस मार्ग पर जोजिला सुरंग का निर्माण दिसंबर 2026 तक प्रस्तावित है. जोजिला सुरंग के खुलने से इस मार्ग का महत्ता और बढ़ जाएगी.

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