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This Article is From May 10, 2024

"पैसे पर ध्यान क्यों? चुनाव को लेकर क्या है देश के सबसे अमीर उम्मीदवार की राय?

डॉ. पेम्मासानी (TDP Candidate Dr Pemmasani Chandra Sekhar) का कहना है कि सरकार में आते ही पहले दिन किसी कौ भी नौकरी देना संभव नहीं है. उन्होंने कहा कि दिक्कत यह है कि जब ऐसी सरकार का चुनाव किया जाता है, जिसमें विकास करने की प्रकृति नहीं हो, तो सिर्फ 5 साल खराब नहीं होते हैं, बल्कि कम से कम 7 से 8 साल बर्बाद हो जाते हैं. 

"पैसे पर ध्यान क्यों? चुनाव को लेकर क्या है देश के सबसे अमीर उम्मीदवार की राय?
देश के सबसेअमीर उम्मीदवार डॉ. पेम्मासानी चंद्र शेखर.
नई दिल्ली:

देश में इन दिनों लोकसभा चुनाव (LokSabha Elections 2024) चल रहे है. इस बीच देश के सबसे अमीर उम्मीदवार का मानना है कि मुद्दों पर बात करनी चाहिए, न कि उनकी अमीरी पर. एनडीटीवी को दिए एक खास इंटरव्यू में सबसे अमीर उम्मीदवार डॉ. पेम्मासानी चंद्र शेखर (Richest Candidate Dr Pemmasani Chandra Sekhar) ने कहा कि देश में चुनाव लड़ना इतना महंगा हो गया है कि आम लोगों के लिए यह काफी मुश्किल है. उन्होंने कहा, "मुझे नहीं पता कि आप लोग पैसे के पहलू पर इतना ध्यान क्यों दे रहे हैं. दुर्भाग्य है कि, इन दिनों राजनीति काफी महंगी हो गई है. ऐसा नहीं है कि यह बदलाव है. वास्तव में, हम सभी को इसके बारे में चर्चा करने की ज़रूरत है, है ना? आम लोग चुनाव नहीं लड़ सकते हैं."

कौन है देश का सबसे अमीर उम्मीदवार?

डॉ पेम्मासानी चंद्र शेखर आंध्र प्रदेश के गुंटूर से चुनावी मैदान में हैं. वह तेलुगु देशम पार्टी से उम्मीदवार हैं, जो करीब  छह साल बाद एनडीए के साथ मिलकर चुनाव लड़ रही है. डॉ पेम्मासानी देश के सबसे अमीर उम्मीदवार हैं. चुनाव आयोग के मुताबिक, उनकी कुल संपत्ति 5785 करोड़ रुपये है. पिछली बार गुंटूर से चुनाव लड़ने वाले पार्टी का उम्मीदवार भी काफी रईस थे.  हालांकि दो बार के सांसद गल्ला जयदेव ने बिजनेस कमिटमेंट्स और आंध्र प्रदेश सरकार और केंद्र की तरफ से पैदा की गई "परेशानियों" का हवाला देते हुए आगे चुनावी प्रक्रिया से अपना नाम वापस ले लिया. 

देश का सबसे अमीर क्यों लड़ रहा चुनाव?

डॉ पेम्मासानी से जब पूछा गया कि उन्होंने चुनाव लड़ने का फैसला क्यों किया. इस सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि वह समाज को वापस लौटाने के बारे में है. उन्होंने कहा, "मुझे आने की ज़रूरत नहीं है क्योंकि मेरे पास वे सभी सुख-सुविधाएं हैं, जिनकी लोगों को जरूरत होती है. मेरे चुनाव लड़ने की मुख्य वजह यह है कि मैं इसे समाज को वापस देना चाहता हूं. एक बार जब आप उस विचारधारा को अपना लेते हैं तो आप ज्यादातर मानवीय समस्याओं को धैर्यपूर्वक सुन सकते हैं और उनमें से ज्यादातर का समाधान कर सकते हैं. एक बिजनेसमैन के रूप में, आप जानते हैं कि इसे कैसे प्राथमिकता देनी है,'' 

 डॉ. पेम्मासानी उस्मानिया मेडिकल कॉलेज से ग्रैजुएट हैं. वह पांच साल तक अमेरिका में जॉन्स हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी- सिनाई अस्पताल में सेवाएं दे चुके हैं. देश वापस आकर राजनीति में उतरने से पहले वह एजुकेशनलिस्ट और बिजनेसमैन थे. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि उनका कैंपेन नैगेटिव नहीं है. उन्होंने कहा, "आंध्र प्रदेश बहुत ज्यादा कर्ज में है, हमारे पास पैसा नहीं है, न ही बिजनेस है, इसीलिए हमें केंद्र के समर्थन की जरूरत है." 

डॉ. पेम्मासानी ने बताया TDP का लक्ष्य?

डॉ. पेम्मासानी की तेलगू देशम पार्टी का लक्ष्य उन 130 संस्थानों को अनुमति बहाल करना है,  जिन्हें चंद्रबाबू नाडू ने मुख्यमंत्री रहते हुए अनुमति दी थी. उन्होंने कहा, ''जगन मोहन रेड्डी ने सभी 130 संस्थानों को पूरी तरह से रद्द कर दिया, यही वजह है कि अब इनको फिर से खोलने के लिए अलग-अलग परमिशन लेनी होगी.''

जगनमोहन सरकार पर TDP का निशाना

डॉ. पेम्मासानी का कहना है, "यहां तक कि रिक्वेस्ट के लिए भी दो से तीन साल की लंबी प्रक्रिया है. किसी को प्रोजेक्ट रिपोर्ट बनाने के लिए आगे आना होगा, कुछ बुनियादी ढांचे बनाने होंगे.उनका कहना है कि नौकरियां पैदा करने में दो से तीन साल लगेंगे. वह हर किसी को बता रहे हैं कि पहले दिन ही किसी को नौकरी नहीं दी जा सकती. उन्होंने कहा कि परेशानी यह है कि जब ऐसी सरकार का चुनाव किया जाता है, जिसमें विकास करने की प्रकृति नहीं है, तो सिर्फ 5 साल खराब नहीं होते हैं, बल्कि इसमें कम से कम 7 से 8 साल बर्बाद हो जाते हैं. 

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