300 कर्मचारियों के सिक लीव पर जाने से कई यात्रियों की बड़ी परेशानी.
टाटा ग्रुप (Tata Group) की एयरलाइंस कंपनियों में फिर से वित्तीय संकट गहराता जा रहा है. एअर इंडिया (Air India) और विस्तारा (Vistara Airline) की सविर्सेस को लेकर मिल रही शिकायतों के बाद अब एअर इंडिया एक्सप्रेस को लेकर बड़ी खबर सामने आ रही है. रिपोर्ट के मुताबिक, एअर इंडिया एक्सप्रेस (Air India Express) के सैकड़ों स्टाफ एक साथ सिक लीव (Sick Leave) पर चले गए हैं. लगभग 300 सीनियर केबिन क्रू सदस्यों ने आखिरी वक्त पर बीमार होने की सूचना दी और अपने मोबाइल फोन बंद कर दिए. अब उनसे कॉन्टैक्ट नहीं हो पा रहा है. कैप्टन और क्रू स्टाफ की कमी के चलते एअर इंडिया एक्सप्रेस की 78 फ्लाइट्स को कैंसिल करनी पड़ी. आइए जानते हैं आखिर ऐसा क्या हुआ, जो एयरलाइन के 300 स्टाफ एक साथ लीव पर चले गए.
एअर इंडिया एक्सप्रेस के स्टाफ के संगठन ‘एअर इंडिया एक्सप्रेस एम्प्लॉइज यूनियन' ने पिछले महीने कंपनी के मैनेजमेंट को एक चिट्ठी लिखकर अपनी मांगों और समस्याओं को सामने रखा था. ये यूनियन भारतीय मजदूर संघ से जुड़ा है.
एअर इंडिया एक्सप्रेस कर्मचारी संघ (AIXEU) लगभग 300 क्रू सदस्यों का प्रतिनिधित्व करती है. उसमें मुख्य रूप से अधिकतर सीनियर स्टाफ हैं. उन्होंने कथित तौर पर आरोप लगाया था कि मैनेजमेंट सही न होने के कारण स्टाफ के मनोबल पर असर पड़ा है.
एअर इंडिया एक्सप्रेस, एअर इंडिया एशिया और विस्तारा सभी टाटा ग्रुप का हिस्सा बन गए हैं. इस वजह से नौकरी की शर्तें भी बदल गई हैं. इसमें मेरिट सिस्टम लाए जाने के साथ-साथ कई अन्य शर्तें भी लाई गई हैं, जिन्हें पुराने स्टाफ ने स्वीकार नहीं किया है. ऐसे में बाकी चीजें भी तय नहीं हो पा रही है, जिससे स्टाफ में असंतोष बढ़ रहा है.
पिछले महीने के आखिर में एअर इंडिया एक्सप्रेस केबिन क्रू के एक वर्ग का प्रतिनिधित्व करने वाले संघ ने आरोप लगाया था कि एयरलाइन का मैनेजमेंट ठीक से काम नहीं कर रहा. स्टाफ के साथ व्यवहार में समानता की कमी है. ऐसे में हो सकता है कि स्टाफ नाराज़ हों और इस वजह से सभी एक साथ लीव पर चले गए हों.
वहीं, टाटा ग्रुप की ओर से जॉब की नई शर्तें भी कहीं न कहीं इसकी वजह हैं. अप्रैल में टाटा ग्रुप के चेयरमैन को एअर इंडिया की ओर से एक लेटर लिखा गया था. इसमें HRA के कारण सैलरी में कटौती होने के बारे में कहा गया था. साथ ही इस लेटर में स्टाफ के साथ समानता से व्यवहार न किए जाने के बारे में भी कहा गया था.
एअर इंडिया के अधिग्रहण के कुछ दिन बाद ही कई स्टाफ को उनका बेहतरीन रिकॉर्ड होने के बावजूद नौकरी से निकाल दिया गया. जबकि अधिग्रहण के वक्त वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आश्वासन दिया था कि 2 साल तक किसी को नौकरी से नहीं निकाला जाएगा. इसे लेकर स्टाफ में काफी असंतोष है.
एअर इंडिया एक्सप्रेस के स्टाफ का हायर रैंक के लिए इंटरव्यू क्लियर करने के बाद उन्हें लोअर ग्रेड जॉब दी गईं. कुछ शॉर्टलिस्ट किए गए लोगों को हटा दिया गया, जबकि बाहर से कम अनुभव पर लाए गए स्टाफ को हायर रैंक दी गई. ये एक तरह का भाई-भतीजावाद है. स्टाफ मैनेजमेंट के सामने इसे भी मुद्दा बना रहे हैं. नौकरी की नई शर्तों का भी स्टाफ विरोध कर रहे हैं.
लेटर के मुताबिक, एअर इंडिया एक्सप्रेस के स्टाफ ने हाउस रेंट अलाउंस, ट्रैवल अलाउंस, डीयरनेस (महंगाई) अलाउंस जैसे जरूरी भत्तों को लेकर भी शिकायत दर्ज कराई है. ये सब उन्हें पहले एअर एशिया इंडिया के साथ मर्जर (अधिग्रहण) होने से पहले मिलते थे. अधिग्रहण के बाद उन्हें हटा दिया गया है. जिससे उनकी सैलरी बहुत कम हो गई है.
एयरलाइंस को चलाने के मानक तौर तरीकों यानी स्टैंडर्ड ऑफ प्रोटोकॉल (SOP) में स्टाफ के कई सालों के अनुभव, उनकी वरिष्ठता और क्षमताओं की अनदेखी की जा रही है. इसका असर सीधे तौर पर न सिर्फ स्टाफ के काम पर हो रहा है. बल्कि कस्टमर एक्सपीरियंस और कंपनी के परफॉर्मेंस पर भी पड़ रहा है.
जानकारी के मुताबिक, अब तक एअर इंडिया एक्सप्रेस की 86 डोमेस्टिक और इंटरनेशनल फ्लाइट रद्द कर दी गई हैं. अचानक फ्लाइट रद्द होने से यात्री परेशान हो रहे हैं. कई यात्रियों ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर उड़ानें अचानक रद्द होने की शिकायत की. कई यात्रियों का कहना है कि एयरपोर्ट पहुंचने पर उन्हें बताया गया कि फ्लाइटें कैंसिल हो गई हैं.