शरद पवार ने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) अध्यक्ष पद छोड़ने का का ऐलान कर सभी को चौंका दिया है. पवार की इस घोषणा ने एनसीपी ही नहीं विपक्षी पार्टियों में भी उत्सुकता बढ़ा दी है. कार्यकताओं और नेताओं से शरद पवार से अध्यक्ष बने रहने का आग्रह किया है. इस बीच शरद पवार को मनाने के लिए कई नेताओं ने भी इस्तीफे की पेशकश की है. पवार ने सोचने के लिए दो से तीन दिन का समय मांगा है. इस बीच ये सवाल भी उठ रहा है कि अगर शरद पवार ने अपना इस्तीफा वापस नहीं लिया, तो एनसीपी का अगला अध्यक्ष कौन होगा? क्या अजीत पवार पार्टी की कमान संभालनेंगे. क्या सुप्रिया सुले को पार्टी का अध्यक्ष चुना जाएगा. प्रफुल्ल पटेल का भी नाम सामने आ रहा है
शरद पवार को मनाने में जुटे पार्टी के नेता
एनसीपी के बड़े नेता शरद पवार पर इस्तीफ़ा वापसी का दबाव बनाने में जुट गए हैं. उनके करीबी माने जाने वाले जितेन्द्र आह्वाड ने अपने पद से इस्तीफ़ा दे दिया है. कल एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार ने पार्टी अध्यक्ष पद छोड़ने का ऐलान कर सबको चौंका दिया. आज बड़ी संख्या में शरद पवार के समर्थक और एनसीपी कार्यकर्ता सिद्धिविनायक मंदिर पहुंचे जहां प्रार्थना की. उन्होंने मन्नत मांगी की पवार अपने फ़ैसले को वापस ले लें. दूसरी ओर चर्चा इस बात पर भी चल रही है कि एनसीपी की बागडोर अब किसके हाथ आएगी? आज शरद पवार अपने घर से निकलकर यशवंत राव चव्हाण भवन पहुंचे. यहां पार्टी पदाधिकारियों के साथ बैठक करने के साथ ही रोजाना की तरह लोगों से मुलाकात की.
अगर अजित पवार नहीं बने अध्यक्ष...
अगर शरद पवार अपना इस्तीफा वापस नहीं लेते हैं, तो संभावना है कि अजित पवार को पार्टी की कमान सौंपी जाए. शरद पवार के बाद पार्टी में सबसे कद्दावर नेता अजित पवार ही हैं. पार्टी का एक बड़ा गुट उनका समर्थन करता है. ऐसे में अगर शरद पवार के बाद अजित पवार को अध्यक्ष नहीं बनाया जाता है, तो पार्टी दो गुटों में बंट सकती है, जिसका सबसे ज्यादा फायदा अजित पवार को होगा. वैसे बता दें कि कुछ दिनों से अजित पवार के तेवर बदले-बदले नजर आ रहे हैं. ऐसे भी संकेत मिल रहे थे कि वह पार्टी छोड़कर जा सकते हैं. इसके बाद ही शरद पवार के इस्तीफे वाला एपिसोड शुरू हुआ है.
सुप्रिया सुले भी कतार में...
अजित पवार ने पिछले कुछ दिनों में बगावती तेवर दिखाकर कहीं न कहीं सुप्रिया सुले की राह को आसान किया है. दरअसल, एनसीपी के अगले अध्यक्ष का चयन करने के लिए जिन लोगों को चुना गया है, उनमें शरद पवार के करीबियों की बहुतायात है. ऐसे में कमेटी पवार के फैसले का सम्मान जरूर करेगी. इसलिए माना जा रहा है कि एनसीपी चीफ के तौर पर पवार की बेटी सुप्रिया सुले के बनने के आसार दूसरों से कहीं ज्यादा हैं.
शरद पवार को कार्यकर्ता ने खून से लिखा ख़त
एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार के इस्तीफे से राज्य में पदाधिकारियों में खलबली मच गई है, इसीलिए सोलापुर जिले के सांगोला तालुका के खिलारवाड़ी के एक कार्यकर्ता भूषण बागल ने खून से पत्र लिखकर शरद पवार से इस्तीफा वापस लेने का अनुरोध किया है.
बारामती के लोगों की ख्वाहिश, राकांपा का नेतृत्व करते रहें उनके ‘साहेब'
शरद पवार का राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी का अध्यक्ष पद छोड़ने का फैसला महाराष्ट्र के पुणे जिले के बारामती शहर के लोगों के लिए किसी झटके से कम नहीं है। वे चाहते हैं कि उनके ‘साहेब' (पवार) पार्टी का नेतृत्व करते रहें. बारामती पवार और उनके परिवार का गढ़ कहलाता है. पवार ने 1999 में कांग्रेस से अलग होने के बाद राकांपा का गठन किया था. वह तभी से पार्टी का नेतृत्व भी कर रहे हैं। उन्होंने मंगलवार को मुंबई में अपनी आत्मकथा ‘लोक माझे संगती' के अद्यतन संस्करण के विमोचन कार्यक्रम में राकांपा प्रमुख के पद से इस्तीफा देने की घोषणा कर सभी को चौंका दिया.
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