- पीटर एल्बर्स ने एविएशन करियर की शुरुआत 1992 में KLM में एयरक्राफ्ट लोडिंग सुपरवाइजर के रूप में की थी
- 2022 में पीटर एल्बर्स को इंडिगो का CEO बनाया गया, जिसके बाद इंडिगो देश की सबसे बड़ी एयरलाइन बनी
- इंडिगो फ्लाइट्स रद्द होने से पैदा संकट पर पीटर एल्बर्स इन दिनों सरकार और डीजीसीए के निशाने पर हैं
इंडिगो एयरलाइंस की हजारों फ्लाइट रद्द होने से यात्रियों को हुई परेशानी के लिए सीईओ पीटर एल्बर्स (Pieter Elbers) इन दिनों सरकार और नागर विमानन महानिदेशालय (DGCA) के निशाने पर हैं. पीटर ने एयरक्राफ्ट लोडिंग सुपरवाइजर से अपने करियर की शुरुआत की थी और एयरलाइंस के सबसे ऊंचे पद सीईओ तक पहुंचे हैं. आइए बताते हैं, पीटर एल्बर्स के 30 साल के सफर की कुछ खास बातें.
ओपन यूनिवर्सिटी से किया MBA
पीटर एल्बर्स डच मूल के हैं. 1970 में नीदरलैंड्स के साउथ हॉलैंड प्रॉविंस में उनका जन्म हुआ. उन्होंने वेनलो की फॉन्टिस यूनिवर्सिटी से पढ़ाई की और लॉजिस्टिक्स मैनेजमेंट में बैचलर की डिग्री हासिल की. उनके पास नीदरलैंड्स की ओपन यूनिवर्सिटी की एमबीए डिग्री भी है. उनके लिंक्डइन प्रोफाइल के मुताबिक, उन्होंने 2006 में कोलंबिया बिजनेस स्कूल से एग्जिक्यूटिव एजुकेशन प्रोग्राम भी किया है.

इंडिगो संकट के बाद सीईओ पीटर एल्बर्स नागर विमानन मंत्री राम मोहन नायडू के साथ हाथ जोड़ नजर आए थे.
KLM में सुपरवाइजर से शुरुआत
पीटर एल्बर्स का एविएशन करियर 1992 में डच एयरलाइन KLM से शुरु हुआ था. उन्होंने पहली नौकरी एयरक्राफ्ट के लोडिंग सुपरवाइजर के रूप में की थी. शिफोल हब से शुरुआत करके अगले 6 वर्षों में उन्होंने मैनेजर पदों पर काम किया. इस दौरान वह नीदरलैंड्स के अलावा जापान, ग्रीस और इटली जैसे देशों में भी रहे.
KLM में सीईओ बनकर पाई तरक्की
2005 में एल्बर्स नीदरलैंड्स लौट आए और KLM एयरलाइंस में सीनियर वाइस प्रेसिडेंट (नेटवर्क एंड एलाइंसेज) की भूमिका संभाली. केएलएम में उन्होंने तरक्की की ऊंची सीढ़ियां चढ़ीं. 2011 में उन्हें मैनेजिंग डायरेक्टर बोर्ड में शामिल किया गया. तीन साल के बाद ही उन्हें एयरलाइस का प्रेसिडेंट व सीईओ बना दिया गया.

2022 में इंडिगो के सीईओ बने
जून 2022 में इंडिगो एयरलाइंस ने पीटर एल्बर्स को सीईओ बनाने की घोषणा की थी. तीन महीने बाद, रंजय दत्ता के रिटायरमेंट के बाद पीटर ने सितंबर में इंडिगो के सीईओ का संभाला. विदेशी होने के बावजूद पीटर एल्बर्स भारत में ऐसे रच-बस गए कि एक बार उन्होंने कहा था कि भारत अब घर जैसा लगता है.
इंडिगो ने भरी ऊंची उड़ान
पीटर एल्बर्स के सीईओ रहते इंडिगो एयरलाइंस ने सफलता की नई उड़ान भरी है. पीटर ने जब इंडिगो की कमान संभाली थी, उसकी पहचान लो-कॉस्ट एयरलाइंस के रूप में थी. अब वह देश की सबसे बड़ी एयरलाइंस बन चुकी है. यात्रियों के लिहाज से दुनिया की टॉप एयरलाइंस में उसकी गिनती होती है. भारत के एविएशन मार्केट में इंडिगो की हिस्सेदारी करीब 64 फीसदी तक पहुंच चुकी है.
पीटर एल्बर्स की सैलरी, नेटवर्थ कितनी?
aviationa2z की रिपोर्ट बताती है कि पीटर एल्बर्स ने जब केएलएम एयरलाइंस छोड़ी थी, तब उन्हें 1.4 मिलियन यूरो (करीब 12 करोड़ रुपये) का कंपनसेशन पैकेज मिला था. इंडिगो में शामिल होने के बाद मार्च 2023 में उन्हें 12.52 करोड़ रुपये वैल्यू के 67,150 परफॉरमेंस स्टॉक यूनिट्स (PSU) मिले थे. ये उनकी सैलरी के अलावा थे. माना जाता है कि इंडिगो में उनका वेतन करीब 5 करोड़ रुपये है. पीएसयू, बोनस, सैलरी वगैरा मिलाकर उनका पैकेज करीब 17 करोड़ रुपये बताया जाता है. रिपोर्ट्स में पीटर एल्बर्स की नेटवर्थ 5 मिलियन डॉलर (करीब 45 करोड़ रुपये) बताई जाती है.
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संकट के बाद सरकार के निशाने पर
हाल ही में इंडिगो की हजारों फ्लाइट रद्द होने से देशभर में यात्रियों में अफरातफरी मच गई थी. इंडिगो के सीईओ ने खुद हाथ जोड़कर लोगों को हुई असुविधा के लिए माफी मांगी थी. सरकार और डीजीसीए ने भी इंडिगो के कामकाज पर ओवरसाइट कमिटी बिठा दी है. इंडिगो की फ्लाइट्स में 10 फीसदी की कटौती भी कर दी है.
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