कौन है जैश चीफ मसूद अज़हर का भाई अब्दुल रऊफ़ अज़हर, जिसे बचाने के लिए चीन आया सामने

भारत में 'मोस्ट वॉन्टेड' आतंकवादियों की लिस्ट में शामिल अब्दुल रऊफ़ अज़हर वर्ष 1999 में हुई इंडियन एयरलाइन्स की उड़ान 814 के हाईजैक में शामिल था, जो इस्लामी आतंकवादियों की रिहाई सुनिश्चित करने के लिए की गई थी.

कौन है जैश चीफ मसूद अज़हर का भाई अब्दुल रऊफ़ अज़हर, जिसे बचाने के लिए चीन आया सामने

आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद (JeM) के अंडरग्राउंड सरगना मसूद अज़हर के भाई अब्दुल रऊफ़ अज़हर को ब्लैकलिस्ट करने के भारतीय प्रस्ताव का चीन ने UNSC में विरोध किया है... (फाइल फोटो)

पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद (JeM) के अंडरग्राउंड हो चुके सरगना मसूद अज़हर (Masood Azhar) के भाई और JeM के मौजूदा कमांडर अब्दुल रऊफ़ अज़हर (Abdul Rauf Azhar) को ब्लैकलिस्ट करवाने की भारत की कोशिश पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में चीन ने आपत्ति दर्ज की है, और भारत के प्रस्ताव का विरोध किया.

दरअसल, अब्दुल रऊफ़ अज़हर पाकिस्तानी देवबंदी कट्टरपंथी आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद का कमांडर है, और हिन्दुस्तान और अफ़ग़ानिस्तान में कई आतंकी कारनामों का अंजाम देने का आरोपी है. पाकिस्तान में पंजाब प्रांत के बहावलपुर में 1974 में जन्मे अब्दुल रऊफ़ अज़हर के ताल्लुकात आतंकवादी संगठनों हरक़त-उल-मुजाहिदीन और हरक़त-उल-जेहाद अल-इस्लामी से भी बताए जाते हैं.

भारत में 'मोस्ट वॉन्टेड' आतंकवादियों की लिस्ट में शामिल अब्दुल रऊफ़ अज़हर वर्ष 1999 में हुई इंडियन एयरलाइन्स की उड़ान 814 के हाईजैक में शामिल था, जो इस्लामी आतंकवादियों की रिहाई सुनिश्चित करने के लिए की गई थी. इस हाईजैक का खात्मा सात दिन बाद तीन आतंकवादियों की रिहाई के बाद ही हो पाया था. इसके बाद, अगले ही साल, यानी वर्ष 2000 में आतंकवादियों ने जैश-ए-मोहम्मद नाम से नया गुट खड़ा किया, जिसके तहत कई आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम दिया गया, जिनमें वर्ष 2001 में भारतीय संसद पर हुआ हमला, वर्ष 2008 में मुंबई पर हुआ आतंकवादी हमला, वर्ष 2016 में पठानकोट में हुआ हमला और वर्ष 2019 में हुआ पुलवामा हमला भी शामिल हैं.

बताया जाता है कि अब्दुल रऊफ़ अज़हर 21 अप्रैल, 2007 को JeM का सरगना बना, जब उसका बड़ा भाई मसूद अज़हर अंडरग्राउंड हो गया था. वर्ष 2009 में इंग्लैंड के प्रमुख मीडिया हाउस BBC न्यूज़ ने रिपोर्ट किया था कि अब्दुल रऊफ़ अज़हर उन लोगों में शुमार था, जिन्हें पाकिस्तानी सरकार ने 42 नागरिकों को बंधक बना लेने वाले लोगों के साथ बातचीत में पाकिस्तानी हुकूमत की मदद करने के लिए इस्लामाबाद बुलाया गया था.

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कहा जाता है कि तालिबान, अल-कायदा, लश्कर-ए-तैयबा और हक्कानी नेटवर्क के साथ JeM कमांडर अब्दुल रऊफ़ अज़हर के मज़बूत ताल्लुकात हैं, और इन सभी के साथ वह अफ़ग़ानिस्तान में मौजूद अपने प्रशिक्षण शिविर साझा करता है, और इसके अलावा सभी आतंकवादी गुट खुफ़िया जानकारियां, और ट्रेनिंग कैम्प साझा किया करते हैं.