
- वीडी शर्मा की जगह नया चेहरा लाने की तैयारी है.
- नामांकन 1 जुलाई को होंगे, परिणाम 2 जुलाई को घोषित किए जाएंगे.
- दावेदारों में दुर्गादास उईके और हेमंत खंडेलवाल शामिल हैं.
- संभावित महिला उम्मीदवारों की चर्चा भी हो रही है.
मध्य प्रदेश बीजेपी को दो जुलाई को नया प्रदेश अध्यक्ष मिल जाएगा. मौजूदा अध्यक्ष वीडी शर्मा की जगह संगठन नए चेहरे को कमान सौंपेगा. नामांकन एक जुलाई को होंगे और अगले दिन भोपाल में होने वाली कार्यसमिति की बैठक में नाम का ऐलान होगा. चुनाव प्रभारी और केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान 1 जुलाई को भोपाल आएंगे और पूरी प्रक्रिया की निगरानी करेंगे.
सबसे मज़बूत दावेदारों में नाम है दुर्गादास उईके का. वो बैतूल से सांसद और केंद्र में राज्यमंत्री हैं. संघ की विचारधारा से जुड़े उईके को आदिवासी समाज का निर्विवाद चेहरा माना जाता है. वे गोंड समाज से आते हैं. विजय शाह के विवादों में घिरने से पार्टी को एक बड़े गोंड चेहरे की जरूरत भी है. अध्यक्ष की रेस में दूसरा नाम भी बैतूल से ही है. पूर्व सांसद और मौजूदा विधायक हेमंत खंडेलवाल की भी चर्चा है. उनके पिता संघ के बड़े नेता थे, लिहाज़ा खंडेलवाल भी संघ और संगठन की पसंद हैं.
बीजेपी मध्य प्रदेश को संगठन की प्रयोगशाला मानती है. ऐसे में महिला आरक्षण को ध्यान में रखते हुए किसी महिला नेता को भी कमान दी जा सकती है, जो नाम चर्चा में हैं, उन्हें भी जान लीजिए
- अर्चना चिटनीस- बुरहानपुर से विधायक हैं. मप्र सरकार में कैबिनेट मंत्री रह चुकी हैं.
- कविता पाटीदार- राज्यसभा सांसद हैं और बीजेपी की प्रदेश महामंत्री हैं.
- नंदिता पाठक- बीजेपी महिला मोर्चा की प्रदेश उपाध्यक्ष हैं. नाना जी देशमुख की पुत्री कही जाती हैं.
- रीति पाठक- सीधी से विधायक हैं. दो बार सांसद रह चुकी हैं.
- सीमा सिंह जादौन- बीजेपी प्रदेश उपाध्यक्ष हैं.
- रंजना बघेल- आदिवासी समाज से आती हैं. मप्र सरकार में मंत्री रह चुकी हैं.
जातिगत समीकरण और दावेदारों की सूची
- ब्राह्मण चेहरे में– नरोत्तम मिश्रा और राजेन्द्र शुक्ल
- वैश्य चेहरे में– हेमंत खंडेलवाल और सुधीर गुप्ता
- क्षत्रिय चेहरे में– अरविंद भदौरिया और बृजेन्द्र प्रताप सिंह
- अनुसूचित जाति के नेताओं में – प्रदीप लारिया, लाल सिंह आर्य, हरिशंकर खटीक
- अनुसूचित जनजाति में – गजेन्द्र सिंह पटेल, दुर्गादास उईके और फग्गन सिंह कुलस्ते
एमपी विधानसभा में किसकी कितनी ताकत
- मप्र में कुल विधानसभा सीटें– 230 हैं
- एसटी के लिए आरक्षित– 47 सीटें
- बीजेपी के 24 आदिवासी विधायक चुनाव जीते हैं, कांग्रेस के- 22
- एससी के लिए आरक्षित– 35 सीटें हैं
- जिसमें 26 पर बीजेपी विधायक जीते हैं, कांग्रेस के 9
कांग्रेस प्रवक्ता अभिनव माली कहते हैं, "नया तो कुछ नहीं होना है. भारतीय जनता पार्टी और उनका संगठन जिस तरह से कम कर रहा है, सभी देख रहे हैं. सत्ता नहीं संभल रही है. संगठन नहीं संभल रहा है. आप देश में देखे तो भारतीय जनता पार्टी, जो लोकतंत्र और अनुशासन की बात करती है, पिछले छह साल से उसका एक ही अध्यक्ष है मध्य प्रदेश में. पिछले एक साल से सुन रहे हैं कि आज अध्यक्ष बदल रहे हैं, कल बदलेंगे. चुनाव में भी काफी समय लगा. कहीं-कहीं तो मंडल अध्यक्षों के बीच भी लड़ाई हो रही थी. इनके सब अलग-अलग ग्रुप बने हुए हैं और यही मुख्य कारण है कि आज तक इनका प्रदेश अध्यक्ष चुन नहीं पाए हैं और अब 2 जुलाई तक का समय मांग रहे हैं. बीजेपी की सरकार पर्ची वाली सरकार बन कर रह गई है. जैसे सीएम भी पर्ची से बना था, वैसे ही अब 2 जुलाई को पर्ची से अध्यक्ष का चयन होगा.
मध्य प्रदेश में बीजेपी ने 60 में से 9 महिला जिला अध्यक्ष नियुक्त किए थे, नये प्रदेश अध्यक्ष के जिम्मे 2028 का विधानसभा और 2029 के लोकसभा चुनाव भी होगा . ऐसे में प्रदेश अध्यक्ष के चुनाव में सभी विधायक, सांसद, 115 पार्टी प्रतिनिधि, पदाधिकारी और 60 जिला अध्यक्ष मतदान करेंगे.
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