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कौन हैं IAS पूजा खेडकर? जिनका प्राइवेट कार पर लाल-नीली बत्ती लगाने पर हुआ ट्रांसफर

पूजा खेडकर ओबीसी कैटेगरी से आईएएस ऑफिसर बनी हैं. हालांकि, उनके पिता के चुनावी हलफनामे में उनकी आय और संपत्ति 40 करोड़ ($47,89,744) रुपये बताई गई है.

कौन हैं IAS पूजा खेडकर? जिनका प्राइवेट कार पर लाल-नीली बत्ती लगाने पर हुआ ट्रांसफर
पूजा ने 2023 में ओबीसी कैटेगरी से यूपीएससी की परीक्षा दी थी, जिसमें उन्होंने 821 रैंक हासिल की थी.
नई दिल्ली:

महाराष्ट्र की सरकार ने पद के दुरुपयोग के आरोपों के बाद पुणे में तैनात ट्रेनी आईएएस अधिकारी डॉ. पूजा खेडकर को वाशिम ट्रांसफर कर दिया है. पुणे की आईएएस खेडकर ने कथित तौर पर ट्रेनियों को न दिए जाने वाले विशेषाधिकारों की मांग करने के कारण सोशल मीडिया पर विवाद खड़ा कर दिया है. 

कई शिकायतों के बाद, महाराष्ट्र सरकार ने प्रशासनिक कारणों का हवाला देते हुए, महाराष्ट्र सरकार के सहायक सचिव एसएम महादिक द्वारा साइन किए गए ट्रांसफर का आदेश जारी किया है. ऑर्डर में कहा गया है, "2023 बैच की आईएएस ऑफिसर पूजा खेडकर प्रोबेशन का बचा हुआ समय वाशिम जिले में सुपर न्यूमररी असिस्टेंट कलेक्टर के तौर पर बिताएंगी."

कौन हैं पूजा खेडकर? 

केडर 2023 बैच की आईएएस ट्रेनी हैं और उन्होंने यूपीएससी परीक्षा में 821 (पीडब्ल्यूडी-5) रैंक हासिल किया था. रिपोर्ट के अनुसार, उन्होंने अपनी प्राइवेट कार पर लाल-नीली बत्ती, वीआईपी नंबर प्लेट, लेटर पैड, नेम प्लेट, अलग कार्यालय कक्ष और समर्पित स्टाफ का उपयोग करके विवाद खड़ा कर दिया, जबकि प्रोबेशन पीरियड में और ट्रेनी होने के कारण उन्हें ये विशेषाधिकार नहीं मिले हैं. साथ ही उन्होंने अपनी प्राइवेट कार पर महाराष्ट्र सरकार का बोर्ड भी लगाया था. 

ऐसी भी अटकलें हैं कि उन्होंने अतिरिक्त जिला कलेक्टर अजय मोरे के पूर्व कक्ष पर भी उनकी जानकारी के बिना कब्जा कर लिया था. नियमों के अनुसार, ट्रेनी को उपरोक्त सुविधाएं प्रदान नहीं की जाती हैं तथा पहले उसे गैजेटिड अधिकारी के रूप में नियुक्त किया जाना आवश्यक होता है. पूजा पूर्व सिविल सर्वेंट दिलीप खेडकर की बेटी हैं, जिन्होंने प्रदूषण विभाग के आयुक्त के रूप में कार्य किया था. उनके नाना जगन्नाथराव बुधवंत का भी आईएएस अधिकारी के रूप में एक प्रतिष्ठित करियर था.

ओबीसी होने का किया नाटक? 

पूजा खेडकर ओबीसी कैटेगरी से आईएएस ऑफिसर बनी हैं. हालांकि, उनके पिता के चुनावी हलफनामे में उनकी आय और संपत्ति 40 करोड़ ($47,89,744) रुपये बताई गई है. आरटीआई कार्यकर्ता विजय कुंभार ने कहा, "इतनी संपत्ति वाली महिला ओबीसी में कैसे आ सकती है? उन्होंने मानसिक रूप से बीमार होने और कई डिसएबिलिटी से पीड़ित होने की बात स्वीकार की है, अब तक उन्होंने कई बार मेडिकल एग्जाम छोड़े हैं. उन्होंने आईएएस के लिए कैसे क्वालिफाय किया? ये महत्वपूर्ण प्रश्न हैं."

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