तलवारबाज से दुकानदार को बचाने वाले मंसूरी से बात करते तेजस मेहता
मुंबई:
एक पचास साल का आदमी क्या करेगा जब उसके सामने एक तलवारबाज किसी पर अचानक से ताबड़तोड़ हमला कर दे। अमूमन तो यही होगा कि वह चुपचाप अपनी जान की खैरियत मनाने के लिए सुरक्षित स्थान पर चला जाएगा या फिर वहां से भाग जाएगा यदि रास्ता होगा।
नहीं, मुंबई में ऐसा नहीं हुआ। नसरुद्दीन खुदाबख्श मंसूरी ने ऐसा नहीं किया। वह अपने सामने निर्मम हत्या नहीं देख सकते थे। घटना तब घटी जब मंगलवार को मंसूरी एक मोबाइल की दुकान में थे। वह काउंटर पर मोबाइल देख ही रहे थे कि अचानक एक तलवारबाज जिसकी आंखों में खून सवार था, ने दुकान मालिक पर तबाड़तोड़ तलवार चलाना आरंभ कर दिया।
दो सेंकेड के मंसूरी कुछ ठिठके फिर उन्होंने ऐसे साहस का परिचय दिया कि सीसीटीवी में कैद उनकी जाबांजी के लोग दिवाने हो गए। हमलावर पर अचानक वो पूरी ताकत के साथ कूद पड़े और ऐसा धक्का मारा और कमर से पकड़कर उसकी तलवार गिरवाई और अपने काबू में कर लिया।
देखते देखते आसपास के लोग आ गए और उन्होंने हमलावर को पकड़ लिया। आश्चर्य यह था कि इस बाद भी हमलावर के तेवर कम नहीं पड़े थे। सीसीटीवी में वह घायल दुकानदार को धमकाते हुए देखा जा सकता है।
एनडीटीवी से बात करते हुए मंसूरी ने कहा कि डर या सोचने का समय नहीं था। मैं जानता था कि मुझे उसे रोकना है। अपनी सुरक्षा से पहले मानवता आती है।
जिस आदमी की जिंदगी मंसूरी ने बचाई वह अस्पताल में है और उसके हाथ और सिर पर 20 टांके लगे हैं। 36 वर्षीय रजनीश सिंह ठाकुर अवैध वसूली करने वाले गैंगों के खिलाफ मुहिम चला रहे थे। पूरे इलाके में दुकानदारों से अवैध वसूली के लिए धमकी दी जा रही थी। मई में इसी साल रजनीश और उनके भाई ने इलाके में पोस्टर लगाकर ठगों के बारे में जानकारी साझा करने की मुहिम चलाई थी।
दुकानदार का दावा है कि उन्होंने बदला लिया है। मैं जिंदा हूं तो केवल उस ग्राह की वजह से जो कि मेरे लिए फरिस्ता है, वह मेरे लिए भगवान है। यह सारी बातें रजनीश ने एनडीटीवी से कहीं जब उन्हें डॉक्टरों ने बात करने की इजाजत दी।
दुकानदारों का आरोप है कि पुलिस की कार्रवाई पर्याप्त नहीं होती जबकि इस मामले में चार लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है।
इस बीच, ठाकुर के परिवार ने कहा है कि वह मंसूरी को पुरस्कृत करेंगे।
नहीं, मुंबई में ऐसा नहीं हुआ। नसरुद्दीन खुदाबख्श मंसूरी ने ऐसा नहीं किया। वह अपने सामने निर्मम हत्या नहीं देख सकते थे। घटना तब घटी जब मंगलवार को मंसूरी एक मोबाइल की दुकान में थे। वह काउंटर पर मोबाइल देख ही रहे थे कि अचानक एक तलवारबाज जिसकी आंखों में खून सवार था, ने दुकान मालिक पर तबाड़तोड़ तलवार चलाना आरंभ कर दिया।
दो सेंकेड के मंसूरी कुछ ठिठके फिर उन्होंने ऐसे साहस का परिचय दिया कि सीसीटीवी में कैद उनकी जाबांजी के लोग दिवाने हो गए। हमलावर पर अचानक वो पूरी ताकत के साथ कूद पड़े और ऐसा धक्का मारा और कमर से पकड़कर उसकी तलवार गिरवाई और अपने काबू में कर लिया।
देखते देखते आसपास के लोग आ गए और उन्होंने हमलावर को पकड़ लिया। आश्चर्य यह था कि इस बाद भी हमलावर के तेवर कम नहीं पड़े थे। सीसीटीवी में वह घायल दुकानदार को धमकाते हुए देखा जा सकता है।
एनडीटीवी से बात करते हुए मंसूरी ने कहा कि डर या सोचने का समय नहीं था। मैं जानता था कि मुझे उसे रोकना है। अपनी सुरक्षा से पहले मानवता आती है।
जिस आदमी की जिंदगी मंसूरी ने बचाई वह अस्पताल में है और उसके हाथ और सिर पर 20 टांके लगे हैं। 36 वर्षीय रजनीश सिंह ठाकुर अवैध वसूली करने वाले गैंगों के खिलाफ मुहिम चला रहे थे। पूरे इलाके में दुकानदारों से अवैध वसूली के लिए धमकी दी जा रही थी। मई में इसी साल रजनीश और उनके भाई ने इलाके में पोस्टर लगाकर ठगों के बारे में जानकारी साझा करने की मुहिम चलाई थी।
दुकानदार का दावा है कि उन्होंने बदला लिया है। मैं जिंदा हूं तो केवल उस ग्राह की वजह से जो कि मेरे लिए फरिस्ता है, वह मेरे लिए भगवान है। यह सारी बातें रजनीश ने एनडीटीवी से कहीं जब उन्हें डॉक्टरों ने बात करने की इजाजत दी।
दुकानदारों का आरोप है कि पुलिस की कार्रवाई पर्याप्त नहीं होती जबकि इस मामले में चार लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है।
इस बीच, ठाकुर के परिवार ने कहा है कि वह मंसूरी को पुरस्कृत करेंगे।
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