
- लेफ्टिनेंट विनय के पिता राजेश नरवाल ने सेनाओं को सलाम किया है जिन्हें पहलगाम में आतंकियों ने मार दिया था.
- नरवाल ने कहा इसमें पाकिस्तान का हाथ रहा है और हमला उन्होंने ही करवाया था क्योंकि हाशिम मूसा उनका कमांडो था.
- पिता और दो मामा को खो चुके हर्षल लेले ने कहा, 'आज आतंकियों को मार गिराया गया है, तो थोड़ी तसल्ली है.'
पहलगाम आतंकी हमला, वह घटना है जिसके जख्म आने वाली कई सदियों तक हरे रहने वाले हैं. सोमवार 28 जुलाई को इस हमले के पीड़ितों को उस समय इंसाफ मिला जब, इसके मास्टरमाइंड के साथ सभी तीनों आतंकियों को सुरक्षाबलों ने ढेर कर दिया. ऑपरेशन महादेव ने 97 दिनों के बाद इंसाफ किया और पीड़ितों को थोड़ी शांति दी. यह खबर हरियाणा के करनाल में राजेश नरवाल के लिए थोड़ा सुकून देने वाली थी. वह लेफ्टिनेंट विनय नरवाल के पिता हैं जिन्हें आतंकियों ने बेदर्दी से मार दिया था.
'सेना को सलाम करता हूं'
राजेश नरवाल ने कहा, 'सबसे पहले मैं अपनी भारतीय सेना , पैरामिलिट्री फॉर्स और जम्मू कश्मीर पुलिस, जिन्होंने इस ऑपरेशन महादेव में हिस्सा लिया है, उनके अदम्य साहस, शौर्य और भारत सरकार की तरफ से किए गए उनके सपोर्ट को सलाम करता हूं. उन्होंने जिस शौर्य के साथ अपनी जान पर खेलकर महादेव हिल के पास जो आतंकी छिपे हुए थे, उनको मारा, मैं उनकी बहादुरी को नमन करता हूं और उन्हें बार बार सैल्यूट करता हूं, उन्हें इसका पूरा सम्मान मिलना चाहिए.' राजेश के अनुसार इन आतंकियों को मारना आसान काम नहीं था.
पाकिस्तान का ही हाथ था
राजेश नरवाल के मुताबिक इसमें मारे गए आतंकियों में एक आतंकी, हाशिम मूसा भी है, जो पहलगाम आतंकी हमले का मास्टरमाइंड था. भारतीय सेना ने बहादुरी का परिचय दिया है. कहीं न कहीं इसमें पाकिस्तान का हाथ रहा है और हमला उन्होंने ही करवाया था.' राजेश नरवाल ने कहा, 'मैने सुना ये हाशिम मूसा पाकिस्तान की स्पेशल सिक्योरिटी का पैरा कमांडो रहा है, तो इसमें कोई दो राय नहीं है कि ये उन्होंने ही प्रायोजित किया था.'
उन्होंने आगे कहा, 'आज एक अच्छी सफलता मिली है. कहीं भी आतंकी छिपा हुआ है कोई भी छिपा हुआ है उसका इसी तरीके से खात्मा होना चाहिए. उनके पास हथियार हैं, जो किसी भी आतंकी घटना को अंजाम देने के लिए इस्तेमाल किए हैं, वो काफी समय से उस जगह पर एक्टिव थे तो बहुत बड़ी सफलता मिली है.' उन्होंने कहा कि सेना है तभी हम सुरक्षित हैं.'
'पिता के बर्थडे पर पूरी हुई इच्छा'
वहीं पहलगाम हमले में अपने पिता और दो मामा को खो चुके हर्षल लेले ने भी इस पर प्रतिक्रियर दी है. हर्ष मुंबई के डोंबिवली के रहने वाले हैं और हमले में उन्होंने अपने पिता संजय लेले और मामा अतुल मोने और हेमंत गुप्ता जोशी को खो दिया. हर्षल ने कहा, 'आज दिल को शांति मिली है. मेरे पिताजी और मामा इसी आतंकी हमले में शहीद हो गए थे. उनका जाना हमारे पूरे परिवार के लिए एक अंधकारमय पल था. लेकिन आज जब सुना कि उन्हीं आतंकियों को मार गिराया गया है, तो मन को थोड़ी तसल्ली मिली. कल मेरे पिताजी का जन्मदिन था और मैंने मन में एक इच्छा की थी... आज वह पूरी हो गई.'
हर्षल ने आगे कहा, 'मेरी एक ही मांग है –जब तक इस मामले में हर आतंकवादी का खात्मा नहीं हो जाता, तब तक यह ऑपरेशन बंद नहीं होना चाहिए. यह सिर्फ देश की सुरक्षा का सवाल नहीं है, यह उन हर एक आत्मा के सम्मान की लड़ाई है, जिन्होंने देश के लिए बलिदान दिया है.'
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