विज्ञापन
This Article is From Feb 04, 2019

सीबीआई गलत या पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी, जानें क्या कहते हैं कानून विशेषज्ञ

Mamata Banerjee Latest News : जहां तक सवाल कोलकाता पुलिस कमिश्नर का कहना तो विराग गुप्ता का कहना है कि कानून के अनुसार दस्तावेज़ और साक्ष्यों को SIT के जांच अधिकारी द्वारा CBI के जांच अधिकारी को सौंपा जाना चाहिए.  

सीबीआई गलत या पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी, जानें क्या कहते हैं कानून विशेषज्ञ
ममता बनर्जी सीबीआई की कार्रवाई के खिलाफ धरने पर बैठी हैं
नई दिल्ली:

चिटफंड घोटाला मामले में  कोलकाता पुलिस कमिश्नर राजीव कुमार  से पूछताछ करने पहुंची सीबीआई टीम के साथ हुई बर्ताव के बाद से अब सवाल उठने लगता है कि कानूनी रूप से किसको क्या अधिकार है. रविवार शाम से धरने पर बैठी बंगाल की सीएम ममता बनर्जी के पक्ष का कहना है कि सीबीआई के पास कोई वारंट नही है. दूसरा दलील है कि राज्य सरकार ने बिना इजाजत सीबीआई को हस्तक्षेप करने पर रोक लगा रखी है. सीबीआई गठन अधिनियम के एक्ट-6 के तहत इस रोक को मुताबिक बिना राज्य सरकार की अनुमति के सीबीआई राज्य में कोई कार्रवाई नहीं कर सकती है. ऐसी ही रोक आंध्र प्रदेश, छत्तीसगढ़ में भी लगाई जा चुकी है. वहीं सीबीआई इस मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई है. जहां पर केंद्रीय जांच एजेंसी को कोर्ट की ओर से आदेश दिया गया है कि वह पुलिस कमिश्नर के खिलाफ सबूतों से खुर्दबुर्द करने के साक्ष्य पेश करें. लेकिन इन राजनीतिक घटनाक्रमों के बीच कानूनी पहलू क्या कहते हैं, इस सवाल पर कानून विशेज्ञ विराग गुप्ता का कहना है कि तीन महीने पहले 16 नवंबर को पश्चिम बंगाल सरकार ने दिल्ली पुलिस एस्टैब्लिशमेंट एक्ट, 1946 के तहत CBI को दी गई मान्यता और सहमति वापस ले ली थी. इस आधार पर यह कहा जा रहा है कि CBI द्वारा पुलिस कमिश्नर के मामले में जांच के लिए राज्य सरकार की पूर्वानुमति ज़रूरी है. खबर एनडीटीवी को लिखे ब्लॉग में गुप्ता का कहना है कि शारदा और रोज़वैली चिटफंड घोटाले की CBI जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट ने मई, 2014 में आदेश दिया था. नए मामलों में जांच के लिए CBI को राज्य सरकार की अनुमति लेनी चाहिए, लेकिन चिटफंड घोटालों के पुराने मामलों की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद CBI को राज्य सरकार की अनुमति लेने की ज़रूरत नहीं है. 

हरियाणा के मंत्री ने कहा- ताड़का वाली काम कर रही हैं ममता, TMC नेता बोले- झांसी की रानी हैं, डरने वाली नहीं

जहां तक सवाल कोलकाता पुलिस कमिश्नर का कहना तो विराग गुप्ता का कहना है कि कानून के अनुसार दस्तावेज़ और साक्ष्यों को SIT के जांच अधिकारी द्वारा CBI के जांच अधिकारी को सौंपा जाना चाहिए.  आपको बता दें कि राजीव कुमार अप्रैल, 2013 में राज्य सरकार द्वारा गठित SIT के मुखिया थे, जिसके बाद 2014 में CBI को जांच सौंप दी गई. लैपटॉप, मोबाइल, पेन ड्राइव, डायरी और कुछ दस्तावेज़ कथित तौर पर SIT द्वारा CBI को नहीं सौंपे गए हैं. CBI के संयुक्त निदेशक के अनुसार चार समन जारी होने के बावजूद पुलिस कमिश्नर राजीव कुमार द्वारा जांच में सहयोग नहीं किया जा रहा. सुप्रीम कोर्ट में दायर अर्ज़ी के अनुसार राजीव कुमार के सरेंडर करने की मांग की गई है.

1 महीने में दूसरी बार ममता बनर्जी के साथ पूरा विपक्ष, क्या नीतीश भी हैं CBI के रवैये से नाराज, पढ़ें किसने क्या कहा

आपको बता दें कि शारदा चिटफंड घोटाला मामले में तृणमूल कांग्रेस के कई नेता जेल में जा चुके हैं. बीजेपी नेता रविशंकर प्रसाद ने कहा कि ममता बनर्जी ने सुदीप बंदोपाध्याय, मदन मित्रा की गिरफ्तारी पर खामोश रहीं लेकिन इस पुलिस कमिश्नर को लेकर वह धरने पर बैठ गईं, यह संदेहास्पद है.

सीबीआई बनाम ममता पर कल सुनवाई​

 

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com