बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने दहेज प्रथा की आलोचना करते हुए कहा कि लड़की से शादी करने के लिए दहेज मांगने से बुरा कुछ भी नहीं हो सकता. अरे शादी होगी तभी तो बाल बच्चा होगा ना. लड़का यदि लड़के से शादी कर लेगा तो बच्चे पैदा होंगे क्या? शादी करते हैं तो बाल बच्चा पैदा होता है और उसी शादी के लिए आप दहेज ले लें इससे बड़ा अन्याय है क्या.
सीएम नीतीश कुमार की ये टिप्पणी पटना में बने नए गर्ल्स हॉस्टल के उद्घाटन के मौके पर आई. इस मौके पर नीतीश ने ये भी कहा कि हमारे समय में कॉलेजों में लड़कियां नहीं हुआ करती थीं. ये बात कितनी बुरी थी, लेकिन आज लड़कियां हर क्षेत्र में चाहे मेडिकल हो या इंजीनियरिंग आगे बढ़ रही हैं. महिला सशक्तिकरण के लिए बहुत सारी पहल की गई हैं. हमने शराबबंदी लागू की. हमने दहेजप्रथा और बालविवाह के खिलाफ अभियान शुरू कियाहै. लड़की से शादी करने के लिए दहेज मांगने से बुरा कुछ भी नहीं है. हमने तो कह दिया कि अगर कोई शादी करेगा और लिखेगा कि दहेज नहीं ले रहे हैं तभी उसकी शादी में शामिल होंगे, वरना नहीं.
बता दें कि नीतीश कुमार जातिगत जनगणना को लेकर अपने बड़े कदम को लेकर चर्चा में हैं. इस मामले में नीतीश कुमार के न्यौते ने उनकी सहयोगी पार्टी बीजेपी को सकते में ला दिया है. नीतीश ने सोमवार को बताया कि बैठक संभवत: शुक्रवार को आयोजित की जाएगी. नीतीश के 'डिप्टी' (उप मुख्यमंत्री), बीजेपी के तारकिशोर प्रसाद ने संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि सीएम के आमंत्रण को लेकर दिल्ली स्थित पार्टी नेतृत्व से 'मार्गदर्शन' मांगा गया है. वैसे निजी तौर पर बीजेपी नेताओं का मानना है कि जातिगत जनगणना के मुद्दे पर नीतीश ने एक बार फिर जाल बिछाया है और गठबंधन व पार्टी के भीतर की खामियों को उजागर किया है.
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