ऑटो चालक विनोद कुमार
नई दिल्ली:
मंगलवार रात ऑफिस से घर के लिए एक ऑटो रिक्शा लिया. सफर के साथ-साथ ऑटो वाले विनोद कुमार के साथ बातचीत बढ़ती गई. वह बिहार के दरभंगा ज़िले के रहने वाले हैं. 16 सालों से दिल्ली में ऑटो रिक्शा चला रहे हैं. पूरे परिवार के साथ साउथ दिल्ली के साकेत इलाके में रहते हैं.
विनोद के तीन बेटे हैं. बड़ा बेटा साकेत के एमिटी इंटरनेशनल स्कूल में पढ़ता है और दोनों बेटे विद्या बाल मंदिर के छात्र है. विनोद ने बताया कि उनका बड़ा और छोटा बेटा पढ़ाई में अच्छे हैं, 97 प्रतिशत से भी ज्यादा मार्क लाते हैं. बड़ा बेटा आईएएस अफ़सर बनना चाहता है जबकि छोटा बेटा इंजीनियर बनना चाहता है. बीच वाला बेटा पढ़ाई में औसत है सो जो भी बन जाए ठीक है.
विनोद खुद ग्रेजुएट हैं. सबसे पहले दिल्ली के संगम विहार के इलाके में ट्यूशन पढ़ाते थे. फिर एक प्राइवेट कंपनी में नौकरी की लेकिन वेतन कम होने की वजह से नौकरी छोड़कर ऑटो चलाना शुरू कर दिया. जितनी भी कमाई हो रहा है बच्चों की पढ़ाई में खर्च हो रहा है.
बातों-बातों में बात नोटबंदी तक पहुंच गई तो मैंने विनोद से पूछा कि क्या नोटबंदी की वजह उन जैसे ऑटो वालों को कोई दिक्कत हो रही है. इस पर विनोद ने बताया कि उसे ज्यादा दिक्कतें नहीं आई हैं क्योंकि जो लोग ऑटो में सफर करते हैं वह फुटकर पैसा देते हैं और इस तरह उसका काम चल रहा है. लिहाजा उसको अभी तक बैंक या एटीएम के सामने कतार में खड़ा नहीं होना पड़ा.
फिर मैंने पूछा नोटबंदी से क्या फ़ायदा होगा? इस पर विनोद मुझे पूरी तरह समझाने लग गया. वह पूरे आत्मविश्वास के साथ समझा रहा था. ऐसा लगा रहा था कि जैसे कोई अर्थशात्री समझा रहा हो. नोटबंदी को लेकर विनोद की सोच सही है या नहीं, उस पर मैं कुछ कमेंट करने नहीं चाहता हूं. विनोद ने बताया कि नोटबंदी की वजह से काला धन ख़त्म हो जाएगा. जितना भी काला धन है वह बैंक में आ जाएगा, मकान सस्ता हो जाएगा, बैंक का ब्याज कम हो जाएगा, गरीब और अमीर के बीच जो फासलें हैं वह कम हो जाएगा. विनोद इस उम्मीद के साथ खुश हो रहा है कि मकान का दाम कम हो जाएगा और वह खुद के लिए एक मकान खरीद सकेगा.
विनोद के अरमान को देखते हुए खुशी हो रही थी लेकिन कहीं न कहीं डर भी लग रहा था. विनोद की तरह ऐसे करोड़ों गरीब लोग हैं जो कुछ न कुछ उम्मीद के साथ जी रहे हैं. सोच रहे हैं कि नोटबंदी से उनकी समस्या दूर हो जाएगी. नोटबंदी लोगों को एक नया सपना दिखा रही है. डर इसीलिए है कि अगर इन लोगों का सपना पूरा नहीं होगा तो फिर क्या होगा. करोड़ों लोगों का सपना टूटेगा. फिर लोग सरकार की आलोचना करना शुरू कर देंगे. जो लोग आज तारीफ कर रहे हैं वह आलोचक बन जाएंगे. सरकार भी कुछ-कुछ बहाना बनाकर आगे निकल जाएगी. इसीलिए सरकार गरीब लोगों को जो वादा कर रही है और सपना दिखा रही है वह पूरा होना चाहिए.
विनोद के तीन बेटे हैं. बड़ा बेटा साकेत के एमिटी इंटरनेशनल स्कूल में पढ़ता है और दोनों बेटे विद्या बाल मंदिर के छात्र है. विनोद ने बताया कि उनका बड़ा और छोटा बेटा पढ़ाई में अच्छे हैं, 97 प्रतिशत से भी ज्यादा मार्क लाते हैं. बड़ा बेटा आईएएस अफ़सर बनना चाहता है जबकि छोटा बेटा इंजीनियर बनना चाहता है. बीच वाला बेटा पढ़ाई में औसत है सो जो भी बन जाए ठीक है.
विनोद खुद ग्रेजुएट हैं. सबसे पहले दिल्ली के संगम विहार के इलाके में ट्यूशन पढ़ाते थे. फिर एक प्राइवेट कंपनी में नौकरी की लेकिन वेतन कम होने की वजह से नौकरी छोड़कर ऑटो चलाना शुरू कर दिया. जितनी भी कमाई हो रहा है बच्चों की पढ़ाई में खर्च हो रहा है.
बातों-बातों में बात नोटबंदी तक पहुंच गई तो मैंने विनोद से पूछा कि क्या नोटबंदी की वजह उन जैसे ऑटो वालों को कोई दिक्कत हो रही है. इस पर विनोद ने बताया कि उसे ज्यादा दिक्कतें नहीं आई हैं क्योंकि जो लोग ऑटो में सफर करते हैं वह फुटकर पैसा देते हैं और इस तरह उसका काम चल रहा है. लिहाजा उसको अभी तक बैंक या एटीएम के सामने कतार में खड़ा नहीं होना पड़ा.
फिर मैंने पूछा नोटबंदी से क्या फ़ायदा होगा? इस पर विनोद मुझे पूरी तरह समझाने लग गया. वह पूरे आत्मविश्वास के साथ समझा रहा था. ऐसा लगा रहा था कि जैसे कोई अर्थशात्री समझा रहा हो. नोटबंदी को लेकर विनोद की सोच सही है या नहीं, उस पर मैं कुछ कमेंट करने नहीं चाहता हूं. विनोद ने बताया कि नोटबंदी की वजह से काला धन ख़त्म हो जाएगा. जितना भी काला धन है वह बैंक में आ जाएगा, मकान सस्ता हो जाएगा, बैंक का ब्याज कम हो जाएगा, गरीब और अमीर के बीच जो फासलें हैं वह कम हो जाएगा. विनोद इस उम्मीद के साथ खुश हो रहा है कि मकान का दाम कम हो जाएगा और वह खुद के लिए एक मकान खरीद सकेगा.
विनोद के अरमान को देखते हुए खुशी हो रही थी लेकिन कहीं न कहीं डर भी लग रहा था. विनोद की तरह ऐसे करोड़ों गरीब लोग हैं जो कुछ न कुछ उम्मीद के साथ जी रहे हैं. सोच रहे हैं कि नोटबंदी से उनकी समस्या दूर हो जाएगी. नोटबंदी लोगों को एक नया सपना दिखा रही है. डर इसीलिए है कि अगर इन लोगों का सपना पूरा नहीं होगा तो फिर क्या होगा. करोड़ों लोगों का सपना टूटेगा. फिर लोग सरकार की आलोचना करना शुरू कर देंगे. जो लोग आज तारीफ कर रहे हैं वह आलोचक बन जाएंगे. सरकार भी कुछ-कुछ बहाना बनाकर आगे निकल जाएगी. इसीलिए सरकार गरीब लोगों को जो वादा कर रही है और सपना दिखा रही है वह पूरा होना चाहिए.
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