शिवसेना की ओर से गुरुवार एक बार फिर साफ किया गया कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की पद को छोड़ने की कोई योजना नहीं है. राष्ट्रवादी कांग्रस पार्टी के बागी अजित पवार और उनके समर्थकों के शिवसेना में शामिल होने को लेकर पार्टी या सरकार में कोई मतभेद नहीं है.
मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे द्वारा अपनी सभी अपॉइंटमेंट्स कैंसिल करने और शाम को अपने आधिकारिक आवास पर तत्काल पार्टी की बैठक बुलाने के एक दिन बाद संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए शिवसेना नेता उदय सामंत ने पार्टी के भीतर मंथन की खबरों को खारिज कर दिया.
उदय सामंत ने कहा कि हम इस्तीफा देने वालों में नहीं, बल्कि लेने वालों में से हैं. उनका नेतृत्व सभी को साथ लेकर चलने और धैर्य रखने का है. कल की बैठक में सभी विधायकों और सांसदों ने एकनाथ शिंदे पर भरोसा जताया है. असंतोष संबंधी खबरों को उन्होंने साफतौर पर खारिज कर दिया. उन्होंने कहा, "कुछ रिपोर्टों में कहा गया कि दो विधायकों के बीच मतभेद हैं. कुछ ने बोला- एक विधायक ने कहा है कि हमें राकांपा के साथ नहीं जाना चाहिए, लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ." सामंत ने कहा, "किसी को कहीं जाने की जरूरत नहीं है. मौजूदा सरकार के पास 200 विधायकों के साथ पर्याप्त बहुमत है."
इससे पहले महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा कि हमारी सरकार ने विकास किया है, उसी से प्रभावित होकर अजित पवार हमारे साथ आए हैं. मोदी जी का नेतृत्व देश को आगे ले जा सकता है. इस विश्वास को अजित दादा ने जताया है. हमारी सरकार ने जो विकास किया है, उस से प्रभावित होकर अजित दादा हमारे साथ आए. बड़े पैमाने पर हमने विकास किया है. अजित दादा ने कहा कि हम विकास का साथ दे रहे हैं. अजित दादा के भी डबल इंजन वाली सरकार वाले विचार हैं.
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