इसरो मौसम की सटीक जानकारी देने वाले सैटेलाइट इनसैट-3 डीएस (ISRO INSAT-3DS Launches Today) को आज शाम 5.35 बजे लॉन्च करेगा. इसकी लॉन्चिंग आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से होगी. प्रक्षेपण की उल्टी गिनती शुक्रवार को शुरू हो गई. भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने शुक्रवार को यह जानकारी दी. सोलहवें मिशन के तहत प्रक्षेपण यान जीएसएलवी-एफ14 की उड़ान शनिवार शाम को होगी.GSLV Mk II रॉकेट से इस सैटेलाइट की लॉन्चिंग होगी. इनसैट-3 डीएस सैटेलाइट भूस्थैतिक कक्षा में स्थापित किए जाने वाले तीसरी पीढ़ी के मौसम विज्ञान सैटेलाइट का अनुवर्ती मिशन है, और यह पूरी तरह से पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय द्वारा वित्त पोषित है.
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इसरो ने कहा, "GSLV-एफ14/इनसैट-3डीएस मिशन: 17 फरवरी, 2024 को 17.35 बजे प्रक्षेपण के लिए 27.5 घंटे की उल्टी गिनती शुरू हो गई है." एक जनवरी को PSLV-सी58/एक्सपोसैट मिशन के सफल लॉन्चिंग के बाद 2024 में इसरो का यह दूसरा मिशन है. इस सीरीज के आखिरी सैटेलाइट INSAT-3DR को 8 सितंबर 2016 को लॉन्च किया गया था. इस सैटेलाइट का वजन 2,274 किलोग्राम है.
GSLV-F14/INSAT-3DS Mission:
— ISRO (@isro) February 15, 2024
The launch is now scheduled at 17:35 Hrs. IST.
It can be watched LIVE from 17:00 Hrs. IST on
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इनसैट-3 डीएस क्या है?
इनसैट-3 डीएस क्रियान्वित होने के बाद यह पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के तहत विभिन्न विभागों-भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी), राष्ट्रीय समुद्र प्रौद्योगिकी संस्थान (एनआईओटी), राष्ट्रीय मध्यम अवधि मौसम पूर्वानुमान केंद्र और भारतीय राष्ट्रीय समुद्र सूचना सेवा केंद्र को सेवाएं देगा. सैटेलाइट ले जाने वाले रॉकेट की लंबाई 51.7 मीटर है. 51.7 मीटर लंबा रॉकेट इमेजर पेलोड, साउंडर पेलोड, डेटा रिले ट्रांसपोंडर और सैटेलाइट एडेड सर्च एंड रेस्क्यू ट्रांसपोंडर ले जाएगा, जिनका इस्तेमाल कोहरे, बादल, कोहरे, बारिश, बर्फ और उसकी गहराई, धुंआ, आग, भूमि और समंदरों पर स्टडी के लिए किया जाएगा.
क्या है इनसैट सीरीज?
इसरो ने इनसैट को भारत की कम्युनिकेशन, टेलीकास्ट, मौसम विज्ञान और सर्च एंड रेस्क्यू की जरूरतों को पूरा करने के लिए बनाया है. जियो स्टेशरी सैटेलाइट्स की सीरीज की शुरुआत साल 1983 में की गई थी. यह एशिया प्रशांत क्षेत्र में सबसे बड़ा लोकल कम्यूनिकेशन सिस्टम है. कर्नाटक के हासन और मध्य प्रदेश के भोपाल से इस सैटलाइट की निगरानी और कंट्रोल किया जाता है. इस सीरीज के छह सैटेलाइट्स अब तक लॉन्च किए जा चुके हैं.
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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं