दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने आज कहा कि दिल्ली के अंदर सफाई व्यवस्था बहुत खराब है. चारों तरफ कूड़ा है और बहुत ज्यादा कूड़ा है, जिसको लेकर सबको बहुत शर्म भी आती है कि हमारी दिल्ली इतनी गंदी क्यों है और खासतौर से यह जो तीन कूड़े के पहाड़ हैं भलस्वा गाजीपुर और ओखला. यह केवल शर्म का कारण नहीं बल्कि आसपास जितनी आबादी रहती है उनके लिए तो बिल्कुल नर्क की जिंदगी है. 1-1 पहाड़ के आसपास कई कई किलोमीटर इन कूड़े के पहाड़ों की बदबू पहुंचती है. चारों तरफ मक्खी मच्छर हैं, कभी भी इन पहाड़ों में आग लग जाती है तो उसका धुआं चारों तरफ फैलता है. अगर आसपास के लोगों से पूछे हैं तो एक तरह से उनकी जिंदगी नरक बन चुकी है. हमें कोशिश करनी चाहिए थी कि इन तीनों पहाड़ों को खत्म करें और जैसे दुनिया के अन्य शहर हैं जैसे विकसित देश हैं वहां पर सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट की मॉडर्न टेक्निक हैं उनको लाकर दिल्ली में लागू करें, हमको कोशिश यही करनी चाहिए थी, लेकिन वह ना करके आज इन तीनों पहाड़ों की स्थिति यह है कि हजारों करोड़ रुपए खर्च करने के बाद भी पहाड़ों की रोजाना ऊंचाई बढ़ती जा रही है. अब यह सुनने में आ रहा है कि इन तीन पहाड़ों के अलावा यह लोग 16 और जगहों पर नए कूड़े के पहाड़ बनाने की प्लानिंग कर रहे हैं. आप कल्पना कर सकते हैं कि अगर 16 कूड़े के पहाड़ पूरी दिल्ली में बन गए तो लगभग सारी दिल्ली के लोग 24 घंटे बदबू का शिकार होंगे.
केजरीवाल ने आगे कहा कि फिर हर इलाके के अंदर कूड़े का पहाड़ होगा 24 घंटे बदबू आएगी चारों तरफ 24 घंटे मक्खी मच्छर घूमेंगे. चारों तरफ धुआं ही धुआं होगा और दिल्ली कूड़े के पहाड़ की राजधानी बन जाएगी. एक तरफ हम लोगों ने दिल्ली में 500 तिरंगे लगाएं,आज दिल्ली तिरंगों का शहर माना जाता है, लेकिन ये लोग दिल्ली को कूड़े के पहाड़ों का शहर बना देंगे. हम दिल्ली के अंदर ढेरों झील बना रहे हैं बहुत जल्दी दिल्ली झीलों का शहर माना जाएगा. हम दिल्ली के पार्क और गार्डन को बहुत बड़े पैमाने पर विकसित कर रहे हैं.
कोई भी दिल्ली में आएगा तो खूबसूरत पार्क और गार्डन देखेगा और दिल्ली पार्क और गार्डन का शहर माना जाएगा और यह लोग इसको कूड़े के पहाड़ का शहर बना रहे हैं. आज दिल्ली अपनी शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं के लिए दुनिया भर में मानी जाती है और यह लोग इसको पूरे का पहाड़ का शहर बनाना चाहते हैं. मैं समझता हूं दिल्लीवासी भी इससे बहुत नाराज होंगे. देशवासी भी नाराज होंगे. मैं समझता हूं दिल्ली वाले इस फैसले को कबूल नहीं करेंगे.
पिछली मीटिंग में मेरी एलजी साहब से बात हुई थी मैं उनके पास डेटा लेकर गया था. एक कूड़े के पहाड़ का डाटा था कि वहां पर 2500 टन कूड़ा रोजाना आ रहा है जबकि 1500 टन ही प्रोसेस हो रहा है यानी 1000 टन कूड़ा रोजाना वहां पर जुड़ रहा है, कम होने के बजाय कूड़ा बढ़ रहा है. अरविंद केजरीवाल ने कहा कि पूरे देश में हमारे जितने भी जनप्रतिनिधि हैं चाहे विधायकों सांसदों सरपंच हो पार्षद हो उन सब की मीटिंग बुलाई गई है. आपस में सब लोग मिले नहीं हैं हम सब लोग मिलेंगे बैठेंगे और चर्चा करेंगे.
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