सचिन पायलट (Sachin Pilot) और राज्य के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) के 'एकसाथ' आने से राजस्थान में सियासी संकट (Rajasthan Govt Crisis) का करीब-करीब पटाक्षेप हो चुका है. करीब एक महीने के गतिरोध के बाद आज पहली बार गहलोत और पायलट की मुलाकात हुई. इस बीच, राजस्थान बीजेपी के अध्यक्ष सतीश पूनिया (Satish Poonia) ने कहा कि अशोक गहलोत विश्वास प्रस्ताव लाने की तैयार कर रहे थे. हम सिर्फ कांग्रेस की रणनीति का जवाब दे रहे हैं.
पूनिया ने कहा, "हम कोरोना जैसे आम आदमी से जुड़े मुद्दों पर चर्चा करना चाहते हैं. कम से कम इन मुद्दों पर विश्वास प्रस्ताव से पहले चर्चा होनी चाहिए. हमारे पास संख्या बल नहीं है. यह स्पष्ट है. हम मजबूत विपक्ष की भूमिका निभा रहे हैं. हमारी पर्दे के पीछे की कोई रणनीति नहीं है. बता दें कि बीजेपी ने विधानसभा में गहलोत सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने की घोषणा की है. राजस्थान विधानसभा में विपक्ष के नेता गुलाब चंद कटारिया ने कहा, हम अपने सहयोगी दलों के साथ कल विधानसभा में अविश्वास प्रस्ताव ला रहे हैं. राजस्थान का विधानसभा सत्र (Special assembly session)14 अगस्त से प्रारंभ हो रहा है.
वहीं, राजस्थान में कांग्रेस विधायक दल की बैठक को संबोधित करते हुए सीएम अशोक गहलोत ने विधायकों से जो बातें हुईं, उन्हें भूलने को कहा. सचिन पायलट से मुलाकात करने के बाद सीएम ने बैठक में कहा, 'जो बातें हुई उन्हें अब भूल जाओ हम इन 19 विधायकों के बिना भी बहुमत साबित कर देते लेकिन फिर वह खुशी नहीं मिलती क्योंकि अपने तो अपने होते हैं.' सीएम ने कहा, हम खुद विधानसभा में विश्वास प्रस्ताव लाएंगे.
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