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This Article is From Jan 15, 2017

हमें रोज़मर्रा की ज़िन्दगी में ज़्यादा हंसी-मज़ाक की ज़रूरत : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

हमें रोज़मर्रा की ज़िन्दगी में ज़्यादा हंसी-मज़ाक की ज़रूरत : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
पीएम मोदी को लगता है कि हंसी मज़ाक लोगों को तोड़ता नहीं जोड़ता है
चेन्नई: दैनिक जीवन में हास्य-विनोद और व्यंग्य की वकालत करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हास्य को बेहतरीन मरहम करार दिया है और कहा है कि मुस्कान या हंसी, गाली या किसी अन्य हथियार की तुलना में अधिक ताकतवर है.

दिवंगत चो रामास्वामी द्वारा शुरू की गई तमिल पत्रिका 'तुगलक' की 47वीं जयंती को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खासकर इन मशहूर पत्रकार की हास्य-व्यंग्य की क्षमता का उल्लेख किया तथा दैनिक जीवन में उसकी और मांग की. प्रधानमंत्री ने कहा 'मैं समझता हूं कि हमें और व्यंग्य एवं हास्य-विनोद की ज़रूरत है. हास्य-विनोद हमारे जीवन में खुशी लाता है. हास्य-विनोद बेहतरीन मरहम है. मुस्कान या हंसी की ताकत गाली या किसी भी अन्य हथियार की ताकत से अधिक है.'

प्रधानमंत्री ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के ज़रिये नई दिल्ली से कहा 'हास्य-विनोद तोड़ने के बजाय जोड़ता है, और आज हमें इसी की ज़रूरत है. लोगों के बीच, समुदायों के बीच, समाजों के बीच सेतु बनाना.' अपने मित्र रामास्वामी की प्रशंसा करते हुए पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि अभिनेता-पत्रकार को हास्य-व्यंग्य में महारत हासिल थी और वह एक वाक्य या कार्टून के ज़रिये अपनी बात कहने में माहिर थे.

उन्होंने उनके लिए रामास्वामी द्वारा बनाए गए एक कार्टून को याद किया और कहा कि यह वर्तमान स्थिति को बताने के लिए उचित था. उन्होंने कहा 'यह मुझे चो के एक कार्टून की याद दिलाता है, जहां लोग बंदूक से मुझे निशाना बना रहे हैं और आम लोग मेरे आगे खड़े हैं. चो पूछते हैं, असली निशाना कौन है, मैं या आम लोग...? आज के संदर्भ में यह कार्टून कितना उचित है.' प्रधानमंत्री ने गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में उनके कार्यकाल के दिनों से ही उनके करीबी समझे जाने वाले चो रामास्वामी को श्रद्धांजलि दी.

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