पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव के नतीजे कांग्रेस पार्टी के लिए निराशाजनक रहे हैं. पार्टी के लिए सबसे खराब परिणाम, आबादी के लिहाज से देश के सबसे बड़े राज्य यूपी में रहे हैं जहां पार्टी को केवल दो सीटों पर बढ़त मिली है. यूपी में पार्टी, अपनी युवा महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा की अगुवाई में 'लड़की हूं, लड़ सकती हूं' के नारे के साथ चुनावी समर में उतरी थी. पार्टी के खराब प्रदर्शन के बाद प्रियंका गांधी ने कहा कि हम अपनी मेहनत को वोटों में तब्दील नहीं कर पाए.
प्रियंका गांधी को चार साल पहले उनके भाई राहुल गांधी ने, विधानसभा चुनाव के लिए यूपी में पार्टी में नए सिरे से 'जान' फूंकने की जिम्मेदारी सौंपी थी लेकिन ऐसा नहीं हो सका. पार्टी अपनी पिछले विधानसभा चुनाव (2017) के प्रदर्शन सात सीटों से भी नीचे गिरते हुए केवल दो सीटों तक पहंच गई. यही नहीं, पार्टी का वोट प्रतिशत भी गिरते हुए 2.5 फीसदी तक पहुंच गया है. कांग्रेस के प्रदर्शन पर आम आदमी पार्टी के एक नेता ने तंज कसा कि कांग्रेस को अब राजनीति छोड़ देना चाहिए. 'आप' ने कांग्रेस को पंजाब राज्य में करारी हार के लिए मजबूर किया जहां कांग्रेस सत्ता में थी.
शाम को सिलसिलेवार ट्वीट में प्रियंका ने कहा कि पार्टी, अपनी कड़ी मेहनत को वोटों में तब्दील नहीं कर पाई. उन्होंने एक ट्वीट में लिखा, 'लोकतंत्र में लोगों के वोट सर्वोपरि होते हैं. हमारे कार्यकर्ताओं और नेताओं ने कड़ी मेहनत की, संगठन बनाया लोगों के मुद्दों पर लड़े लेकिन इस मेहनत को हम वोटों में तब्दील नहीं कर पाए.'एक अन्य ट्वीट में उन्होंने लिखा, ' कांग्रेस पार्टी सकारात्मक एजेंडे पर चलकर उप्र की बेहतरी व जनता की भलाई के लिए संघर्षशील विपक्ष का कर्तव्य पूरी जिम्मेदारी के साथ निभाती रहेगी.'
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