कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने वायनाड उपचुनाव के लिए बुधवार को अपना नामांकन दाखिल किया. वायनाड में उनका मुकाबला भाकपा के सत्यन मोकेरी और बीजेपी की नव्या हरिदास से होगा. वायनाड का उपचुनाव राहुल गांधी के इस्तीफे की वजह से कराया जा रहा है.वायनाड केरल की एक ऐसी लोकसभा सीट है, जिसके अस्तित्व में आने के बाद से ही उस पर कांग्रेस का कब्जा रहा है.केरल को वामपंथ का गढ़ कहा जाता है, लेकिन वायनाड कांग्रेस का गढ़ है. यहां अब तक हुए चार चुनावों में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) को दूसरे स्थान से ही संतोष करना पड़ा है.वहीं अगर बीजेपी की बात करें तो उसने इस सीट पर हुए अब तक के चार चुनावों में से तीन में अपनी किस्मत आजमाई है.लेकिन केवल एक बार ही वह एक लाख से अधिक वोट हासिल कर पाई है. आइए जानते हैं कि वायनाड लोकसभा सीट का अबतक का सफर कैसा रहा है.
वायनाड से राहुल गांधी का इस्तीफा
इस साल हुए लोकसभा चुनाव में कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने दो सीटों केरल की वायनाड और उत्तर प्रदेश की रायबरेली सीट से चुनाव लड़ा था.उन्हें दोनों ही सीटों पर जीत मिली थी.बाद में उन्होंने वायनाड सीट से इस्तीफा दे दिया था.इस वजह से वहां उपचुनाव कराया जा रहा है.राहुल के इस्तीफे के बाद ही कांग्रेस ने घोषण की थी कि वायनाड का उपचुनाव प्रियंका गांधी वाड्रा लड़ेंगी.इसी क्रम में प्रियंका ने बुधवार को वायनाड से अपना नामांकन पत्र दाखिला किया.इस अवसर पर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, प्रियंका की मां सोनिया गांधी और भाई राहुल गांधी भी मौजूद थे. नामांकन दाखिल करने से पहले प्रियंका ने एक विशाल रोड शो किया.
वायनाड लोकसभा सीट पर उपचुनाव का मतदान 13 नवंबर को कराया जाएगा. वहां वोटों की गिनती 23 नवंबर को कराई जाएगी.
अमेठी ने राहुल को दिखाई वायनाड की राह
राहुल ने 2019 का चुनाव भी दो सीटों से लड़ा था.इसमें वायनाड और उत्तर प्रदेश की अमेठी सीट शामिल थी.लेकिन वो केवल वायनाड से ही जीत पाए थे.अमेठी में उन्हें बीजेपी की स्मृति ईरानी ने मात दी थी.राहुल ने दोनों ही बार वायनाड से शानदार जीत दर्ज की थी.साल 2019 के लोकसभा चुनाव में राहुल गांधी को वायनाड में चार लाख 31 हजार से अधिक वोटों से जीत मिली थी.लेकिन 2024 के चुनाव में उनकी जीत का अंतर घटकर तीन लाख 64 हजार 422 वोट ही रह गया.साल 2024 के चुनाव में राहुल ने सीपीआई नेता एनी राजा का हराया था.
राहुल गांधी को 2019 के चुनाव में सात लाख छह हजार 367 वोट मिले थे.उनके निकटतम उम्मीदवार भाकपा के पीपी सुनीर को दो लाख 74 हजार 597 वोट मिले थे.बीजेपी ने वह चुनाव नहीं लड़ा था.वहीं 2024 के चुनाव में राहुल गांधी को छह लाख 47 हजार 445 वोट मिले थे.वहीं भाकपा की एनी राजा को दो लाख 83 हजार 23 वोट मिले थे. बीजेपी के के सुरेंद्रन को एक लाख 41 हजार 45 वोट मिले थे.
अबतक वायनाड में लोकसभा के कितने चुनाव हुए हैं
वायनाड लोकसभा सीट 2008 में अस्तित्व में आई थी. उसके बाद से ही वायनाड पर कांग्रेस का कब्जा है.पिछले चार चुनावों में कांग्रेस को छोड़कर दूसरा कोई भी जीत नहीं पाया है. वायनाड लोकसभा सीट में विधानसभा की सात सीटें हैं. ये सीटें हैं मन्नाथवेडी, सुल्तानबथेरी, कल्पेट्टा, तिरुवमवैडी, इरनाड, निलांबुर और वांडूर.ये सभी सीटें मनंथावाड़ी, सुल्तानबत्तेरी, कल्पेट्टा और कोझीकोड जिले में वायनाड लोकसभा सीट से 2009 से 2019 तक कांग्रेस के एमआई शानवास जीतते रहे.
साल 2024 के लोकसभा चुनाव में वायनाड में कुल 14 लाख 62 हजार 423 मतदाता थे. इनमें से सात लाख 31 हजार 212 पुरुष और सात लाख 31 हजार 211 महिला मतदाता थीं. मतदान के लिए 10 लाख 84 हजार 653 लोगों ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया था.इनमें से 10 लाख 77 हजार 654 वोट वैध पाए गए थे. वहीं इससे पहले 2019 के चुनाव में वायनाड में मतदाताओं की संख्या 13 लाख 59 हजार 679 थी. इनमें छह लाख 74 हजार 807 पुरुष और छह लाख 84 हजार 871 महिला मतदाता थीं. यानी कि 2019 में वहां पुरुष से अधिक महिला मतदाता थीं.
भाकपा ने दी कांग्रेस को टक्कर
वहीं 2014 में वायनाड में कुल 12 लाख 49 हजार 420 मतदाता थे. इनमें से छह लाख 14 हजार 822 पुरुष और छह लाख 34 हजार 598 महिलाएं थीं. उस चुनाव में नौ लाख 15 हजार छह मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया है. इनमें से नौ लाख चार हजार 271 वोट वैध पाए गए थे. उस चुनाव में चार लाख 54 हजार 300 पुरुष और चार लाख 60 हजार 706 महिला मतदाता थीं. इस चुनाव में कांग्रेस के एमआई शानवास ने भाकपा के सत्यन मोकेरी को हराया था. शानवास को तीन लाख 77 हजार 35 वोट मिले थे. वहीं भाकपा उम्मीदवार को तीन लाख 56 हजार 165 वोट मिले थे. इस तरह कांट की एक लड़ाई में भाकपा यह चुनाव 20 हजार 870 वोटों से हार गई थी.
साल 2009 के चुनाव में वायनाड में मतदाताओं की संख्या 11 लाख दो हजार 97 थी. इनमें पांच लाख तीन हजार 764 पुरुष मतदाता और पांच लाख 58 हजार 333 महिलाएं थीं. इस चुनाव कुल आठ लाख 23 हजार 694 मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया. वोट देने वालों में चार लाख 13 हजार 380 पुरुष और चार लाख आठ हजार 764 महिला मतदाता थीं. इस चुनाव में कांग्रेस के एमआई शानवास ने भाकपा के एडवोकेट एम रहमतुल्ला को एक लाख 53 हजार 439 वोटों के विशाल अंतर से हराया था. शानवास को चार लाख 10 हजार 703 और रहमतुल्ला को दो लाख 57 हजार 264 वोट मिले थे.
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