तेलंगाना में एक अस्पताल का वार्ड महिला के लिए शादी का मंडप बन गया, जिसे उसके विशेष दिन(शादी) से ठीक पहले भर्ती कराया गया था. गरीब परिवार से ताल्लुक रखने वाली शैलजा को शादी से एक दिन पहले सर्जरी के लिए मनचेरियल के अस्पताल ले जाना पड़ा. शादी के सभी इंतजाम हो चुके थे. शादी समारोह में शामिल होने के लिए सभी रिश्तेदार घर पर पहुंच गए थे. ऐसे में परिवार इस दुविधा में था कि क्या करें? दुल्हन के बिना शादी हो नहीं सकती, ऐसे में पैसे की बहुत बर्बादी होती.
लेकिन शैलजा के भाग्य में कुछ और ही लिखा था. दूल्हा चाहता था कि वह तय दिन ही शादी करे, ताकि समारोह के लिए खर्च किए गए पैसे की बर्बादी न हो. तब दोनों परिवारों ने डॉक्टरों से संपर्क किया और उनसे अस्पताल के वार्ड में शादी की रस्में करने की अनुमति देने का अनुरोध किया. परिवारों के आश्चर्य का ठिकाना नहीं रहा, जब अस्पताल ने न केवल सहमति व्यक्त की, बल्कि अस्पताल में शादी की सारी व्यवस्था भी की.
अस्पताल में हुई इस शादी का एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. वीडियो में दिखाया गया है कि शैलजा अस्पताल में बिस्तर पर हैं और शादी की रस्में निभाई जा रही हैं. इस दौरान शैलजा की आंखों में आंसू थे, क्योंकि आखिरकार अस्पताल के बिस्तर पर ही सही, लेकिन उनकी शादी हो रही थी. इस दौरान दूल्हा उसके आंसू पोंछ रहा था.
शैलजा की बहन ने कहा कि अस्पताल ने न केवल मेरी बहन की जान बचाई, बल्कि अस्पताल के अंदर शादी का आयोजन करके माता-पिता की भूमिका भी निभाई. अस्पताल के एक डॉक्टर ने कहा कि इस दौरान रियल हीरो दुल्हा साबित हुआ. दुल्हे ने शादी समारोह को रद्द करने की बजाए, तय समय पर ही रस्में निभाई. इस दौरान उन्होंने यह नहीं देखा कि वह एक शादी के मंडप में नहीं, बल्कि अस्पताल के वार्ड में है. हर किसी में ऐसा जज्बा देखने को नहीं मिलता है.
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