
वक्फ संशोधन कानून आज से लागू हो गया है. सरकार ने गजट में इससे जुड़ी अधिसूचना प्रकाशित की है. इसके साथ ही ये कानून आज से ही अमल में आ गया है. पिछले सप्ताह ही संसद और राष्ट्रपति ने वक्फ संशोधन विधेयक को मंजूरी दे दी थी. मंगलवार को केंद्र ने इसे लेकर अधिसूचना जारी कर दी और आठ अप्रैल से यह कानूनी रूप से प्रभावी हो गया.
इससे पहले वक्फ संशोधन विधेयक को लेकर पहले लोकसभा और फिर राज्यसभा में मैराथन बहस हुई. लोकसभा ने जहां वक्फ संशोधन बिल को 232 के मुकाबले 288 मतों से सदन की मंजूरी मिल गई, वहीं पर राज्यसभा में वक्फ संशोधन विधेयक के पक्ष में 128 मत पड़े तो विपक्ष में 95 मत पड़े थे. इसके बाद राष्ट्रपति ने भी इस विधेयक को मंजूरी दे दी थी.
उधर, सुप्रीम कोर्ट में वक्फ संशोधन को चुनौती देने वाली 15 याचिकाएं दायर की जा चुकी हैं. इन याचिकाओं पर अब सुप्रीम कोर्ट 16 अप्रैल को सुनवाई करेगा. इस मामले में केंद्र सरकार की ओर से कोर्ट में कैविएट दायर की गई है.
इन लोगों या संगठनों ने दाखिल की याचिका
- मोहम्मद जावेद (कांग्रेस सांसद) (पहली याचिका)
- असदुद्दीन ओवैसी (AIMIM नेता)
- एसोसिएशन फॉर प्रोटेक्शन ऑफ सिविल राइट्स (NGO)
- अमानतुल्लाह खान (AAP नेता)
- मौलाना अरशद मदनी (जमीयत उलेमा-ए-हिंद)
- समस्थ केरल जमीयतुल उलेमातैय्यब खान सलमानी (कानून के छात्र)
- अंजुम कादरी (एक्टिविस्ट)
- ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड
- SDPI
- IUML
- ए राजा के माध्यम से DMK
- कांग्रेस पार्टी से सांसद इमरान प्रतापगढ़ी
- RJD की तरफ से सांसद मनोज झा और फैयाज अहमद ने दायर की याचिका
वक्फ संशोधनों को लेकर विपक्ष और कई मुस्लिम संगठन विरोध कर रहे हैं. उनका आरोप है कि इसके जरिए मुस्लिमों के धार्मिक मामले में छेड़छाड़ की गई है. साथ ही वह इसे भेदभावपूर्ण और संविधान के आर्टिकल 25 का उल्लंघन भी बता रहे हैं. वहीं सरकार ने वक्फ संशोधन बिल को मुसलमानों के हित का बताया है
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